हरिद्वार: भेल अब देश की सेना के लिए भी ऑक्सीजन बनाएगा. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और उत्तराखंड में ऑक्सीजन सप्लाई करके सैकड़ों लोगों सांसों को थामने वाले हरिद्वार भेल को अब सेना की जिम्मेदारी दी गई है. कोविड-19 की लड़ाई में अहम भूमिका निभा रहे भेल के ईडी संजय गुलाटी की मानें तो उन्हें इस बात को लेकर बेहद खुशी है. अभी खुद कोरोना संक्रमण से जूझ रहे संजय गुलाटी का कहना है कि अब यह बीमारी उनका कुछ भी करे लेकिन, उन्हें इस बात की संतुष्टि है कि वह अपने स्टाफ के साथ महामारी के इस माहौल में आम जनता के साथ-साथ सेना के लिए भी 'सांसें' बनाएंगे.
भेल शुरुआती दिनों में मात्र 200 से 300 ऑक्सीजन सिलेंडर भरने का काम कर रहा था, लेकिन रातों-रात प्लांट को अपग्रेड करके बीएचएल अब रोजाना दिल्ली, हरियाणा, यूपी सहित देश के अलग-अलग राज्यों को दो हजार ऑक्सीजन सिलेंडरों की सप्लाई कर रहा है. संजय गुलाटी की मानें तो उन्हें इस बात की खुशी है कि सेना ने भी उन पर भरोसा जताया है. सेना के तमाम अस्पतालों की जिम्मेदारी भी BHEL को दी गई है.
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इसके अलावा BHEL ने अपने अस्पताल को कोविड-19 हॉस्पिटल के रूप में तब्दील कर दिया है, जिसमें मरीजों का आना भी शुरू हो गया है. संजय गुलाटी कहते हैं कि इस पूरे कार्य में डॉक्टर, नर्स अलग-अलग डिपार्टमेंट और ऑक्सीजन प्लांट में लगभग 300 से अधिक अपने कर्मचारियों को लगाया है. ये सभी दिन रात कठिन हालातों में लोगों की सेवा कर रहे हैं.
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BHEL के ईडी संजय गुलाटी ने कहा कि वैसे भेल के पास ऑक्सीजन प्लांट चलाने का लाइसेंस नहीं था. ऑक्सीजन अब तक सिर्फ अपने प्लांट के लिए ही बनाई जाती थी. यह काम और प्रोसेस बेहद लंबा था. लेकिन हरिद्वार जिलाधिकारी और उनके उच्च अधिकारियों ने इस काम को घंटों में पूरा कर दिया है. जिस वजह से आज वह अलग-अलग राज्यों में ऑक्सीजन सप्लाई कर पा रहे हैं.