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दर्शन के लिए रखी गई विश्व की सबसे बड़ी दुर्गा सप्तशती किताब, PM ने किया था विमोचन - प्रोफेसर संदीप जोशी

इस दुर्गा सप्तशती में स्लोक के साथ-साथ हर श्लोकों का चित्रात्मक वर्णन किया गया है, साथ ही इस दुर्गा सप्तशती में सभी 700 संस्कृत श्लोकों को हिन्दी और अंग्रेजी में अनुवाद भी वर्णित है.

दर्शन के लिए रखी गई दुर्गा सप्तशती किताब
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Published : Apr 14, 2019, 7:32 PM IST

हरिद्वार: वैसे तो धर्मनगरी हरिद्वार अपनी कई विशेषताओं के लिए विख्यात है. लेकिन आज इसमें एक और विशेषता जुड़ गई है. धर्मनगरी हरिद्वार में रामनवमी के अवसर पर एक विशेष दुर्गा सप्तशती पुस्तक लोगों के दर्शन के लिए रखी गयी. दुर्गा सप्तशती पुस्तक बड़ी ही अद्धभुत है. बता दें, इसका विमोचन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.

पढ़ें- स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पूर्व सांसद परिपूर्णानंद पैन्यूली का हरिद्वार में किया गया अंतिम संस्कार

वैसे तो दुर्गा सप्तशती सामान्य रूप से सभी भक्तों को उपलब्ध है, लेकिन हरिद्वार स्थित श्री दक्षिण काली पीठ में आज रखी गयी दुर्गा सप्तशती अपने आप में बड़ी अद्भुत है. इस दुर्गा सप्तशती में स्लोक के साथ-साथ हर श्लोकों का चित्रात्मक वर्णन किया गया है, साथ ही इस दुर्गा सप्तशती में सभी 700 संस्कृत श्लोकों को हिन्दी और अंग्रेजी में अनुवाद भी वर्णित है. इस किताब में प्रकाशित सभी श्लोकों को पांडुलिपि पन्ने पर प्रकाशित किए गए हैं. इस किताब का वजन लगभग 30 किलो है. इसको रखने के लिए एक विशेष बॉक्स बनाया गया है.

दर्शन के लिए रखी गई दुर्गा सप्तशती किताब

श्री दक्षिण काली पीठ के परमाध्यक्ष कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि यह ग्रंथ रामानंदाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. संदीप जोशी ने करीब 5 साल की कड़ी मेहनत से बनाया है. जिसका विमोचन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था.

ग्रंथ के रचेता डॉ. संदीप जोशी ने बताया कि साल 2009 में उन्होंने ग्रंथ का काम शुरू किया था जो कि 2015 में खत्म हुआ और साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका विमोचन किया.
यह दुर्गा सप्तशती विश्व की सबसे बड़ी दुर्गा सप्तशती है. इसमें 575 से ज्यादा विश्वभर से संकलित किए गए चित्र हैं. उन्होंने बताया कि इस ग्रंथ के बनाने के पीछे उनका धेय है कि मां भगवती के महात्व को सभी आसानी से समझ सकें.

हरिद्वार: वैसे तो धर्मनगरी हरिद्वार अपनी कई विशेषताओं के लिए विख्यात है. लेकिन आज इसमें एक और विशेषता जुड़ गई है. धर्मनगरी हरिद्वार में रामनवमी के अवसर पर एक विशेष दुर्गा सप्तशती पुस्तक लोगों के दर्शन के लिए रखी गयी. दुर्गा सप्तशती पुस्तक बड़ी ही अद्धभुत है. बता दें, इसका विमोचन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.

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वैसे तो दुर्गा सप्तशती सामान्य रूप से सभी भक्तों को उपलब्ध है, लेकिन हरिद्वार स्थित श्री दक्षिण काली पीठ में आज रखी गयी दुर्गा सप्तशती अपने आप में बड़ी अद्भुत है. इस दुर्गा सप्तशती में स्लोक के साथ-साथ हर श्लोकों का चित्रात्मक वर्णन किया गया है, साथ ही इस दुर्गा सप्तशती में सभी 700 संस्कृत श्लोकों को हिन्दी और अंग्रेजी में अनुवाद भी वर्णित है. इस किताब में प्रकाशित सभी श्लोकों को पांडुलिपि पन्ने पर प्रकाशित किए गए हैं. इस किताब का वजन लगभग 30 किलो है. इसको रखने के लिए एक विशेष बॉक्स बनाया गया है.

