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HC के आदेश के बाद भी नहीं हटा अतिक्रमण, याचिकाकर्ता ने कहा- फिर जाऊंगा न्यायालय - उत्तराखंड न्यूज

हाईकोर्ट ने अतिक्रमण के खिलाफ नगर निगम को सख्ती से आदेशों का पालन करने के निर्देश दिया थे. वहीं, याचिकाकर्ता का कहना है कि निगम ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर केवल खानापूर्ति की है.

शहर से नहीं हटाया जा रहा अतिक्रमण.
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Published : Nov 22, 2019, 11:59 PM IST

ऋषिकेश: शहर में हो रहे अतिक्रमण को लेकर याचिकाकर्ता अनिल गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. वहीं, हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी निगम ने अतिक्रमण हटाने के खिलाफ कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की. ऐसे में याचिकाकर्ता को दोबारा हाईकोर्ट का सहारा लिया. जिसके बाद हाईकोर्ट ने निगम को अतिक्रमण के खिलाफ सख्ती से आदेशों का पालन करने के निर्देश दिए थे. वहीं, याचिकाकर्ता का कहना है कि अतिक्रमण के नाम पर नगर निगम ने महज खानापूर्ति की है.

याचिकाकर्ता अनिल गुप्ता.

पढ़ें- सीएचसी जसपुर में नहीं थमा रहा विवाद, डॉक्टर को हटाने की मांग पर अड़े कर्मचारी

याचिकाकर्ता का कहना है कि ऋषिकेश के घाट रोड पर स्थित नाले के ऊपर कई दुकानें अतिक्रमण के दायरे में आती हैं, लेकिन निगम ने उनपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. उनका कहना है कि नगर निगम जल्द से जल्द सरस्वती नाले पर किए गए अतिक्रमण को नहीं हटाता है तो वह आगे भी न्यायालय की शरण लेंगे. वहीं, उन्होंने बताया सीएम हेल्पलाइन पर भी उन्होंने इसकी शिकायत की है.

याचिकाकर्ता अनिल गुप्ता ने बताया कि गंगा अनुरक्षण इकाई ने साल 2007 में उन्हें घाट रोड का नक्शा दिया था. जिसके मुताबिक, घाट रोड के दुकानदारों ने नाले पर 57 मीटर तक का अतिक्रमण किया है, लेकिन अभीतक अतिक्रमणकारियों को चिन्हित नहीं किया गया है. जबकि, साफ तौर पर उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय का आदेश है कि नदी और नालों पर हुआ अतिक्रमण पूरी तरह से अवैध है.

ऋषिकेश: शहर में हो रहे अतिक्रमण को लेकर याचिकाकर्ता अनिल गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. वहीं, हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी निगम ने अतिक्रमण हटाने के खिलाफ कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की. ऐसे में याचिकाकर्ता को दोबारा हाईकोर्ट का सहारा लिया. जिसके बाद हाईकोर्ट ने निगम को अतिक्रमण के खिलाफ सख्ती से आदेशों का पालन करने के निर्देश दिए थे. वहीं, याचिकाकर्ता का कहना है कि अतिक्रमण के नाम पर नगर निगम ने महज खानापूर्ति की है.

याचिकाकर्ता अनिल गुप्ता.

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याचिकाकर्ता का कहना है कि ऋषिकेश के घाट रोड पर स्थित नाले के ऊपर कई दुकानें अतिक्रमण के दायरे में आती हैं, लेकिन निगम ने उनपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. उनका कहना है कि नगर निगम जल्द से जल्द सरस्वती नाले पर किए गए अतिक्रमण को नहीं हटाता है तो वह आगे भी न्यायालय की शरण लेंगे. वहीं, उन्होंने बताया सीएम हेल्पलाइन पर भी उन्होंने इसकी शिकायत की है.

याचिकाकर्ता अनिल गुप्ता ने बताया कि गंगा अनुरक्षण इकाई ने साल 2007 में उन्हें घाट रोड का नक्शा दिया था. जिसके मुताबिक, घाट रोड के दुकानदारों ने नाले पर 57 मीटर तक का अतिक्रमण किया है, लेकिन अभीतक अतिक्रमणकारियों को चिन्हित नहीं किया गया है. जबकि, साफ तौर पर उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय का आदेश है कि नदी और नालों पर हुआ अतिक्रमण पूरी तरह से अवैध है.

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ऋषिकेश--ऋषिकेश में हुए अतिक्रमण को लेकर उच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता अनिल गुप्ता द्वारा याचिका दायर की गई थी जिसके बाद न्यायालय ने अतिक्रमण हटाने का आदेश जारी किया लेकिन आज भी निगम अतिक्रमण हटाने में नाकाम साबित हुआ है वहीं याचिकाकर्ता ने अब आरपार की लड़ाई का मूड बना लिया है।


Body:वी/ओ-- शहर से अतिक्रमण हटाने को लेकर उच्च न्यायालय के आदेश के बाद नगर निगम ने पहले काफी दिनों तक लापरवाह रवैया अपनाते हुए अतिक्रमण नहीं हटाया जिसके बाद याचिकाकर्ता अनिल गुप्ता के द्वारा उच्च न्यायालय में अवमानना वाद दायर किया गया जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शक्ति से आदेशों का पालन करने का निर्देश दिए लेकिन नगर निगम ऋषिकेश ने शहर से अतिक्रमण हटाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही की निगम के द्वारा कुछ ही स्थानों से अतिक्रमण हटाया गया जबकि शहर के बीच बीच अतिक्रमण को हटाने में निगम नाकाम साबित हुआ है आपको बता दें कि ऋषिकेश के घाट रोड पर स्थित नाले के ऊपर कई दुकानें बनी है जो अतिक्रमण के दायरे में हैं लेकिन निगम ने उन पर अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की है।


Conclusion:वी/ओ-- याचिकाकर्ता अनिल गुप्ता ने बताया कि गंगा अनुरक्षण इकाई के द्वारा 2007 में उनको एक नक्शा घाट रोड का दिया गया जिसमें साफ लिखा हुआ था कि घाट रोड के दुकानदारों के द्वारा नाले पर 57 मीटर तक का अतिक्रमण किया गया है लेकिन अभी तक अतिक्रमणकारियों को चिन्हित नहीं किया गया है जबकि साफ तौर पर उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय का आदेश है कि नदी और नालों को हुआ अतिक्रमण पूरी तरह से अवैध है उनका कहना है कि नगर निगम जल्द से जल्द सरस्वती नाले पर किए गए अतिक्रमण को हटाए अगर ऐसा नहीं करती है तो वह आगे भी न्यायालय की शरण ले सकते हैं वहीं उन्होंने यह भी कहा कि अतिक्रमण को लेकर उन्होंने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की है लेकिन वह भी इसकी कोई सुनवाई नहीं हुई है।

बाईट--अनिल गुप्ता(याचिकाकर्ता)
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