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उत्तराखंड से महापंचायत के लिए रवाना हुए किसान, नारसन बॉर्डर पर पुलिस से झड़प

मुजफ्फरनगर में होने वाली किसान महापंचायत के लिए उत्तराखंड के विभिन्न जगहों से किसान बड़ी तादाद में निकल रहे हैं. वहीं नारसन बॉर्डर पर पुलिस द्वारा किसानों को रोकने पर दोनों के बीच नोकझोंक हुई.

roorkee kisan news
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Published : Jan 29, 2021, 4:49 PM IST

Updated : Jan 29, 2021, 6:42 PM IST

रुड़की/काशीपुर/लक्सर: मुजफ्फरनगर में होने वाली किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए उत्तराखंड के विभिन्न जगहों से किसान बड़ी तादाद में निकल रहे हैं. इसी कड़ी में मंगलौर के आस-पास गांवों से किसान इकट्ठा हुए और अपने-अपने वाहनों और ट्रैक्टरों से महापंचायत के लिए रवाना हुए. वहीं जैसे ही किसान उत्तराखंड के नारसन बॉर्डर पर पहुंचे, तो पहले से ही मौजूद पुलिस फोर्स ने उन्हें रोक दिया. इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई. बाद में एक-एक कर किसानों को महापंचायत के लिए जाने दिया गया.

आपको बता दें कि मंगलौर के नारसन बॉर्डर पर पहुंचे किसानों को पुलिस ने बैरीकेड लगाकर रोक दिया. किसान मुजफ्फरनगर के सिसौली में होने वाली महापंचायत में शामिल होने के लिए जा रहे थे. बॉर्डर पर रोके जाने के बाद किसानों और पुलिस के बीच नोकझोंक हुई. काफी देर तक हंगामा चलता रहा. इसके बाद पुलिस के उच्चाधिकारी मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाने का प्रयास किया गया. लेकिन किसान महापंचायत में जाने की जिद पर अड़े रहे. इसके बाद पुलिस ने एक-एक कर किसानों को बॉर्डर से महापंचायत के लिए निकाला.

नारसन बॉर्डर पर पुलिस से झड़प.

ये भी पढ़ेंः हरिद्वार: लाल किले की घटना को लेकर संतों में आक्रोश

दरअसल, 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद किसान नेताओं ने महापंचायत का ऐलान किया था. इसमें बड़ी तादाद में किसानों से आने का आह्वान किया गया था. उत्तराखंड समेत अन्य प्रदेशों से किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए जा रहे हैं.

वहीं, एसपी देहात प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने बताया कि किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए निकले थे, जिन्हें बॉर्डर पर रोका गया. इस दौरान किसान और पुलिस के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई. लेकिन सभी को समझा दिया गया है. अब शांति व्यवस्था कायम है.

काशीपुर में दर्जनों किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

काशीपुर में आज किसान कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष उपकार सिंह के नेतृत्व में दर्जनों किसानों ने देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया. इस दौरान किसानों ने लोनी के विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

इस दौरान आक्रोशित किसानों ने आरोप लगाया कि बीते दिन गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत के नेतृत्व में किए जा रहे प्रदर्शन के दौरान लोनी के विधायक के द्वारा अपने साथ सैकड़ों की संख्या में लोगों को ले जाकर धरना प्रदर्शन में अशांति फैलाने का प्रयास किया गया. मीडिया से बात करते हुए आक्रोशित किसानों ने नेशनल मीडिया के खिलाफ भी जमकर आग उगली और दिल्ली पुलिस, यूपी पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन असल में अब शुरू हुआ है.

लक्सर किसान मजदूर संघ समिति ने दी चक्का जाम की चेतावनी

लक्सर किसान मजदूर संघ समिति के तत्वावधान में भारी संख्या में किसान इकट्ठा होकर कृषि बिल को वापस लेने के लिए आवाज बुलंद की. साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसान बिल वापस नहीं हुआ तो चक्का जाम करेंगे.

इस दौरान किसान नेता चौधरी कीरत सिंह ने कहा कि दिल्ली में चल रहे आंदोलन के चलते जिन किसान नेताओं पर मुकदमें दर्ज हुए हैं, वह भी सरकार जल्द वापस ले. साथ ही गणतंत्र दिवस पर जो भाजपा के गुंडों ने लाल किले पर एक विशेष समुदाय का झंडा फहराया है, उसकी वह निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि यह सरकार की साजिश है, जिससे कि किसानों के आंदोलन को बदनाम किया जा सके.

