हरिद्वार: हर साल कार्तिक पूर्णिमा के स्नान पर ज्ञान गोदड़ी का मामला गरमा जाता है. इस बार भी ऐसी आशंका के चलते हरिद्वार जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है. दरअसल, आज ही गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व होता है. सिख समुदाय के लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन हरकी पैड़ी पर अपने पौराणिक ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारे पर अरदास और कीर्तन करना चाहते हैं, जिसको लेकर देशभर से कई सिख संगठनों के लोग हरिद्वार पहुंचते हैं. ऐसे में हरिद्वार जिला प्रशासन ने कानून व्यवस्था बिगड़ने के डर से उस जगह को पूरी तरह से सील कर दिया है और वहां पर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है.
हरिद्वार पुलिस प्रशासन ने हरकी पैड़ी क्षेत्र में गुरुवार (18 नवंबर) देर रात ही बैरिकेडिंग कर पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया था. साथ ही आसपास के क्षेत्र में भी बैरिकेडिंग लगाई गई है. जनपद की सीमाओं पर भी नजर रखी जा रही है. दरअसल हरकी पैड़ी के पास भारत स्काउट्स एंड गाइड्स का कार्यालय है, जिस पर ऑल इंडिया सिख कॉन्फ्रेंस प्राचीन ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारा होने का दावा काफी लंबे समय से करता रहा है और सरकार से यहां पर ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारा बनाए जाने की मांग कर रहा है.
पुलिस-प्रशासन ने पहले से ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए हैं. एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने बताया कि शांति व्यवस्था बनाने के लिए हरकी पैड़ी के पास स्काउट्स गाइड कार्यालय के बाहर बैरिकेडिंग और पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है, साथ ही बॉर्डर्स पर भी निगरानी की जा रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.
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क्या है गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी मामला: दरअसल, गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी का मामला कई साल बाद भी नहीं निपट सका है. साल 2009 से हरिद्वार हरकी पैड़ी पर ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारा बनाने की मांग चल रही है. सिख समाज की मांग है कि हरकी पैड़ी पर गुरुद्वारा बनाने के लिए जगह दी जाए. इस मामले में साल 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में 14 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था लेकिन आज तक मामले का निपटारा नहीं हो सका है.
सिख समुदाय का दावा है कि हरकी पैड़ी पर श्री गुरु नानक देव महाराज का साढ़े चार सौ साल पुराना प्राचीन गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी है. दावा है कि 1978 में घाटों के सौंदर्यीकरण के नाम पर गुरुद्वारा हटाने की साजिश रची गई और 1984 में गुरुद्वारा तोड़कर वहां बाजार व दुकान बना दी गई. यहां पर सिख समुदाय गुरुद्वारा बनाना चाहता है. ऐसे में साल 2009 के बाद मामले ने तूल पकड़ा. इस मामले में सिखों में बाहरी बनाम स्थानीय की लड़ाई भी चल रही है.