ऋषिकेश: शहर में हो रहे अतिक्रमण को लेकर याचिकाकर्ता अनिल गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. वहीं, हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी निगम ने अतिक्रमण हटाने के खिलाफ कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की. ऐसे में याचिकाकर्ता को दोबारा हाईकोर्ट का सहारा लिया. जिसके बाद हाईकोर्ट ने निगम को अतिक्रमण के खिलाफ सख्ती से आदेशों का पालन करने के निर्देश दिए थे. वहीं, याचिकाकर्ता का कहना है कि अतिक्रमण के नाम पर नगर निगम ने महज खानापूर्ति की है.
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याचिकाकर्ता का कहना है कि ऋषिकेश के घाट रोड पर स्थित नाले के ऊपर कई दुकानें अतिक्रमण के दायरे में आती हैं, लेकिन निगम ने उनपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. उनका कहना है कि नगर निगम जल्द से जल्द सरस्वती नाले पर किए गए अतिक्रमण को नहीं हटाता है तो वह आगे भी न्यायालय की शरण लेंगे. वहीं, उन्होंने बताया सीएम हेल्पलाइन पर भी उन्होंने इसकी शिकायत की है.
याचिकाकर्ता अनिल गुप्ता ने बताया कि गंगा अनुरक्षण इकाई ने साल 2007 में उन्हें घाट रोड का नक्शा दिया था. जिसके मुताबिक, घाट रोड के दुकानदारों ने नाले पर 57 मीटर तक का अतिक्रमण किया है, लेकिन अभीतक अतिक्रमणकारियों को चिन्हित नहीं किया गया है. जबकि, साफ तौर पर उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय का आदेश है कि नदी और नालों पर हुआ अतिक्रमण पूरी तरह से अवैध है.