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हरिद्वार जिपं के पूर्व अध्यक्ष ने किया परिसीमन का विरोध, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

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Published : Jun 28, 2022, 12:14 PM IST

Updated : Jun 28, 2022, 12:58 PM IST

हरिद्वार के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राव आफाक अली ने सरकारी परिसीमन का विरोध किया है. उनका आरोप है कि हरिद्वार में गलत परिसीमन कर पहले क्षेत्र बनाया जा रहा है. फिर जिला पंचायत बनाए जा रहे हैं, जो संविधान के अनुरूप नहीं है.

Rao Afaq Ali opposed government delimitation
जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष राव आफाक अली

हरिद्वारः जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष राव आफाक अली ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत व ग्राम पंचायतों के वार्डों के परिसीमन नियमों व भौगोलिक आधार के विरुद्ध मनमाने तरीके से षड़यंत्र के तहत किए गए हैं. जिस पर उन्हें घोर आपत्ति है. उन्होंने कहा कि खुद किए गए परिसीमन को गलत मान दोबारा परिसीमन किया गया, लेकिन अब उसमें भी आपत्तियां दर्ज की गई. जिस पर डीएम और डीपीआरओ ने उन आपत्तियों को ही सुनने से इनकार कर दिया.

हरिद्वार प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राव आफाक अली ने कहा कि सरकार के रंग ढंग देख नहीं लगता कि सरकार जिला पंचायत के चुनाव कराने के मूड में है. पहले से देरी के बावजूद इसमें कोई निर्णय नहीं लिया गया है. यदि सरकार चुनाव कराती है तो उसमें सत्ता की भूख इस कदर हावी है कि वो ग्राम पंचायत के सदस्य पद के लिए भी छेड़छाड़ करा सकती है. उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ये हो गया है कि क्षेत्र का गलत परिसीमन कर पहले क्षेत्र और फिर जिला पंचायत बनाए जा रहे हैं, जो संविधान के कतई अनुरूप नहीं है.

ये भी पढ़ेंः परिसीमन ने पहाड़ी राज्य की उम्मीदों पर फेरा पानी, जानें कैसे मैदान में सिमटी उत्तराखंड की राजनीति

कानूनी रूप से जो भी परिसीमन किया जाता है, वो पूर्वी उत्तर दिशा से शुरू होकर दक्षिण पश्चिम दिशा तक जाता है. लेकिन सरकार की ओर से किए गए परिसीमन में यह नियम भी ताक पर रख दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके गांव सलेमपुर को भी दो भागों में विभाजित किया गया है. एक का नाम बांग्ला और दूसरे का नाम बहादराबाद रख दिया गया है. जबकि, बहादराबाद और बांग्ला से ज्यादा जनसंख्या सलेमपुर की है. जिला पंचायत में सलेमपुर नाम से एक सीट हुआ करती थी, जिसे प्रशासन ने खत्म कर दिया है.

उन्होंने मांग की कि हम सिर्फ इमानदारी से यह चाहते हैं कि गांव के जो परिसीमन पूर्व में हुए हुए हैं, जो गांव पहले से एक दूसरे से मिले हुए हैं, जिनका भौगोलिक आकार पहले से एक जैसा है, उसी के आधार पर किए गए परिसीमन को प्रशासन ठीक करे. उन्होंने दावा किया कि यदि बीजेपी इस बार चुनाव में ईमानदारी से मैदान में आती है तो उनका समर्थित एक भी प्रत्याशी जीत नहीं पाएगा. जिस तरह बीते चुनाव में बीजेपी को सिर्फ तीन चार सीट मिली थीं, इस बार वो मिलनी भी मुश्किल हो जाएंगी.

हरिद्वारः जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष राव आफाक अली ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत व ग्राम पंचायतों के वार्डों के परिसीमन नियमों व भौगोलिक आधार के विरुद्ध मनमाने तरीके से षड़यंत्र के तहत किए गए हैं. जिस पर उन्हें घोर आपत्ति है. उन्होंने कहा कि खुद किए गए परिसीमन को गलत मान दोबारा परिसीमन किया गया, लेकिन अब उसमें भी आपत्तियां दर्ज की गई. जिस पर डीएम और डीपीआरओ ने उन आपत्तियों को ही सुनने से इनकार कर दिया.

हरिद्वार प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राव आफाक अली ने कहा कि सरकार के रंग ढंग देख नहीं लगता कि सरकार जिला पंचायत के चुनाव कराने के मूड में है. पहले से देरी के बावजूद इसमें कोई निर्णय नहीं लिया गया है. यदि सरकार चुनाव कराती है तो उसमें सत्ता की भूख इस कदर हावी है कि वो ग्राम पंचायत के सदस्य पद के लिए भी छेड़छाड़ करा सकती है. उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ये हो गया है कि क्षेत्र का गलत परिसीमन कर पहले क्षेत्र और फिर जिला पंचायत बनाए जा रहे हैं, जो संविधान के कतई अनुरूप नहीं है.

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कानूनी रूप से जो भी परिसीमन किया जाता है, वो पूर्वी उत्तर दिशा से शुरू होकर दक्षिण पश्चिम दिशा तक जाता है. लेकिन सरकार की ओर से किए गए परिसीमन में यह नियम भी ताक पर रख दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके गांव सलेमपुर को भी दो भागों में विभाजित किया गया है. एक का नाम बांग्ला और दूसरे का नाम बहादराबाद रख दिया गया है. जबकि, बहादराबाद और बांग्ला से ज्यादा जनसंख्या सलेमपुर की है. जिला पंचायत में सलेमपुर नाम से एक सीट हुआ करती थी, जिसे प्रशासन ने खत्म कर दिया है.

उन्होंने मांग की कि हम सिर्फ इमानदारी से यह चाहते हैं कि गांव के जो परिसीमन पूर्व में हुए हुए हैं, जो गांव पहले से एक दूसरे से मिले हुए हैं, जिनका भौगोलिक आकार पहले से एक जैसा है, उसी के आधार पर किए गए परिसीमन को प्रशासन ठीक करे. उन्होंने दावा किया कि यदि बीजेपी इस बार चुनाव में ईमानदारी से मैदान में आती है तो उनका समर्थित एक भी प्रत्याशी जीत नहीं पाएगा. जिस तरह बीते चुनाव में बीजेपी को सिर्फ तीन चार सीट मिली थीं, इस बार वो मिलनी भी मुश्किल हो जाएंगी.

Last Updated : Jun 28, 2022, 12:58 PM IST
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