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कुंभ मेले में जंगली जानवरों की धमक को लेकर वन महकमा अलर्ट

वन्यजीवों का असर 2021 कुंभ पर ना हो इसके लिए वन विभाग और कुंभ मेला अधिकारी ने मिलकर कुछ योजनाएं बनाई हैं. जिसमे रेस्क्यू टीम, अलार्म सिस्टम, रेडियो कॉलर  इस तरह के टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा.

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Published : Nov 19, 2019, 8:04 PM IST

जंगली जानवरों की आमद को लेकर वन महकमा अलर्ट

हरिद्वारः 2021 में आयोजित होने वाले कुंभ मेले को लेकर अभी से सवाल उठने लगे हैं. ये सवाल इसलिए भी जरूरी हैं क्योंकि कुंभ का ज्यादातर क्षेत्र जंगल से लगा हुआ है. ऐसे में हरपल यहां जंगली जानवरों को लेकर खतरा बना रहता है. वहीं, वन्यजीव मेला क्षेत्र से दूर रहें, इसके लिए वन विभाग और कुंभ मेला अधिकारी ने मिलकर कुछ योजनाएं बनाई हैं. जिन्हें धरातल पर उतारने के लिए विचार किया जा रहा है.

जंगली जानवरों की आमद को लेकर वन महकमा अलर्ट

वहीं, मेला अधिकारी दीपक रावत ने बताया कि इसके लिए एक बहुत ही विस्तृत कार्य योजना पर वन विभाग विचार कर रहा है. विशेषकर उन क्षेत्रों के लिए जहां पर की वाइल्ड एनिमल मूवमेंट ज्यादा रहता है. वहीं, मेला क्षेत्र का कुछ एरिया ऐसे हैं जो कि वन क्षेत्र से लगते हैं. ऐसे में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हम रेस्क्यू टीम, अलार्म सिस्टम, रेडियो कॉलर इस तरह के टेक्नोलॉजी को यूज करते हुए वन्यजीवी संघर्ष के मामलों को रोकने का प्रयास करेंगे.

ये भी पढ़ेंःडीएम मंगेश घिल्डियाल ने हाट गांव में लगाया रात्रि चैपाल, समस्याओं की लगी झड़ी

डीएफओ अकाश वर्मा का कहना है कि हाथियों को लेकर के विशेष रूप से एक महत्वपूर्ण योजना बनाई गई है. जिससे हाथियों के आने की सूचना हमें पहले ही मिल जाएगी. ऐसे में हाथियों को आबादी क्षेत्र में आने से पहले ही रोक दिया जाएगा. कुंभ में इन सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए एक नोडल सेंटर भी बनाया जाएगा. जिससे पहले ही मानव और वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को रोका जाए.

हरिद्वारः 2021 में आयोजित होने वाले कुंभ मेले को लेकर अभी से सवाल उठने लगे हैं. ये सवाल इसलिए भी जरूरी हैं क्योंकि कुंभ का ज्यादातर क्षेत्र जंगल से लगा हुआ है. ऐसे में हरपल यहां जंगली जानवरों को लेकर खतरा बना रहता है. वहीं, वन्यजीव मेला क्षेत्र से दूर रहें, इसके लिए वन विभाग और कुंभ मेला अधिकारी ने मिलकर कुछ योजनाएं बनाई हैं. जिन्हें धरातल पर उतारने के लिए विचार किया जा रहा है.

जंगली जानवरों की आमद को लेकर वन महकमा अलर्ट

वहीं, मेला अधिकारी दीपक रावत ने बताया कि इसके लिए एक बहुत ही विस्तृत कार्य योजना पर वन विभाग विचार कर रहा है. विशेषकर उन क्षेत्रों के लिए जहां पर की वाइल्ड एनिमल मूवमेंट ज्यादा रहता है. वहीं, मेला क्षेत्र का कुछ एरिया ऐसे हैं जो कि वन क्षेत्र से लगते हैं. ऐसे में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हम रेस्क्यू टीम, अलार्म सिस्टम, रेडियो कॉलर इस तरह के टेक्नोलॉजी को यूज करते हुए वन्यजीवी संघर्ष के मामलों को रोकने का प्रयास करेंगे.

