रुड़कीः भगवानपुर कस्बे में उस वक्त गहमागमी हो गई, जब एक निजी क्लीनिक में महिला की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया. हंगामा बढ़ा तो पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को बमुश्किल शांत कराया. परिजनों का आरोप था कि डॉक्टर मरीज को देखने तक नहीं आया. सिर्फ कंपाउंडर ही मरीज को देख रहा था. वो भी ऑक्सीजन न होने पर रेफर करने की बात कह रहा था. इस परिजनों का कहना था कि जब ऑक्सीजन आदि नहीं था तो मरीज को भर्ती क्यों किया गया?
दरअसल, मामला भगवानपुर कस्बे में स्थित एक क्लीनिक का है. आरोप है कि यहां एक 45 वर्षीया महिला को समय पर इलाज नहीं मिला. जिसकी वजह से महिला की मौत हो गई. जिसको लेकर परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए और क्लीनिक में जमकर हंगामा किया. इसी बीच किसी ने मामले की सूचना भगवानपुर पुलिस को दी. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और हंगामा कर रहे परिजनों को बमुश्किल समझा बुझाकर शांत किया, लेकिन परिजन डॉक्टर की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए.
वहीं, माहौल बिगड़ता देख और परिजनों की तहरीर पर पुलिस डॉक्टर को थाने ले आई. परिजनों का कहना था कि डॉक्टर समय पर मरीज को देखने तक नहीं आया. वो आराम फरमा रहा था. उनका ये भी कहना था कि इस क्लीनिक में पहले भी चार मरीजों की मौत हो चुकी है, लेकिन स्वास्थ विभाग ने उन मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं की. स्वास्थ्य विभाग की क्लीनिक संचालक के साथ मिली भगत का भी आरोप लगाया.
क्या बोले भगवानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक? मामले में भगवानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अभिमन्यु ठाकुर का कहना है कि सीएमओ को रिपोर्ट भेज दी गई है. जल्द ही झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाएगी. उधर, भगवानपुर थानाध्यक्ष राजीव रौथाण का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है.