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अगले शाही स्नान के लिए हरिद्वार प्रशासन सतर्क, कोविड गाइडलाइन का पालन अनिवार्य - हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर

हरिद्वार कुंभ में लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. शाही स्नान को लेकर जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा.

Haridwar
हरिद्वार
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Published : Mar 15, 2021, 5:35 PM IST

हरिद्वार: देश में एक बार फिर कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है. कई राज्यों में कोरोना के मरीज बढ़ने के बाद वहां दोबारा से लॉकडाउन की स्थिति उत्पन्न हो रही है. हरिद्वार में कुंभ महापर्व शुरू हो चुका है और यहां देश दुनिया से लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने आ रहे हैं. पहला शाही स्नान महाशिवरात्रि को सकुशल संपन्न हो गया मगर आगामी शाही स्नान को लेकर जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा.

कुंभ के अगले शाही स्नान को लेकर हरिद्वार प्रशासन सतर्क

जिलाधिकारी सी रविशंकर मेला क्षेत्र की वर्तमान स्थिति को फिलहाल सही मानते हैं. इनका कहना है कि बीते स्नान के दौरान करीब 50 हजार के आसपास श्रद्धालुओं की कोरोना टेस्टिंग की गई, जिसमें से सिर्फ 15 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. बॉर्डर पर जांच के दौरान पॉजिटिव आए श्रद्धालुओं को वहां से वापस भेज दिया गया.

वहीं, मेला क्षेत्र में जांच के दौरान पॉजिटिव आए लोगों को आइसोलेट किया गया है. अगले स्नानों को देखते हुए मेला क्षेत्र में पुलिस और प्रशासन मास्क पहनने को लेकर सख्ती करने जा रहा है. अभी भी मास्क न पहनने वालों के खिलाफ चालान की कार्रवाई की जा रही है जिसे आने वाले दिनों में और तेजी से बढ़ाया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः बीजेपी संगठन में भी जल्द होगा बदलाव, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने दिए संकेत

जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कहा कि फिलहाल जिले में किसी तरह के लॉकडाउन लगाने की न तो जरूरत महसूस की जा रही है और ना ही किसी तरह का कोई आदेश प्राप्त हुआ है साथ ही जिन राज्यों में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ी है उन राज्यों से आने वाले यात्रियों को लेकर भी सतर्कता बरती गई है. मगर अभी तक हमें ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है कि वहां के आने वाले श्रद्धालुओं को हरिद्वार आने से रोका जाए यदि इस तरह का कोई आदेश सरकार से मिलता है तो उसका भी पालन किया जाएगा.

बीते शाही स्नान के दौरान कोरोना को लेकर शासन प्रशासन की लापरवाही साफ नजर आई थी. शहर में बाहर से आए यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए दो तरह की कानून व्यवस्था थी. जहां स्थानीय लोगों के जगह-जगह चालान किये गए तो वहीं बाहर से आने वाले किसी भी यात्री या साधु-संत को मास्क तक पहनने के लिए प्रशासन द्वारा नहीं कहा गया था.

हरिद्वार: देश में एक बार फिर कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है. कई राज्यों में कोरोना के मरीज बढ़ने के बाद वहां दोबारा से लॉकडाउन की स्थिति उत्पन्न हो रही है. हरिद्वार में कुंभ महापर्व शुरू हो चुका है और यहां देश दुनिया से लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने आ रहे हैं. पहला शाही स्नान महाशिवरात्रि को सकुशल संपन्न हो गया मगर आगामी शाही स्नान को लेकर जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा.

कुंभ के अगले शाही स्नान को लेकर हरिद्वार प्रशासन सतर्क

जिलाधिकारी सी रविशंकर मेला क्षेत्र की वर्तमान स्थिति को फिलहाल सही मानते हैं. इनका कहना है कि बीते स्नान के दौरान करीब 50 हजार के आसपास श्रद्धालुओं की कोरोना टेस्टिंग की गई, जिसमें से सिर्फ 15 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. बॉर्डर पर जांच के दौरान पॉजिटिव आए श्रद्धालुओं को वहां से वापस भेज दिया गया.

वहीं, मेला क्षेत्र में जांच के दौरान पॉजिटिव आए लोगों को आइसोलेट किया गया है. अगले स्नानों को देखते हुए मेला क्षेत्र में पुलिस और प्रशासन मास्क पहनने को लेकर सख्ती करने जा रहा है. अभी भी मास्क न पहनने वालों के खिलाफ चालान की कार्रवाई की जा रही है जिसे आने वाले दिनों में और तेजी से बढ़ाया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः बीजेपी संगठन में भी जल्द होगा बदलाव, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने दिए संकेत

जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कहा कि फिलहाल जिले में किसी तरह के लॉकडाउन लगाने की न तो जरूरत महसूस की जा रही है और ना ही किसी तरह का कोई आदेश प्राप्त हुआ है साथ ही जिन राज्यों में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ी है उन राज्यों से आने वाले यात्रियों को लेकर भी सतर्कता बरती गई है. मगर अभी तक हमें ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है कि वहां के आने वाले श्रद्धालुओं को हरिद्वार आने से रोका जाए यदि इस तरह का कोई आदेश सरकार से मिलता है तो उसका भी पालन किया जाएगा.

बीते शाही स्नान के दौरान कोरोना को लेकर शासन प्रशासन की लापरवाही साफ नजर आई थी. शहर में बाहर से आए यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए दो तरह की कानून व्यवस्था थी. जहां स्थानीय लोगों के जगह-जगह चालान किये गए तो वहीं बाहर से आने वाले किसी भी यात्री या साधु-संत को मास्क तक पहनने के लिए प्रशासन द्वारा नहीं कहा गया था.

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