हरिद्वार: एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. ईटीवी भारत द्वारा दिखाई गई हंसी प्रहरी की कहानी का संज्ञान लेते हुए हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने एसडीएम हरिद्वार गोपाल सिंह रावत को दिशा-निर्देश दिए हैं. उन्होंने जल्द से जल्द हंसी की समस्या को हल किए जाने और जो भी आवश्यकताएं हंसी की है उन्हें पूरा करने की बात कही है.
जिलाधिकारी सी रविशंकर के निर्देश के बाद एसडीएम गोपाल सिंह रावत ने हंसी से मिलने की बात कही है. उनका कहना है कि वो जल्द हंसी से मिलने नेहरू युवा केंद्र जाएंगे और उनकी समस्याओं को जानेंगे, जिसके बाद उनके निराकरण का हरसंभव प्रयास किया जाएगा.
वहीं, ईटीवी भारत पर खबर प्रकाशित होने के बाद कुमाऊं यूनिवर्सिटी में साथ पढ़ने वाले दोस्त भी अब हंसी से संपर्क कर रहे हैं. खबर लगने के अगली ही सुबह हंसी से उनकी दोस्त शालिनी नागरकोटी पहुंचीं. दोनों ने घंटों बैठकर बातचीत की. यही नहीं, हंसी के सीनियर रहे डिप्टी कमिश्नर देहरादून भुवन पांडेय ने भी फोन पर हंसी से बात की है. उनका कहना है कि बीते दिनों की बातों पर हंसी खुलकर बात कर रही हैं. हंसी को आर्थिक सहायता देने वाले भी सामने आये हैं. हरिद्वार की गंग ज्योति संस्था ने भी हंसी की आर्थिक मदद की है.
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बता दें कि, ईटीवी भारत ने समाज को एक ऐसी महिला की कहानी से रूबरू कराने काम किया था जो कभी कुमाऊं विश्वविद्यालय की शान रही हैं. छात्रा यूनियन वाइस प्रेसिडेंट रहीं हंसी ने कुमाऊं विश्वविद्यालय से दो बार एमए की पढ़ाई अंग्रेजी में पास करने के बाद विश्वविद्यालय में ही लाइब्रेरियन की नौकरी की लेकिन आज ये हालात हैं कि पढ़ाई-लिखाई में तेज हंसी अपने 6 साल के बच्चे के साथ हरिद्वार की सड़कों, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और गंगा घाटों पर भिक्षा मांगने पर मजबूर हैं. हंसी मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर विधानसभा क्षेत्र के हवालबाग विकासखंड के अंतर्गत पड़ने वाले गोविंदपुर के पास रणखिला गांव की निवासी हैं.