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गुरु पूर्णिमा: 54 साल बाद बन रहा ऐसे चंद्रग्रहण का योग, लाभ पाने के लिए करें ये उपाय

धर्मनगरी में लोग गुरु पूर्णिमा पर्व पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. जहां गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है.

गुरु पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी.
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Published : Jul 16, 2019, 11:52 AM IST

हरिद्वार: हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए गुरु पूर्णिमा का खास महत्व है. इसी वजह से गुरु पूर्णिमा के दिन पूजा अर्चना का प्रावधान रखा गया है. इस दिन गुरुओं की पूजा की जाती है. इस साल लगातार दूसरी बार ग्रहण लग रहा है. ज्योतिषाचार्य का मानना है कि यह चंद्रग्रहण कई राशियों पर अपना प्रभाव दिखाएगा. बताया जा रहा है कि इससे पहले इस तरह का चंद्र ग्रहण 1965 में पड़ा था.

वहीं धर्मनगरी में लोग गुरु पूर्णिमा पर्व पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. जिस वजह से गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है. गौर हो कि गुरु पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में बेहद खास माना जाता है. इस दिन गुरुओं की पूजा का विधान है. गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्य अपने गुरु को गुरु दक्षिणा देते हैं. क्योंकि जो भी ज्ञान गुरु ने दिया है उस ज्ञान को पाकर शिष्य जीवन की हर कठिनाइयों को पार कर जाता है.

वहीं इससे पहले 1965 में गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण लगा था. इसके बाद यह चंद्रग्रहण फिर 2021 में पड़ेगा और इस चंद्रग्रहण को खंडग्रास चंद्रग्रहण कहा जाता है. जो चंद्रमा के आधे हिस्से में होता है.

54 साल बाद बन रहा ऐसा चंद्र ग्रहण का योग

इस चंद्रग्रहण को पूरे भारत में देखा जाएगा. इस चंद्रग्रहण को ज्योतिषाचार्य काफी बड़ा मान रहे हैं. ज्योतिषाचार्य का मानना है कि यह चंद्रग्रहण कई राशियों पर अपना प्रभाव दिखाएगा.

पढ़ें-स्कूल का भवन क्षतिग्रस्त, शिक्षा विभाग के फैसले से बच्चे रहे सुरक्षित

ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्र पुरी का कहना है कि गुरु पूर्णिमा का स्नान, अमावस्या का स्नान और ग्रहण का स्नान सबसे ज्यादा फलदायक होता है. हरिद्वार हर की पौड़ी पर गंगा स्नान गुरु पूर्णिमा पर किया जाता है और जब कर्क राशि में सूर्य आ जाते हैं तो काफी फलदायक साबित होता है. आज गुरु पूर्णिमा पर कर्क राशि में सूर्य प्रवेश के साथ ही चंद्रग्रहण भी पड़ रहा है. इसलिए यह दिन काफी विशेष है, क्योंकि गुरु पूर्णिमा पर सक्रांति पड़ रही है. चंद्रग्रहण भी पड़ रहा है इसलिए यह स्थान काफी महत्वपूर्ण है.

ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि आज सबसे पहले अपने गुरु की पूजा के बाद गंगा स्नान करें और अपनी राशि के हिसाब से दान करें. रात्रि काल से पहले सूतक काल लग जाएगा, इस दौरान मूर्ति को छुआ नहीं करते. सिर्फ मानसिक जाप किया जाता है. ग्रहण काल के बाद उड़द की दाल चावल और नमक के डल्ले दान करने चाहिए. इस दिन स्नान करने से कुंभ के स्नान करने का फल प्राप्त होता है. गुरु पूर्णिमा पर पड़ रहे इस चंद्रग्रहण को देश भर में देखा जा सकता है.

