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गंगनहर को 17 दिनों के लिए किया गया बंद, दिल्ली-एनसीआर में बढ़ेगी मुसीबतें

वार्षिक बन्दी के चलते कानपुर तक जाने वाली उत्तरी खंड गंगनहर को दीवाली से पहले सफाई और अन्य कार्यों को पूरा करने के लिए बंद किया जाता है. लेकिन इस बार 10 अक्टूबर की मध्य रात्रि से 17 दिनों के लिए इस नहर को बंद किया जा रहा है.

गंगानहर को 17 दिनों के लिए किया गया बंद.
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Published : Oct 10, 2019, 5:47 PM IST

हरिद्वार: उत्तरी खंड गंगनहर की साफ सफाई और अन्य कार्यों को पूरा करने के लिए 9 अक्टूबर की मध्यरात्रि से 27 अक्टूबर की मध्य रात्रि तक नहर को बंद किया गया है. 17 दिनों की बंदी के चलते हरिद्वार गंगा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय व्यापारियों को खासा नुकसान होगा. वहीं, दिल्ली और एनसीआर में भी इसका असर देखने को मिलेगा.

गंगनहर को 17 दिनों के लिए किया गया बंद.

तीर्थ पुरोहित के अनुसार, साफ-सफाई और अन्य जरूरी कार्यों की पूर्ति के लिए गंगा नहर को बंद करना जरूरी होता है. लेकिन, नहर बंदी के दौरान हर की पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड में पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति की जाए, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ न हो सके.

ये भी पढ़ें: -विश्व डाक दिवस: समय के साथ बदल गई चिट्ठी, आज भी सहेज कर रखे हैं 50 साल पुराने डाक टिकट

हरिद्वार तीर्थ पुरोहित समाज के उज्जवल पंडित ने बताया कि गंग नहर बंदी में अगर यूपी सिंचाई विभाग द्वारा पर्याप्त मात्रा में जल हर की पैड़ी में नहीं छोड़ा जाता है तो हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित इसका जवाब सिंचाई विभाग को उसी की भाषा में देंगे. वहीं, इस मामले में स्वामी हरी चेतनानंद महाराज ने बताया कि हम उत्तर प्रदेश सरकार से निवेदन करते हैं कि नहर बंदी के दौरान गंगा में आचमन और डुबकी लगाने लायक जल छोड़ा जाए, जिससे श्रद्धालु यहां आते रहे. ऐसा ना होने पर तीर्थयात्री हरिद्वार में आना अभी छोड़ देंगे.

उत्तराखंड सरकार में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि इस समय वार्षिक बंदी के दौरान गंगा नहर को बंद किया जाता है. इस बंदी के दौरान आगामी कुम्भ मेले को दृष्टिगत रखते हुए महत्वपूर्ण काम रुके हुए हैं, उनको शुरू किया जाएगा. गंगा बंदी के दौरान जो कार्य अपर कैनाल में किए जाने हैं. मुख्य रूप से घाटों के निर्माण के कार्य और कई अन्य कार्य हैं, जो इस दौरान किए जाने हैं. वहीं, हरकी पैड़ी में पर्याप्त मात्रा में जल छोड़े जाने के लिए निर्देश दिए गए हैं.

हरिद्वार: उत्तरी खंड गंगनहर की साफ सफाई और अन्य कार्यों को पूरा करने के लिए 9 अक्टूबर की मध्यरात्रि से 27 अक्टूबर की मध्य रात्रि तक नहर को बंद किया गया है. 17 दिनों की बंदी के चलते हरिद्वार गंगा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय व्यापारियों को खासा नुकसान होगा. वहीं, दिल्ली और एनसीआर में भी इसका असर देखने को मिलेगा.

गंगनहर को 17 दिनों के लिए किया गया बंद.

तीर्थ पुरोहित के अनुसार, साफ-सफाई और अन्य जरूरी कार्यों की पूर्ति के लिए गंगा नहर को बंद करना जरूरी होता है. लेकिन, नहर बंदी के दौरान हर की पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड में पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति की जाए, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ न हो सके.

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हरिद्वार तीर्थ पुरोहित समाज के उज्जवल पंडित ने बताया कि गंग नहर बंदी में अगर यूपी सिंचाई विभाग द्वारा पर्याप्त मात्रा में जल हर की पैड़ी में नहीं छोड़ा जाता है तो हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित इसका जवाब सिंचाई विभाग को उसी की भाषा में देंगे. वहीं, इस मामले में स्वामी हरी चेतनानंद महाराज ने बताया कि हम उत्तर प्रदेश सरकार से निवेदन करते हैं कि नहर बंदी के दौरान गंगा में आचमन और डुबकी लगाने लायक जल छोड़ा जाए, जिससे श्रद्धालु यहां आते रहे. ऐसा ना होने पर तीर्थयात्री हरिद्वार में आना अभी छोड़ देंगे.

