हरिद्वार: शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कृषि सुधार बिल को लेकर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिल के फायदे गिनाए. अरविंद पांडे ने कहा कि किसानों के हित में ही किसान बिल लाया गया है. उत्तराखंड सरकार इस बिल को लाने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देती है. उन्होंने कहा कि इस बिल का विरोध करने, सड़कों पर आंदोलन करने से किसानों की आय दोगुनी नहीं होगी. किसानों के हित में कड़े फैसले लेने होंगे, जिससे माफियाओं की कमर टूटे.
इस दौरान अरविंद पांडे ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस ने हमेशा दलाल एवं बिचौलिए को बढ़ावा दिया है. जिससे देश खोखला हो चुका था. बालाकोट में भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर जब पूरा विश्व तालियां बजा रहा था. उस समय राहुल गांधी और सोनिया गांधी सेना से सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांग रही थी. कांग्रेस अपने निजी हितों के लिए चाइना की कम्युनिस्ट पार्टी से समझौता करती है और देश का माहौल खराब करने का काम करती है. ऐसी सोच वाली पार्टी किसानों की हितैषी नहीं हो सकती है.
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अभिभावकों को नसीहत
कोरोना काल के दौरान प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमाफिक फीस के मामले पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्राइवेट स्कूल बच्चों को ऑनलाइन या किसी भी माध्यम से शिक्षा नहीं दे रहे हैं और जबरन अभिभावकों पर फीस के लिए दबाव बना बनाया जा रहा है. मेरे द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. अगर अधिकारी कार्रवाई नहीं करते तो वे अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.
अगर प्राइवेट स्कूल ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं तो उनको फीस देनी चाहिए. मंत्री जी ने प्राइवेट स्कूलों की फीस न भर पाने में असमर्थ अभिभावकों को उनके बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने की नसीहत दे डाली. अरविंद पांडे ने कहा कि राज्य के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी नहीं है. दूरदर्शन और अन्य संचार माध्यमों के द्वारा भी बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.
शिक्षा विभाग के घोटाले पर बोले शिक्षा मंत्री
शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में फर्नीचर लगाने को लेकर एक घोटाला सामने आया है. जिसमें शिक्षा विभाग द्वारा फर्नीचर खरीदने पर एक करोड़ 82 लाख 24 हजार का बजट खर्च करना दिखाया है. इस मामले पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि जिसके द्वारा भी इस मामले को संज्ञान में लाया गया है, वे उनका स्वागत करते हैं. इस मामले में सरकार द्वारा एक कमेटी बनाई गई है, जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे. उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
हरिद्वार में शिक्षा मंत्री से मिले अभिभावक
कोरोना काल में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से अभिभावक अब आक्रोशित हो रहे हैं. हरिद्वार दौरे पर पहुंचे शिक्षा मंत्री से अभिभावकों ने स्कूलों की मनमानी को लेकर शिकायत की और काली पट्टी बांधकर विरोध-प्रदर्शन भी किया.
अभिभावकों ने मंत्री से कहा कि स्कूल प्रबंधक उन पर कोरोना काल में पूरी ट्यूशन फीस के साथ दूसरी फीस भरने का दबाव बना रहे हैं. जबकि, अभिभावक सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ट्यूशन फीस भरने को तैयार हैं. लेकिन अतिरिक्त फीस नहीं जबरन स्कूलों की तरफ से वसूला जा रहा है.
वहीं, अभिभावकों की शिकायत पर मुख्य शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज का कहना है कि हरिद्वार के एक स्कूल को अनियमितता के आधार पर जारी नोटिस किया गया था. जांच में यह सिद्ध हुआ है कि उन्होंने दो हजार एडमिशन के टाइम पर ज्यादा लिए हैं और 15 हजार मेंटेनेंस के नाम पर लिए हैं. जिन्हें वापस करने का ऑर्डर जारी किया गया है. अगर स्कूल पैसों को वापस नहीं करता तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी.