हरिद्वारः महाकुंभ के दौरान शहर के कई चौराहों का सौंदर्यीकरण किया गया, लेकिन ये चौराहे डेंगू को दावत दे रहे हैं. ऐसा ही एक चौराहा शंकर आश्रम के पास बना है. यहां पर सौंदर्यीकरण के नाम फव्वारा लगाकर एक कुंड बना दिया गया है. इसमें बरसात का पानी भरा हुआ है, लेकिन पानी की निकासी न होने से स्थानीय दुकानदारों को डेंगू का खतरा सताने लगा है.
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि कुंभ मेले के दौरान बिना प्लानिंग के चौराहे बनाए गए हैं. जिनकी वजह से यहां पर दिन भर जाम की स्थिति रहती है. सौंदर्यीकरण के नाम पर यहां एक कुंड की आकृति का गोल घेरा बना दिया गया है. जिसमें बरसात का पानी भरा हुआ है. इसमें पानी की निकासी नहीं होने के चलते यहां पर डेंगू के लार्वा पनप सकते हैं. ऐसे में व्यापारियों को डेंगू का खतरा सता रहा है.
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क्या बोले अधिकारी? मामले पर हरिद्वार नगर निगम के मुख्य नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती का कहना है कि पूरे शहर को चार जोन में बांटा गया है. साथ ही एंटी लार्वा का स्प्रे कराया जा रहा है. जिससे डेंगू के मच्छर पैदा न हो सकें. अगर कहीं पर पानी की निकासी नहीं है तो वो खुद जाकर वहां का निरीक्षण करेंगे और पानी की निकासी कराई जाएगी.
डेंगू के लक्षणः डेंगू एक तरह का वायरस है, जो एडीस नाम के मादा मच्छर के काटने से शरीर में फैलता है. यदि किसी व्यक्ति को डेंगू हो जाए तो उसे तेज बुखार आने के साथ ही उल्टी, शरीर में दर्द और अकड़न की शिकायत होती है. इसके साथ ही डेंगू के शिकार व्यक्ति के खून में मौजूद प्लेटलेट्स भी तेजी से कम होने लगते हैं.
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ऐसे करें बचावः अपने घरों के आस-पास पानी इकट्ठा नहीं होने दें. कूलर, टायर, गमलों समेत अन्य स्थानों पर पानी जमा नहीं होने दें. साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें. एक जगह पानी जमा होने पर लार्वा तेजी से पनपते हैं. सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें. डेंगू के मच्छर दिन में काटते हैं, ऐसे कपड़े पहने जो पूरे बदन को ढक सके. डेंगू जैसे लक्षण महसूस होने पर खूब पानी पीना चाहिए. बुखार आने पर पैरासिटामोल भी ले सकते हैं. पर्याप्त मात्रा में आराम करना चाहिए. चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए.