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झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ छापेमारी, एक क्लीनिक सील - स्वामी चिन्मयानंद न्यूज

हरिद्वार सीएमओ सरोज नैथानी के फर्जी अस्पतालों में छापेमारी से हड़कंप मच गया. वहीं, मौके से अस्पताल संचालक और स्टाफ निरीक्षण से पहले ही फरार हो गये. सीएमओ ने एक क्लीनिक सीज कर दिया है और दूसरे को सीज करने की तैयारी चल रही है.

क्लीनिक सीज करते हुए अधिकारी.
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Published : Oct 10, 2019, 11:12 PM IST

Updated : Oct 10, 2019, 11:45 PM IST

रुड़की: शहर में डेंगू और वायरल बुखार लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में झोलाछाप डॉक्टर खूब चांदी काट रहे हैं. इसकी शिकायत पर सीएमओ हरिद्वार द्वारा रुड़की के रामपुर गांव स्थित एक निजी अस्पताल में छापा मारा. इस छापेमारी से शहर से लेकर देहात तक झोलाछाप डॉक्टरों में हड़कम्प मचा रहा.

झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ छापेमारी.

दरअसल, हरिद्वार सीएमओ सरोज नैथानी को शिकायत मिली थी कि शहर में कुछ अस्पताल अवैध रूप से चल रहे हैं. जिसके बाद कार्रवाई करते हुए उनके द्वारा रुड़की के रामपुर स्थित प्राइवेट अस्पताल पर छापा मारा. इस छापेमारी से अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया. वहीं मौके से अस्पताल संचालक और स्टाफ निरीक्षण से पहले ही फरार हो गया.

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सीएमओ हरिद्वार का कहना है कि कलियर थाना क्षेत्र के धनौरी में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पुलिस को साथ लेकर क्षेत्र में चल रहे अवैध तरीके से झोलाछाप डाक्टरों की डिग्रियां और दस्तावेजों की भी जांच की. इस दौरान प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों के दस्तावेजों को अमान्य करते हुए एक क्लीनिक को भी सील कर दिया. बता दें कि रुड़की के भगवानपुर में 2 गांवों के 20 लोगों की मौत हो चुकी है. जिनका इलाज गांव के ही डॉक्टर कर रहे थे. जिनके पास ना डीग्री थी और ना लाइसेंस.

रुड़की: शहर में डेंगू और वायरल बुखार लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में झोलाछाप डॉक्टर खूब चांदी काट रहे हैं. इसकी शिकायत पर सीएमओ हरिद्वार द्वारा रुड़की के रामपुर गांव स्थित एक निजी अस्पताल में छापा मारा. इस छापेमारी से शहर से लेकर देहात तक झोलाछाप डॉक्टरों में हड़कम्प मचा रहा.

झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ छापेमारी.

दरअसल, हरिद्वार सीएमओ सरोज नैथानी को शिकायत मिली थी कि शहर में कुछ अस्पताल अवैध रूप से चल रहे हैं. जिसके बाद कार्रवाई करते हुए उनके द्वारा रुड़की के रामपुर स्थित प्राइवेट अस्पताल पर छापा मारा. इस छापेमारी से अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया. वहीं मौके से अस्पताल संचालक और स्टाफ निरीक्षण से पहले ही फरार हो गया.

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सीएमओ हरिद्वार का कहना है कि कलियर थाना क्षेत्र के धनौरी में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पुलिस को साथ लेकर क्षेत्र में चल रहे अवैध तरीके से झोलाछाप डाक्टरों की डिग्रियां और दस्तावेजों की भी जांच की. इस दौरान प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों के दस्तावेजों को अमान्य करते हुए एक क्लीनिक को भी सील कर दिया. बता दें कि रुड़की के भगवानपुर में 2 गांवों के 20 लोगों की मौत हो चुकी है. जिनका इलाज गांव के ही डॉक्टर कर रहे थे. जिनके पास ना डीग्री थी और ना लाइसेंस.

Intro:रूडकी

रूड़की क्षेत्र में लगातार डेंगू और वायरल बुखार ने अफरा तफरी मचा रखी है ऐसे में झोला छाप डॉक्टरों द्वारा डेंगू और वायरल बुखार के इलाज की आड़ में मरीज़ों की जेबो पर डाका डालने का काम किया जा रहा है। ऐसी ही शिकायत पर सीएमओ हरिद्वार अचानक रुड़की के रामपुर गांव जा पहुंची जहां अवैध रूप से संचालित प्राइवेट अस्पताल में 20 से 25 मरीज़ भर्ती मिले। मौके से अस्पताल संचालक व स्टाफ सीएमओ के औचक निरीक्षण से पहले ही फरार हो गया यही नहीं सीएमओ के छापे की सूचना से शहर से लेकर देहात तक झोला छाप डॉक्टरों में हड़कम्प मच गया।

बता दें कि हरिद्वार सीएमओ सरोज नैथानी अचानक रुड़की के रामपुर में प्राइवेट अस्पताल के संचालित होने की सूचना पर जा पहुंची जिसके बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। वहीं मौके से अस्पताल संचालक व समस्त स्टाफ सीएमओ के निरीक्षण से पहले ही फरार हो गया। अस्पताल के अंदर सुविधाओं का अभाव था लेकिन इसके बावजूद 20 से 25 मरीज जो काफी तेज बुखार से पीड़ित भर्ती पाए गए।

Body:इसी के साथ कलियर थाना क्षेत्र के धनौरी में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पुलिस को साथ लेकर क्षेत्र में चल रहे अवैध तरीके से झोलाछाप डाक्टरो की डिग्रियां और दस्तावेजों की जाँच की। इस दौरान प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टर के दस्तावेजों को जांच करने पर उनकी डिग्रियों को अमान्य करते हुए जान सार्थक क्लीनिक को सील कर दिया।

वहीं सीएमओ हरिद्वार का कहना है कि अस्पताल अवैध रूप से चल रहा है जिसका कोई भी कागज मौके पर नहीं दिखाया गया है अस्पताल संचालक को नोटिस जारी कर दिया गया है और अस्पताल को सील कर दिया गया है।
Conclusion:
दरअसल रुड़की से लेकर देहात क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार फैली हुई है ऐसे में अगर बात करें तो रुड़की और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू और वायरल बुखार ने अपने पैर पसार रखे हैं जिसके चलते झोलाछाप डॉक्टर गरीब से गरीब मरीज को मोटी रकम वसूल रहे हैं। यही नहीं अगर बात करें तो भगवानपुर के 2 गांव में अभी तक 20 मौत हो चुकी है जिनका इलाज गांव के चिकित्सक ही कर रहे थे जिनके पास न डीग्री न लाइसेंस था।

बाइट - सरोज नैथानी (सीएमओ हरिद्वार)
Last Updated : Oct 10, 2019, 11:45 PM IST
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