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डीएफओ अकाश वर्मा का कहना है कि हाथियों को लेकर के विशेष रूप से एक महत्वपूर्ण योजना बनाई गई है. जिससे हाथियों के आने की सूचना हमें पहले ही मिल जाएगी. ऐसे में हाथियों को आबादी क्षेत्र में आने से पहले ही रोक दिया जाएगा. कुंभ में इन सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए एक नोडल सेंटर भी बनाया जाएगा. जिससे पहले ही मानव और वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को रोका जाए.

Intro:एंकर :-धर्मनगरी हरिद्वार में लगने वाले 2021 कुंभ में  वन्यजीव एक बहुत ही बड़ा खतरा बने हुए हैं इसका कारण कुंभ क्षेत्र से सटा हुआ जंगल है.अभी कुछ  दिनों पहले ही मानव और  वन्यजीवी संघर्ष की घटनाएं काफी हुई है जिसके कारण 2021 कुंभ में को लेकर भी सवाल उठने लगे 2021 में होने वाले कुंभ का ज्यादातर हिस्सा जंगल से जुड़ा हुआ है इसलिए वन्यजीवों का खतरा लाजमी है वन्यजीवों का असर 2021 कुंभ पर ना हो इसके लिए वन विभाग और कुंभ मेला अधिकारी ने मिलकर कुछ योजनाएं बनाई हैं.Body:vo 1  मेला अधिकारी दीपक रावत ने बताया कि इसके लिए एक बहुत ही विस्तृत कार्य योजना वन विभाग की   और से मिली है विशेषकर उन क्षेत्रों के लिए जहां पर की एनिमल मूवमेंट रहता है  मेला क्षेत्र में भी बहुतसा  एरिया ऐसा है जो कि  वन क्षेत्र से लगता है  ऐसी धटनाओ को रोकने के लिए हम  रेस्क्यू टीम , अलार्म सिस्टम, रेडियो कॉलर  इस तरह के टेक्नोलॉजी को यूज करते हुए हम  वन्यजीवी संघर्ष  के मामलो को रोकने का पर्यास करेंगे।  

vo 2  डीएफओ अकाश वर्मा का कहना है   कि पिछले कुछ दिनों पहलेमानव और  वन्यजीवी संघर्ष की घटनाये घटी  है जिसमे   कुछ हाथियों की और  एक लेपर्ड घटना  हरिद्वार में घटी थी जो की ज्यादा सुर्खियों में आई थी  .  इन सब चीजों पर हमारी पहले से ही  तैयारियां थी हाथियों की आने की जो घटनाएं हैं वह इस समय में विशेष इसलिए बन जाती है क्योंकि गन्ना  इस समय तैयार हो जाता है जो की हाथियों को आकर्षित करता है  यही   कारण है जो की  हाथी शहर को और आर्कषित होते है।  हाथियों के आने जाने वाले रास्तो का हमने  पहले से ही चयन कर  रखा है उसके अलावा भी  अन्य जीव शहर के बिच  में आ जाते हैं क्योंकि यह सब स इलाका जो है वन क्षेत्र से काफी सटा हुआ है जिसके लिए सचल दस्ता हमारा हमेशा   तैनात रहता  है जो की प्रतिदिन वन्यजीवों  गतिविधियों के बारे में हमे अपडेट देता रहता है।  हाथियों को लेकर के विशेष रूप से  एक महत्वपूर्ण योजना बनाई गयी है  जिससे  हाथियों के  आने की सूचना हमें  पहले  ही मिल जाएगी।  जिससे हम  हाथियों को आबादी क्षेत्र में आने से पहले ही रोक सकेंगे। कुम्भ में  इन सभी परिस्थितियों के लिए  एक नोडल सेंटर बनाया जायेगा   जिसके द्वारा सभी सूचनाओं का आदान प्रदान किया जायेगा साथ ही  उनका  वेरीफाई किया जाएगा। जिस से समय से पहले ही वन्यजीव संघर्ष की धटनाओ  को रोक लिया जायेगा। Conclusion:बाइट :- अकाश वर्मा   डीएफओ हरिद्वार 
  बाइट:- दीपक रावत, कुंभ मेलाधिकारी  
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