देहरादूनः उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सियासी घटनाक्रम ने हलचल मचा दी है. जहां हरक सिंह रावत को बीजेपी ने बाहर का रास्ता दिखाया है तो वहीं, उत्तराखंड महिला कांग्रेस अध्यक्ष सरिता आर्य को पार्टी में शामिल किया है. इन सभी के बीच इस तरह की बातें भी सामने आ रही हैं कि बीजेपी के अन्य नेता भी कांग्रेस में जा सकते हैं. जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने तमाम कयासबाजी पर विराम लगाते हुए कहा कि हरक सिंह रावत के अलावा कोई भी पार्टी से नहीं जा रहा है.
उत्तराखंड में लगातार सियासी घटनाक्रम जारी है तो वहीं इसी घटनाक्रम के बीच बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक सक्रिय हो गए हैं. इतना ही नहीं बीते एक हफ्ते के भीतर रमेश पोखरियाल निशंक कई बार मीडिया के सामने आ चुके हैं. इसी कड़ी में हरक सिंह रावत के निष्कासन पर निशंक ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं की पार्टी है और हरक सिंह रावत को बाहर निकालकर पार्टी ने संदेश दिया है कि यह पार्टी किसी के दबाव में काम नहीं करेगी.
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रमेश पोखरियाल निशंक ने हरक सिंह रावत के अलावा अन्य नेताओं के कांग्रेस में जाने की कयासबाजी पर विराम लगाते हुए कहा कि उन्होंने खुद उमेश शर्मा काऊ, प्रदीप बत्रा और अन्य लोगों से बात की है. उनकी बात कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन से भी हुई है. सबने एक सुर में बीजेपी को मजबूत करने की बात कही है. ऐसे में कोई भी बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल नहीं हो रहा है.
बता दें कि उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत को रविवार को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था. हरक सिंह रावत अपनी बहू अनुकृति गुसाईं रावत के लिए लैंसडाउन से टिकट मांग रहे थे. चर्चा है कि वो यमकेश्वर और केदारनाथ सीट से भी टिकट की मांग कर रहे थे. उनकी ये मांगें बीजेपी को बिल्कुल मंजूर नहीं थी.
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भारतीय जनता पार्टी 'एक परिवार-एक टिकट' के फॉर्मूले पर ही अडिग थी. बताया जा रहा है कि इसी वजह से हरक सिंह रावत टिकट वितरण के लिए चल रही मीटिंग में भी शामिल नहीं हुए थे. जिस कारण पार्टी हाईकमान नाराज हुआ. इसके साथ ही हरक सिंह रावत को सरकार से बर्खास्त और पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया.
15 जनवरी को मीटिंग में नहीं पहुंचे थे हरक: 15 जनवरी को बीजेपी कोर कमेटी की टिकट वितरण को लेकर देहरादून में मीटिंग थी. हरक सिंह रावत इस मीटिंग में नहीं पहुंचे थे. जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि उन्हें मीटिंग की जानकारी नहीं दी गई थी. उधर, उत्तराखंड बीजेपी के चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी का कहना था कि उन्होंने हरक सिंह रावत को फोन किया था. उनका फोन नहीं लगा था.