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नशे की गिरफ्त में पिरान कलियर के युवा, धंधे में प्रयोग करते ये कोड वर्ड - रुड़की पुलिस

रुड़की के पिरान कलियर क्षेत्र में नशे का कारोबार तेजी के साथ फल फूल रहा है. इस कारोबार में कोड वर्ड का प्रयोग किया जाता है.

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नशे की गिरफ्त में पिरान कलियर के युवा
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Published : Feb 25, 2020, 11:25 AM IST

Updated : Feb 25, 2020, 1:34 PM IST

रुड़की: प्रदेश में पुलिस भले ही नशा कारोबारियों पर अंकुश लगाने के लिए अभियान चला रही हो, लेकिन नशे के सौदागरों का कारोबार रुकने की जगह दिनों दिन फल फूल रहा है. दरअसल, रुड़की के पिरान कलियर क्षेत्र में मेडिकल स्टोर और गली मोहल्लों से लेकर दरगाह क्षेत्र में नशे का कारोबार तेजी से हो रहा है. नशे का ये कारोबार कोड नंबर के आधार पर किया जाता है.

नशे की गिरफ्त में पिरान कलियर के युवा

सूत्रों के अनुसार, इस कारोबार में कोड नंबर का प्रयोग किया जाता है. इसमें सुल्फे का नाम प्रेम चोपड़ा, स्मैक का नाम श्रीदेवी, चरस का नाम मांस और भांग की पत्ती का नाम सपना चौधरी रखा गया है. नशे के सरगना के निशाने पर पिरान कलियर की युवा पीढ़ी और कॉलेज के बच्चे हैं, जिनके भविष्य को इन नशा माफियाओं के द्वारा खराब किया जा रहा है. नशे की चपेट में आने के कारण ये युवा बड़ी से बड़ी घटनाओं को अंजाम तक दे देते हैं. नशे का सामान खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा न होने के कारण ये युवा क्षेत्र में चोरी जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं.

ये भी पढ़ें: चारधाम देवस्थानम एक्ट के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे सुब्रमण्यम स्वामी, निरस्त करने की मांग

इन युवाओं के माता-पिता उनके भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हैं. दरगाह क्षेत्र से सटे धूनों पर बाबा लोगों की चिलम से चरस का धुआं उड़ता हुआ देखा जा सकता है. वहीं, भीख मांगने वाले बच्चे भी इस नशे की चपेट में आ रहे हैं. कलियर क्षेत्र में अधिकांश मेडिकल स्टोर पर ड्रग्स विभाग द्वारा प्रतिबंधित दवाइयों और वैक्सीन को पकड़ा गया है. नगर पंचायत पिरान कलियर के सभासदों ने नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए ईनाम भी घोषित किया हुआ हैं.

रुड़की: प्रदेश में पुलिस भले ही नशा कारोबारियों पर अंकुश लगाने के लिए अभियान चला रही हो, लेकिन नशे के सौदागरों का कारोबार रुकने की जगह दिनों दिन फल फूल रहा है. दरअसल, रुड़की के पिरान कलियर क्षेत्र में मेडिकल स्टोर और गली मोहल्लों से लेकर दरगाह क्षेत्र में नशे का कारोबार तेजी से हो रहा है. नशे का ये कारोबार कोड नंबर के आधार पर किया जाता है.

नशे की गिरफ्त में पिरान कलियर के युवा

सूत्रों के अनुसार, इस कारोबार में कोड नंबर का प्रयोग किया जाता है. इसमें सुल्फे का नाम प्रेम चोपड़ा, स्मैक का नाम श्रीदेवी, चरस का नाम मांस और भांग की पत्ती का नाम सपना चौधरी रखा गया है. नशे के सरगना के निशाने पर पिरान कलियर की युवा पीढ़ी और कॉलेज के बच्चे हैं, जिनके भविष्य को इन नशा माफियाओं के द्वारा खराब किया जा रहा है. नशे की चपेट में आने के कारण ये युवा बड़ी से बड़ी घटनाओं को अंजाम तक दे देते हैं. नशे का सामान खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा न होने के कारण ये युवा क्षेत्र में चोरी जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं.

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इन युवाओं के माता-पिता उनके भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हैं. दरगाह क्षेत्र से सटे धूनों पर बाबा लोगों की चिलम से चरस का धुआं उड़ता हुआ देखा जा सकता है. वहीं, भीख मांगने वाले बच्चे भी इस नशे की चपेट में आ रहे हैं. कलियर क्षेत्र में अधिकांश मेडिकल स्टोर पर ड्रग्स विभाग द्वारा प्रतिबंधित दवाइयों और वैक्सीन को पकड़ा गया है. नगर पंचायत पिरान कलियर के सभासदों ने नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए ईनाम भी घोषित किया हुआ हैं.

Last Updated : Feb 25, 2020, 1:34 PM IST
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