उत्तराखंड सरकार में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि इस समय वार्षिक बंदी के दौरान गंगा नहर को बंद किया जाता है. इस बंदी के दौरान आगामी कुम्भ मेले को दृष्टिगत रखते हुए महत्वपूर्ण काम रुके हुए हैं, उनको शुरू किया जाएगा. गंगा बंदी के दौरान जो कार्य अपर कैनाल में किए जाने हैं. मुख्य रूप से घाटों के निर्माण के कार्य और कई अन्य कार्य हैं, जो इस दौरान किए जाने हैं. वहीं, हरकी पैड़ी में पर्याप्त मात्रा में जल छोड़े जाने के लिए निर्देश दिए गए हैं.

Intro:यदि इस माह आप हरिद्वार अपने परिजनों के साथ हरकी पैड़ी पहुचकर गंगा में डुबकी लगाने की सोच रहे है तो हरिद्वार पहुँचकर आपको मायूषी हाथ लग सकती है दरसल वार्षिक बन्दी के चलते कानपुर तक जाने वाली उत्तरी खंड गंगा नहर को हर बार दीवाली से पहले साफ सफाई और अन्य कार्यो को सम्पूर्ण करने के लिए बंद किया जाता है इस बार 9/10 तारीख की मध्यरात्रि से 27/28 तारीख की मध्यरात्रि तक 17 दिनों के लिए गंगा नहर को बंद किया गया है इस नहर बंदी से हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को मायूषी हाथ लगेगी और इसका असर स्थानीय व्यपारियो के व्यापार पर भी खासा पड़ेगा हरिद्वार से कानपुर तक सिंचाई व अन्य कार्यों पर नहर बंदी का असर पड़ेगा वही दिल्ली और एनसीआर में भी इस नहर बंदी का असर देखने को मिलेगा Body:हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित यह तो मान रहे हैं कि साफ-सफाई व अन्य जरूरी कार्यों की पूर्ति के लिए गंगा नहर को बंद करना जरूरी होता है मगर इनकी मांग की है कि नहर बंदी के दौरान हर की पौड़ी स्थित ब्रह्मकुंड में पर्याप्त मात्रा में जल की पूर्ति की जाए ताकि यहां आने वाले श्रद्धालु जो आस्था से हरिद्वार आता है वह अपने आप को नहर बंदी के दौरान ठगा सा महसूस ना करें हरिद्वार तीर्थ पुरोहित समाज के उज्जवल पंडित का कहना है कि गंग नहर बंदी में अगर यूपी सिंचाई विभाग द्वारा पर्याप्त मात्रा में जल हर की पौड़ी पर नहीं छोड़ा जाता है तो हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित इसका जवाब सिंचाई विभाग को उसी की भाषा में देंगे

बाइट उज्जवल पंडित तीर्थ पुरोहित हरिद्वार

उत्तरी खंड गंगा नहर को बंद किए जाने पर हरिद्वार के साधु संत भी मांग कर रहे हैं कि श्रद्धालुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए यूपी सिंचाई विभाग द्वारा जल की उचित मात्रा हर की पौड़ी और उसके आसपास के क्षेत्र में रखी जाए इस मामले में स्वामी हरी चेतनानंद महाराज का कहना है कि हम उत्तर प्रदेश सरकार से निवेदन करते हैं कि नहर बंदी के दौरान गंगा में आचमन और डुबकी लगाने लायक जल छोड़ा जाए ताकि श्रद्धालु यहां आते रहे ऐसा ना होने पर तीर्थयात्री ऐसे समय पर हरिद्वार आना छोड़ देंगे लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचते हैं उनके आचमन और डुबकी लायक जल्द यहां छोड़ा जाना चाहिए

बाइट स्वामी हरी चेतनानंद महाराज

उत्तराखंड सरकार में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का उत्तराखंड गंगा नहर बंद किए जाने पर कहना है कि इस समय वार्षिक बंदी के दौरान गंगा नहर को बंद किया जाता है इस बंदी के दौरान आगामी कुम्भ मेंले को दृष्टिगत रखते हुए जो भी महत्वपूर्ण काम रुके हुए हैं उनको शुरू किया जाएगा गंगा बंदी के दौरान जो कार्य अपर कैनाल में किए जाने हैं वह सभी किए जाएंगे मुख्य रूप से घाटों के निर्माण के कार्य और कई अन्य कार्य हैं जो इस दौरान किए जाने हैं वही मंत्री जी का साफ कहना है कि हर की पौड़ी पर इस वार्षिक बंदी के दौरान पर्याप्त मात्रा में जल छोड़े जाने के लिए निर्देश दिए गए हैं

बाइट मदन कौशिक शहरी विकास मंत्री हरिद्वारConclusion:गंगा नहर की साफ-सफाई रंग रोगन और मरम्मत के कई कार्य किए जाने के लिए दशहरे से दिवाली तक वार्षिक बंदी के दौरान गंगा नहर को बंद किया जाता है इस बार गंगा नहर को 17 दिन के लिए बंद किया गया है हालांकि हर बार उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग को वार्षिक बंदी के दौरान स्थानीय व्यापारियों और तीर्थ पुरोहितों का विरोध भी झेलना पड़ता है इस बार भी तीर्थ पुरोहितों ने जल की मात्रा को लेकर सिंचाई विभाग को चेतावनी दी है अब देखने वाली बात यह होगी कि हर की पौड़ी पर इन 17 दिनों में अनुबंधन के अनुरूप जल छोड़ा जाता है या नहीं
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