लक्सर: राहत शिविरों में रह रहे प्रवासी कामगारों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है. तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ाए जाने के बाद कई लोग घर जाने की जिद कर रहे हैं. कुछ लोगों ने इस दौरान हंगामा करते हुए भूख हड़ताल भी की थी. हालांकि पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें समझा कर शांत कर दिया था. वहीं मंगलवार को हरिद्वार डीएम और एसएसपी ने लक्सर में इन राहत शिविरों का निरीक्षण भी किया.
इस दौरान डीएम और एसएसपी ने राहत शिविरों में रह रहे लोगों से उनकी समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली. लोगों की समस्या सुनने के बाद डीएम ने स्थानीय प्रशासन को उचित दिशा-निर्देश भी दिए. इसके बाद डीएम और एसएसपी ने यूपी से लगी हुई सीमाओं का भी जायजा लिया. लॉकडाउन के बाद उत्तराखंड की सीमा पूरी तरह से सील है. बाहरी प्रदेश से किसी भी व्यक्ति को उत्तराखंड में आने की अनुमति नहीं है.
पढ़ें- हरिद्वार में मिले कोरोना के 2 नये मरीज, संख्या बढ़कर हुई 37
बता दें कि लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद पंजाब और हरियाणा से बड़ी संख्या में मजदूर पैदल ही अपने घरों को निकले थे. वे जैसे-तैसे लक्सर तक पहुंचे गए थे, लेकिन लक्सर प्रशासन ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया और लॉकडाउन की अवधि तक उन्हें राहत शिविरों में रखा गया है. लेकिन जैसे ही लॉकडाउन आगे बढ़ाने की खबर उन्हें मिली सभी घर जाने के लिए हंगामा करने लगे थे. हालांकि प्रशासन ने उन्हें समझाकर शांत कर दिया था. इसी वजह से मंगलवार को हरिद्वार डीएम और एसएसपी इन राहत शिविरों में पहुंचे और लोगों से बात की.