दर्शन के लिए रखी गई दुर्गा सप्तशती किताब

श्री दक्षिण काली पीठ के परमाध्यक्ष कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि यह ग्रंथ रामानंदाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. संदीप जोशी ने करीब 5 साल की कड़ी मेहनत से बनाया है. जिसका विमोचन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था.

ग्रंथ के रचेता डॉ. संदीप जोशी ने बताया कि साल 2009 में उन्होंने ग्रंथ का काम शुरू किया था जो कि 2015 में खत्म हुआ और साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका विमोचन किया.
यह दुर्गा सप्तशती विश्व की सबसे बड़ी दुर्गा सप्तशती है. इसमें 575 से ज्यादा विश्वभर से संकलित किए गए चित्र हैं. उन्होंने बताया कि इस ग्रंथ के बनाने के पीछे उनका धेय है कि मां भगवती के महात्व को सभी आसानी से समझ सकें.

Intro:एंकर - वैसे तो धर्मनगरी हरिद्वार अपनी कई विशेषताओं के लिए विख्यात है लेकिन आज इसमें एक और विशेषता बढ़ गयी, आज धर्मनगरी हरिद्वार में नवमी के अवसर पर एक विशेष दुर्गा सप्तशती पुस्तक लोगों के दर्शन के लिए रखी गयी, जोकि अपने आप में बड़ी अद्धभुत है और इसका विमोचन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके है। वजन, दर्शन सबमें यह ग्रंथ बड़ा ही विषिष्ठ है।


Body:VO1- वैसे तो दुर्गा सप्तशती सामान्य रूप से सभी भक्तों को उपलब्ध है लेकिन हरिद्वार स्थित श्री दक्षिण काली पीठ में आज रखी गयी दुर्गा सप्तशती अपने आप में बड़ी अद्भुत है, इस दुर्गा सप्तशती की किताब में स्लोक के साथ ही हर श्लोकों का चित्रात्मक वर्णन किया गया है, साथ ही इस दुर्गा सप्तशती में सभी 700 संस्कृत श्लोकों को हिन्दी और अंग्रेजी में अनुवाद भी वर्णित है। इस किताब में प्रकाशित सभी श्लोकों को पांडुलिपि पन्ने पर प्रकाशित किए गए हैं। इस किताब का वजन लगभग 30 किलो है वहीं इसको रखने के लिए एक विशेष बॉक्स बनाया गया है। श्री दक्षिण काली पीठ के परमाध्यक्ष कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि यह ग्रंथ रामानंदाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ संदीप जोशी द्वारा 5 साल की कड़ी मेहनत से बनाया गया है जिसका विमोचन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था जिसे आज लोगों के दर्शन के लिए हरिद्वार के श्री दक्षिण काली पीठ में रखा जा रहा है। ग्रंथ के रचेता डॉ संदीप जोशी ने बताया कि वर्ष 2009 में उन्होंने ग्रंथ का काम शुरू किया था जो कि 2015 में खत्म हुआ। वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ग्रंथ का विमोचन किया था। यह दुर्गा सप्तशती विश्व की सबसे बड़ी दुर्गा सप्तशती है, इसके अंदर 575 से ज्यादा विश्व भर से संकलित किए गए चित्र है। उन्होंने बताया कि इस ग्रंथ के बनाने के पीछे उनका धेय है कि मां भगवती के महातम को सभी लोग आसानी से समझ सके।


Conclusion:Byte - कैलाशानंद ब्रह्मचारी, परमाध्यक्ष, श्री दक्षिण काली पीठ


Byte - प्रोफेसर संदीप जोशी, ग्रंथ रचनाकार

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