इस बार चंद्रग्रहण को खुली आंखों से देख सकते हैं. यह पूर्ण ग्रहण है जो महिलाएं गर्भवती हैं वो घर से बाहर ना निकले और एक नारियल अपने पास रख कर सोएं. क्योंकि यह ग्रहण सोते हुए ही खत्म हो जाएगा. ग्रहण खत्म होने के बाद प्रात:काल गंगा स्नान करें.

इस चंद्रग्रहण में मकर राशि धनु राशि और कर्क राशि जिसमें सूर्य है और मकर धनु राशि में चंद्रमा है, इसलिए इन राशियों पर चंद्रग्रहण अपना काफी प्रभाव दिखाएगा. इसकी वजह से कई प्राकृतिक आपदा भी आ सकती है और यह पानी की वजह से ही आएंगी. चंद्र ग्रहण की वजह से बाढ़ आने का भी खतरा है.

चंद्रग्रहण तकरीबन ढाई घंटे तक दिखाई देगा. रात्रि 1:31 से शुरू होकर 4:30 तक रहेगा. इस चंद्रग्रहण में मकड़ धनु और कर्क राशि वालों को काफी सावधानी बरतनी पड़ेगी. साथ ही दान पूर्ण करने से उनको लाभ होगा. वहीं गुरु पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का खास महत्व है.

हरिद्वार: हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए गुरु पूर्णिमा का खास महत्व है. इसी वजह से गुरु पूर्णिमा के दिन पूजा अर्चना का प्रावधान रखा गया है. इस दिन गुरुओं की पूजा की जाती है. इस साल लगातार दूसरी बार ग्रहण लग रहा है. ज्योतिषाचार्य का मानना है कि यह चंद्रग्रहण कई राशियों पर अपना प्रभाव दिखाएगा. बताया जा रहा है कि इससे पहले इस तरह का चंद्र ग्रहण 1965 में पड़ा था.

वहीं धर्मनगरी में लोग गुरु पूर्णिमा पर्व पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. जिस वजह से गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है. गौर हो कि गुरु पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में बेहद खास माना जाता है. इस दिन गुरुओं की पूजा का विधान है. गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्य अपने गुरु को गुरु दक्षिणा देते हैं. क्योंकि जो भी ज्ञान गुरु ने दिया है उस ज्ञान को पाकर शिष्य जीवन की हर कठिनाइयों को पार कर जाता है.

वहीं इससे पहले 1965 में गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण लगा था. इसके बाद यह चंद्रग्रहण फिर 2021 में पड़ेगा और इस चंद्रग्रहण को खंडग्रास चंद्रग्रहण कहा जाता है. जो चंद्रमा के आधे हिस्से में होता है.

54 साल बाद बन रहा ऐसा चंद्र ग्रहण का योग

इस चंद्रग्रहण को पूरे भारत में देखा जाएगा. इस चंद्रग्रहण को ज्योतिषाचार्य काफी बड़ा मान रहे हैं. ज्योतिषाचार्य का मानना है कि यह चंद्रग्रहण कई राशियों पर अपना प्रभाव दिखाएगा.

पढ़ें-स्कूल का भवन क्षतिग्रस्त, शिक्षा विभाग के फैसले से बच्चे रहे सुरक्षित

ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्र पुरी का कहना है कि गुरु पूर्णिमा का स्नान, अमावस्या का स्नान और ग्रहण का स्नान सबसे ज्यादा फलदायक होता है. हरिद्वार हर की पौड़ी पर गंगा स्नान गुरु पूर्णिमा पर किया जाता है और जब कर्क राशि में सूर्य आ जाते हैं तो काफी फलदायक साबित होता है. आज गुरु पूर्णिमा पर कर्क राशि में सूर्य प्रवेश के साथ ही चंद्रग्रहण भी पड़ रहा है. इसलिए यह दिन काफी विशेष है, क्योंकि गुरु पूर्णिमा पर सक्रांति पड़ रही है. चंद्रग्रहण भी पड़ रहा है इसलिए यह स्थान काफी महत्वपूर्ण है.

ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि आज सबसे पहले अपने गुरु की पूजा के बाद गंगा स्नान करें और अपनी राशि के हिसाब से दान करें. रात्रि काल से पहले सूतक काल लग जाएगा, इस दौरान मूर्ति को छुआ नहीं करते. सिर्फ मानसिक जाप किया जाता है. ग्रहण काल के बाद उड़द की दाल चावल और नमक के डल्ले दान करने चाहिए. इस दिन स्नान करने से कुंभ के स्नान करने का फल प्राप्त होता है. गुरु पूर्णिमा पर पड़ रहे इस चंद्रग्रहण को देश भर में देखा जा सकता है.

इस बार चंद्रग्रहण को खुली आंखों से देख सकते हैं. यह पूर्ण ग्रहण है जो महिलाएं गर्भवती हैं वो घर से बाहर ना निकले और एक नारियल अपने पास रख कर सोएं. क्योंकि यह ग्रहण सोते हुए ही खत्म हो जाएगा. ग्रहण खत्म होने के बाद प्रात:काल गंगा स्नान करें.

इस चंद्रग्रहण में मकर राशि धनु राशि और कर्क राशि जिसमें सूर्य है और मकर धनु राशि में चंद्रमा है, इसलिए इन राशियों पर चंद्रग्रहण अपना काफी प्रभाव दिखाएगा. इसकी वजह से कई प्राकृतिक आपदा भी आ सकती है और यह पानी की वजह से ही आएंगी. चंद्र ग्रहण की वजह से बाढ़ आने का भी खतरा है.

चंद्रग्रहण तकरीबन ढाई घंटे तक दिखाई देगा. रात्रि 1:31 से शुरू होकर 4:30 तक रहेगा. इस चंद्रग्रहण में मकड़ धनु और कर्क राशि वालों को काफी सावधानी बरतनी पड़ेगी. साथ ही दान पूर्ण करने से उनको लाभ होगा. वहीं गुरु पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का खास महत्व है.

Intro:कल है गुरु पूर्णिमा का स्नान कहा जाता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्य अपने गुरु को गुरु दक्षिणा देते हैं क्योंकि जो भी ज्ञान गुरु ने दिया है उस ज्ञान को पाकर शिष्य जीवन की हर कठिनाइयों को पार कर जाता है गुरु पूर्णिमा के दिन ही पड़ रहा है चंद्र ग्रहण और चंद्र ग्रहण 1965 के बाद कल लगने वाला है इसके बाद यह चंद्रग्रहण फिर 2021 में पड़ेगा और इस चंद्रग्रहण को खंडग्रास चंद्रग्रहण का जाता है जो चंद्रमा के आधे हिस्से में होता है इस चंद्रग्रहण को पूरे भारत में देखा जाएगा इस चंद्रग्रहण को ज्योतिषाचार्य काफी बड़ा मान रहे हैं ज्योतिषाचार्य का मानना है कि यह चंद्रग्रहण कई राशियों पर अपना प्रभाव दिखाएगा


Body:गुरु पूर्णिमा के स्नान और साथ ही चंद्र ग्रहण पर लाखों लोग हरिद्वार आके मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाते हैं और गंगा की आराधना करते हैं ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्र पुरी का कहना है कि गुरु पूर्णिमा का स्नान अमावस्या का स्नान और ग्रहण का स्नान यह सबसे ज्यादा फलदायक होता है हरिद्वार हर की पौड़ी पर गंगा स्नान गुरु पूर्णिमा पर किया जाता है और जब कर्क राशि में सूर्य आ जाते हैं तो काफी फलदायक साबित होता है कल गुरु पूर्णिमा पर कर्क राशि में सूर्य प्रवेश कर रहे हैं और साथ ही चंद्रग्रहण भी पड़ रहा है इसलिए यह दिन काफी विशेष है क्योंकि गुरु पूर्णिमा भी है सक्रांति भी है और चंद्रग्रहण भी है इसलिए यह स्थान काफी महत्वपूर्ण है ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि कल सबसे पहले अपने गुरु की पूजा करें फिर गंगा स्नान करें और अपनी राशि के हिसाब से दान करें रात्रि काल से पहले सूतक काल लग जाएगा तब मूर्ति को छुआ नहीं करते सिर्फ मानसिक जाप भी किया जाता है और ग्रहण काल के बाद उड़द की दाल चावल और नमक के डल्ले दान करने चाहिए इस दिन स्नान करने से कुंभ के स्नान करने का फल प्राप्त होता है

