हरिद्वार: आज महाशिवरात्रि है. आधी रात से ही हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं ने हर हर महादेव और जय गंगा मैया के जयकारों के बीच गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. सुबह सात बजे के बाद हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर आम श्रद्धालुओं के स्नान पर रोक लग गई है और यह क्षेत्र अखाड़ों के संत महात्माओं के स्नान के निमित्त आरक्षित हो गया.
आज शिवरात्रि के मौके पर सभी सात संन्यासी अखाड़े शाही स्नान करेंगे. हालांकि, उत्तराखंड सरकार ने कोविड गाइडलाइन के चलते कुंभ अवधि को चार माह से घटाकर केवल एक माह कर दिया है, जिससे सरकारी अधिसूचना के अनुसार कुंभ अब 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक होगा. मगर संन्यासी अखाड़े परम्परा के अनुसार शिवरात्रि के पर्व पर भी पूरे तामझाम के साथ शाही अंदाज में गंगा स्नान करने जाएंगे.
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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि सभी 7 संन्यासी अखाड़े अपनी परम्परा के अनुसार शिवरात्रि का स्नान शाही करेंगे. शिवरात्रि शाही स्नान सबसे पहले जूना अखाड़ा करेगा. जूना अखाड़े के साथ ही उसके सहयोगी अखाड़े आह्वान और अग्नि अखाड़े भी शाही स्नान करेंगे. इसके बाद दूसरे नंबर पर निरंजनी और उसके साथ आनंद अखाड़ा शाही स्नान करने जाएगा. तीसरे नंबर पर महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा स्नान करेगा.
महाशिवरात्रि पर 101 साल बाद अद्भुत संयोग
ज्योतिषियों का कहना है कि महाशिवरात्रि के दिन शिवयोग, सिद्धियोग और घनिष्ठा नक्षत्र का संयोग आने से त्योहार का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है. इन शुभ संयोग के बीच महाशिवरात्रि पर पूजा बेहद कल्याणकारी मानी जा रही है. महाशिवरात्रि पर ऐसी घटना 101 साल बाद होने जा रही है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह इसी दिन हुआ था.
ब्रिटिश काल से लेकर आज तक शाही स्नान के दौरान अखाड़ों के साधु-संत सोने-चांदी की पालकी, हाथी, ऊंट और घोड़ों पर बैठकर पेशवाई निकालते हैं. इसके बाद घाट पर अखाड़े पहुंचते हैं और जोर-जोर से जयकारे लगाते हैं. माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में गंगा में स्नान करने से जल अमृत बन जाता है, जिससे अमरता की प्राप्ति होती है. शाही स्नान के दिन साधु-संतों के बाद ही आम जनता नदियों में स्नान के लिए जाते है. देश के कोने-कोने से आये श्रद्धालु हरकी पैड़ी में कुम्भ स्नान कर अपने को धन्य मान रहे है. अगर पंडितों की माने तो आज भगवान शिव का सबसे प्रिय दिन है और उस पर कुम्भ पर्व, यह संयोग अपने आप मे बहूत महत्व रखता है. आज गंगा में स्नान से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है.