रुड़की/काशीपुर/लक्सर: मुजफ्फरनगर में होने वाली किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए उत्तराखंड के विभिन्न जगहों से किसान बड़ी तादाद में निकल रहे हैं. इसी कड़ी में मंगलौर के आस-पास गांवों से किसान इकट्ठा हुए और अपने-अपने वाहनों और ट्रैक्टरों से महापंचायत के लिए रवाना हुए. वहीं जैसे ही किसान उत्तराखंड के नारसन बॉर्डर पर पहुंचे, तो पहले से ही मौजूद पुलिस फोर्स ने उन्हें रोक दिया. इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई. बाद में एक-एक कर किसानों को महापंचायत के लिए जाने दिया गया.

आपको बता दें कि मंगलौर के नारसन बॉर्डर पर पहुंचे किसानों को पुलिस ने बैरीकेड लगाकर रोक दिया. किसान मुजफ्फरनगर के सिसौली में होने वाली महापंचायत में शामिल होने के लिए जा रहे थे. बॉर्डर पर रोके जाने के बाद किसानों और पुलिस के बीच नोकझोंक हुई. काफी देर तक हंगामा चलता रहा. इसके बाद पुलिस के उच्चाधिकारी मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाने का प्रयास किया गया. लेकिन किसान महापंचायत में जाने की जिद पर अड़े रहे. इसके बाद पुलिस ने एक-एक कर किसानों को बॉर्डर से महापंचायत के लिए निकाला.

नारसन बॉर्डर पर पुलिस से झड़प.

ये भी पढ़ेंः हरिद्वार: लाल किले की घटना को लेकर संतों में आक्रोश

दरअसल, 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद किसान नेताओं ने महापंचायत का ऐलान किया था. इसमें बड़ी तादाद में किसानों से आने का आह्वान किया गया था. उत्तराखंड समेत अन्य प्रदेशों से किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए जा रहे हैं.

वहीं, एसपी देहात प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने बताया कि किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए निकले थे, जिन्हें बॉर्डर पर रोका गया. इस दौरान किसान और पुलिस के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई. लेकिन सभी को समझा दिया गया है. अब शांति व्यवस्था कायम है.

काशीपुर में दर्जनों किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

काशीपुर में आज किसान कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष उपकार सिंह के नेतृत्व में दर्जनों किसानों ने देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया. इस दौरान किसानों ने लोनी के विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

इस दौरान आक्रोशित किसानों ने आरोप लगाया कि बीते दिन गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत के नेतृत्व में किए जा रहे प्रदर्शन के दौरान लोनी के विधायक के द्वारा अपने साथ सैकड़ों की संख्या में लोगों को ले जाकर धरना प्रदर्शन में अशांति फैलाने का प्रयास किया गया. मीडिया से बात करते हुए आक्रोशित किसानों ने नेशनल मीडिया के खिलाफ भी जमकर आग उगली और दिल्ली पुलिस, यूपी पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन असल में अब शुरू हुआ है.

लक्सर किसान मजदूर संघ समिति ने दी चक्का जाम की चेतावनी

लक्सर किसान मजदूर संघ समिति के तत्वावधान में भारी संख्या में किसान इकट्ठा होकर कृषि बिल को वापस लेने के लिए आवाज बुलंद की. साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसान बिल वापस नहीं हुआ तो चक्का जाम करेंगे.

इस दौरान किसान नेता चौधरी कीरत सिंह ने कहा कि दिल्ली में चल रहे आंदोलन के चलते जिन किसान नेताओं पर मुकदमें दर्ज हुए हैं, वह भी सरकार जल्द वापस ले. साथ ही गणतंत्र दिवस पर जो भाजपा के गुंडों ने लाल किले पर एक विशेष समुदाय का झंडा फहराया है, उसकी वह निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि यह सरकार की साजिश है, जिससे कि किसानों के आंदोलन को बदनाम किया जा सके.

Last Updated : Jan 29, 2021, 6:42 PM IST
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