हरिद्वार: महाराष्ट्र और कर्नाटक से शुरू हुए लाउडस्पीकर विवाद की आंच उत्तराखंड तक पहुंच गई है. हरिद्वार के शांभवी आश्रम के संत आनंद स्वरूप ने शुक्रवार 8 अप्रैल को लाउडस्पीकर लगवाकर हनुमान चालीसा का पाठ किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरह से दूसरे धर्म के लोग समय-समय पर लाउडस्पीकर के जरिए अजान सुनाते हैं, उसी तरह वो भी अब अजान के समय लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे.
आनंद स्वरूप ने कहा कि जिस तरह से दूसरे समुदाय के लोग अपने धर्म का प्रचार कर रहे हैं, उसी तरह से वो भी अपने धर्म का प्रचार करेंगे. या तो ये सब बंद होना चाहिए वर्ना वो भी मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. आनंद स्वरूप ने बताया कि उन्होंने अपने आश्रम में लाउडस्पीकर लगाकार हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर दिया है.
वहीं, आनंद स्वरूप का विश्व हिंदू परिषद की फायर ब्रांड नेता साध्वी प्राची ने भी समर्थन किया है. उनका कहना है कि ऊपरवाले को मस्जिद के अंदर शांतिपूर्वक ढंग से भी याद किया जा सकता है. बता दें कि ये पूरा विवाद महाराष्ट्र से शुरू हुआ था. राज ठाकरे ने कहा था कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल बंद हो. अगर ऐसा नहीं हुआ तो मस्जिदों के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा. इसके बाद ये मुद्दा कर्नाटक पहुंच गया और कई हिंदू संगठनों ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर बंद करने की मांग की.
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लाउडस्पीकर विवाद बढ़ने के बाद कर्नाटक और महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में सख्त रूख अख्तियार किया है. दोनों प्रदेशों की सरकार ने लाउडस्पीकर की आवाज तय सीमा में रखने के आदेश जारी किए है. साथ ही इसको लेकर मस्जिद और मंदिर को नोटिस भी जारी किए गए हैं.