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Sugarcane Price नहीं बढ़ने से लक्सर के किसान निराश, सरकार से कही ये बात

उत्तराखंड सरकार द्वारा घोषित गन्ने के मूल्य से किसान खुश नहीं हैं. किसानों का आरोप है कि सरकार ने पिछले साल के रेट ही दोहरा दिए हैं. किसानों ने गन्ने के रेट बढ़ाने की मांग की है.

Sugarcane Price
लक्सर गन्ना मूल्य
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Published : Mar 10, 2023, 10:36 AM IST

लक्सर: प्रदेश सरकार ने गन्ना मूल्य घोषित कर दिया है. लेकिन सरकार के निर्णय से लक्सर क्षेत्र के किसान खुश नहीं हैं. इसकी वजह ये हे कि सरकार ने पिछले वर्ष वाला गन्ना मूल्य ही घोषित किया है. किसानों का कहना है कि अगेती प्रजाति 355 और पछेती प्रजाति का 345 रुपये प्रति क्विंटल ही रिपीट कर दिया है.

गन्ना मूल्य नहीं बढ़ने से किसान नाराज: किसान इसे नाकाफी बता रहे हैं. किसान वेद प्रकाश सिद्धू, पंकज और सोमिन्दर ने कहा कि खेती करने वाले किसानों को कीटनाशक दवाई से लेकर निराई गुड़ाई के साथ मजदूरी भी महंगी पड़ रही है. इससे किसानों को प्रति बीघे में 18 हजार से अधिक की लागत लगाकर गन्ने की फसल उगानी पड़ रही है. इस कारण किसानों को गन्ने की फसल में मुनाफा नहीं हो रहा है. गन्ने के रेट में बढ़ोत्तरी ना होना ओर बढ़ती महंगाई को देखते हुए सरकार ने किसानों के हक में निर्णय नहीं लिया बल्कि किसानों को निराश किया है.

किसानों ने की गन्ना मूल्य बढ़ाने की मांग: किसानों ने कहा कि बढ़ती महंगाई में उनके हाथ कुछ नहीं लगता. मजदूरी महंगी है. दवाइयां महंगी हैं. साथ ही पूरे साल मेहनत करने के बाद भी किसान के हाथ कुछ नहीं लगता. इस बीच में ओलावृष्टि, बारिश, आपदाओं या आगजनी जैसी घटनाओं को भी किसान को ही झेलना पड़ता है. तब कहीं जाकर किसान खून पसीने की मेहनत से फसल को तैयार करता है.
ये भी पढ़ें: Dhami Cabinet Decision: सोलर पॉलिसी को मंजूरी, सरकारी जमीनों पर कब्जे को लेकर सब कमेटी गठित

किसान बोले- 15-20 रुपए भी बढ़ाते तो राहत मिलती: किसानों ने कहा कि इसके बाद भी सही रेट ना मिलने पर निराशा हाथ लगती है. सरकार को चाहिए कि ज्यादा नहीं तो 15 से ₹ 20 बढ़ा देना चाहिए. काफी समय से किसान गन्ना रेट बढ़ाने की मांग कर रहे थे. इसके बावजूद भी किसानों की मांग को पूरा नहीं किया गया है. लगता है कि किसान की कोई सुनने वाला नहीं है. आज के समय में अन्नदाता परेशान है. सरकार को चाहिए कि गन्ने का रेट बढ़े और किसान को थोड़ी राहत मिल सके.

लक्सर: प्रदेश सरकार ने गन्ना मूल्य घोषित कर दिया है. लेकिन सरकार के निर्णय से लक्सर क्षेत्र के किसान खुश नहीं हैं. इसकी वजह ये हे कि सरकार ने पिछले वर्ष वाला गन्ना मूल्य ही घोषित किया है. किसानों का कहना है कि अगेती प्रजाति 355 और पछेती प्रजाति का 345 रुपये प्रति क्विंटल ही रिपीट कर दिया है.

गन्ना मूल्य नहीं बढ़ने से किसान नाराज: किसान इसे नाकाफी बता रहे हैं. किसान वेद प्रकाश सिद्धू, पंकज और सोमिन्दर ने कहा कि खेती करने वाले किसानों को कीटनाशक दवाई से लेकर निराई गुड़ाई के साथ मजदूरी भी महंगी पड़ रही है. इससे किसानों को प्रति बीघे में 18 हजार से अधिक की लागत लगाकर गन्ने की फसल उगानी पड़ रही है. इस कारण किसानों को गन्ने की फसल में मुनाफा नहीं हो रहा है. गन्ने के रेट में बढ़ोत्तरी ना होना ओर बढ़ती महंगाई को देखते हुए सरकार ने किसानों के हक में निर्णय नहीं लिया बल्कि किसानों को निराश किया है.

किसानों ने की गन्ना मूल्य बढ़ाने की मांग: किसानों ने कहा कि बढ़ती महंगाई में उनके हाथ कुछ नहीं लगता. मजदूरी महंगी है. दवाइयां महंगी हैं. साथ ही पूरे साल मेहनत करने के बाद भी किसान के हाथ कुछ नहीं लगता. इस बीच में ओलावृष्टि, बारिश, आपदाओं या आगजनी जैसी घटनाओं को भी किसान को ही झेलना पड़ता है. तब कहीं जाकर किसान खून पसीने की मेहनत से फसल को तैयार करता है.
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किसान बोले- 15-20 रुपए भी बढ़ाते तो राहत मिलती: किसानों ने कहा कि इसके बाद भी सही रेट ना मिलने पर निराशा हाथ लगती है. सरकार को चाहिए कि ज्यादा नहीं तो 15 से ₹ 20 बढ़ा देना चाहिए. काफी समय से किसान गन्ना रेट बढ़ाने की मांग कर रहे थे. इसके बावजूद भी किसानों की मांग को पूरा नहीं किया गया है. लगता है कि किसान की कोई सुनने वाला नहीं है. आज के समय में अन्नदाता परेशान है. सरकार को चाहिए कि गन्ने का रेट बढ़े और किसान को थोड़ी राहत मिल सके.

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