बाइट-- प्रतीक मिश्रपुरी--ज्योतिषाचार्य

गुरु पूर्णिमा पर पड़ रहे इस चंद्रग्रहण को देश भर में देखा जा सकता है यह रात 1:31 से शुरू होकर 4:30 तक रहेगा ऐसा चंद्रग्रहण 54 साल बाद लगने जा रहा है ज्योतिषाचार्य प्रतिक मिश्रपूरी का कहना है कि चंद्रग्रहण काफी बड़ा ग्रहण है इससे पहले यह चंद्र ग्रहण 1965 में पड़ा था अब कल वैसा ही चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है और उसके बाद 2021 मे मई में यह ग्रहण लगेगा इस चंद्रग्रहण को खंडग्रास कहा जाता है क्योंकि इस चंद्रग्रहण में आधा चंद्रमा ग्रहण के अंदर आ जाता है यह चंद्रग्रहण पूरे भारत में देखा जा सकता है और खुली आंखों से इस चंद्र ग्रहण को देख सकते हैं यह पूर्ण ग्रहण है जो महिलाएं गर्भवती है वह घर से बाहर ना निकले और एक नारियल अपने पास रख कर सोए क्योंकि यह ग्रहण सोते हुए ही खत्म हो जाएगा ग्रहण खत्म होने के बाद प्रातकाल गंगा स्नान करें

बाइट-- प्रतीक मिश्रपुरी--ज्योतिषाचार्य

चंद्रमा पृथ्वी और सूरज एक सीध में होते है तब ग्रहण पड़ता है यदि चंद्र ग्रहण की बात करें तो जब सूर्य और चंद्रमा के बीच धरती आ जाती है तो उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है यही स्थिति चंद्रग्रहण कहलाती है ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि यह चंद्र ग्रहण अपना काफी प्रभाव दिखाएगा चंद्र ग्रहण का प्रभाव सबसे ज्यादा जल में रहेगा इस चंद्रग्रहण में मकर राशि धनु राशि और कर्क राशि जिसमें सूर्य है और मकर धनु राशि में चंद्रमा है इसलिए इन राशियों पर चंद्रग्रहण अपना काफी प्रभाव दिखाएगा इसकी वजह से कई प्राकृतिक आपदा भी आ सकती है और यह पानी की वजह से ही आएगी चंद्र ग्रहण की वजह से बाढ़ आने का भी खतरा है और बांध के भी टूट जाना ऐसा कुछ दिखाई दे सकता है यह चंद्रग्रहण तकरीबन ढाई घंटे तक दिखाई देगा रात्रि 1:31 से शुरू होकर 4:30 तक रहेगा इस चंद्रग्रहण में मकड़ धनु और कर्क राशि वालों को काफी सावधानी बरतनी पड़ेगी साथ ही दान पूर्ण करने से उनको लाभ होगा

बाइट-- प्रतीक मिश्रपुरी--ज्योतिषाचार्य



Conclusion:गुरु पूर्णिमा पर हरिद्वार में लाखों की तादाद में श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही कल पड़ने वाले चंद्र ग्रहण पर दान पुण्य कर पुण्य के भागीदार बनेंगे क्योंकि माना जाता है कि गुरु पूर्णिमा पर और चंद्रग्रहण में गंगा स्नान और दान पुण्य करने से सभी कष्टों को मुक्ति मिल जाती है
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