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हरिद्वारः गंगा में पानी कम होने से डुबकी नहीं लगा पा रहे श्रद्धालु, लौट रहे मायूस

ब्रह्मकुंड और आसपास के क्षेत्रों में श्रद्धालुओं को डुबकी लगाने लायक पानी नहीं मिलने से श्रद्धालु मायूस नजर आ रहे हैं. श्रद्धालुओं ने यह भी कहा कि वे इस बार यह गंगा का पानी भी नहीं ले जा रहे क्योंकि पानी काफी गंदा है.

गंगा में काफी कम पानी नजर आ रहा है.
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Published : Oct 16, 2019, 11:52 PM IST

हरिद्वार : वार्षिक बंदी के दौरान सफाई और अन्य दूसरे कार्य किए जाने को लेकर गंगनहर को बंद कर दिया जाता है. नहर के बंद होने के कारण पौड़ी स्थित पौराणिक ब्रह्मकुंड में भी जल का स्तर कम हो गया है. इस कारण धर्मनगरी की गंगा में स्नान करने और पुण्य कमाने की कामना करने वाले श्रद्धालुओं के हाथ मायूसी ही लग रही है.

गंगा में काफी कम पानी नजर आ रहा है.

ब्रह्मकुंड और आसपास के क्षेत्रों में श्रद्धालुओं को डुबकी लगाने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलने के कारण श्रद्धालु मायूस नजर आ रहे हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि इस बार पूर्व के समय के अनुरूप गंगा में काफी कम पानी नजर आ रहा है, गंगा में सफाई व्यवस्था भी कहीं नजर नहीं आ रही है. श्रद्धालुओं ने यह भी कहा कि वे इस बार यह गंगा का पानी भी नहीं ले जा रहे क्योंकि पानी काफी गंदा नजर आ रहा है.

यह भी पढ़ें-चारधाम: बदरी-केदार में रिकॉर्ड दर्शन, बदरीनाथ में आंकड़ा 11 लाख के पार

श्रद्धालुओं ने यह भी कहा कि हर बार स्थानीय प्रशासन द्वारा कहा जाता है कि गंगा में पर्याप्त जल श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध कराया जाएगा, मगर हर बार की तरह इस बार भी गंगा में जल उपलब्ध नहीं कराया गया है. श्रद्धालुओं का कहना है कि उनकी आस्था को देखते हुए सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.

हरिद्वार : वार्षिक बंदी के दौरान सफाई और अन्य दूसरे कार्य किए जाने को लेकर गंगनहर को बंद कर दिया जाता है. नहर के बंद होने के कारण पौड़ी स्थित पौराणिक ब्रह्मकुंड में भी जल का स्तर कम हो गया है. इस कारण धर्मनगरी की गंगा में स्नान करने और पुण्य कमाने की कामना करने वाले श्रद्धालुओं के हाथ मायूसी ही लग रही है.

गंगा में काफी कम पानी नजर आ रहा है.

ब्रह्मकुंड और आसपास के क्षेत्रों में श्रद्धालुओं को डुबकी लगाने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलने के कारण श्रद्धालु मायूस नजर आ रहे हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि इस बार पूर्व के समय के अनुरूप गंगा में काफी कम पानी नजर आ रहा है, गंगा में सफाई व्यवस्था भी कहीं नजर नहीं आ रही है. श्रद्धालुओं ने यह भी कहा कि वे इस बार यह गंगा का पानी भी नहीं ले जा रहे क्योंकि पानी काफी गंदा नजर आ रहा है.

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श्रद्धालुओं ने यह भी कहा कि हर बार स्थानीय प्रशासन द्वारा कहा जाता है कि गंगा में पर्याप्त जल श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध कराया जाएगा, मगर हर बार की तरह इस बार भी गंगा में जल उपलब्ध नहीं कराया गया है. श्रद्धालुओं का कहना है कि उनकी आस्था को देखते हुए सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.

Intro:वार्षिक बंदी के दौरान सफाई और अन्य दूसरे कार्य किए जाने को लेकर उतरी गंग नहर को बंद कर दिया जाता है और इस कारण हर की पौड़ी स्थित पौराणिक ब्रह्मकुंड में भी पानी का लेवल कम हो जाता है पौराणिक ब्रह्मकुंड और आसपास के क्षेत्रों में गंगा में पर्याप्त मात्रा में जल ना होने के कारण हरिद्वार आकर गंगा में स्नान करने वाले पुण्य कमाने वाले और अन्य दूसरे धार्मिक अनुष्ठान करने वाले श्रद्धालुओं को मायूसी हाथ लग रही है हरिद्वार आने वाले श्रद्धालु ने सरकार से व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग भी कर रहे हैं


Body:धर्मनगरी हरिद्वार आकर गंगा में स्नान करने और पुण्य कमाने की कामना करने वाले श्रद्धालुओं के हाथ हरिद्वार आने के बाद मायूसी ही हाथ लग रही है ब्रह्मकुंड और आसपास के क्षेत्रों में श्रद्धालुओं को डुबकी लगाने लायक जल ना मिलने के कारण श्रद्धालु मायूस नजर आ रहे हैं श्रद्धालुओं का कहना है कि इस बार पूर्व के समय के अनुरूप काफी कम पानी गंगा में नजर आ रहा है गंगा में सफाई व्यवस्था भी कहीं नजर नहीं आ रही है श्रद्धालुओं का कहना है कि हम आस्था से हरिद्वार आते हैं और यहां आकर गंगा में डुबकी लगाने लायक भी पानी नहीं मिलता है तो श्रद्धालु कहीं ना कहीं मायूस होते हैं वही इनका कहना है कि इस बार यह गंगा का पानी भी नहीं ले जा रहे क्योंकि गंगा का पानी काफी गंदा नजर आ रहा है

बाइट-- श्रद्धालु

हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि गंगा में पानी कम होने की वजह से काफी दिक्कत आ रही है पानी कम होने की वजह से हम गंगा में डुबकी भी नहीं लगा पा रहे हैं हर बार स्थानीय प्रशासन द्वारा कहा जाता है कि गंगा में पर्याप्त जल श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध कराया जाएगा मगर हर बार की तरह इस बार भी गंगा में जल उपलब्ध नहीं कराया गया है श्रद्धालुओं को डुबकी तक लगाने में काफी परेशानी हो रही है श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए सरकार को इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है

बाइट- श्रद्धालु


Conclusion:वार्षिक गंगा बंदी के दौरान होने वाली गंगा बंदी के कारण पौराणिक ब्रह्मकुंड में भी गंगा का जलस्तर काफी कम हो जाता है और यही कारण है कि हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं के हाथ मायूसी ही लगती है हर बार दावे तो लाख किए जाते हैं मगर दावों के विपरीत जमीनी स्तर पर कुछ और ही नजर आता है और हर बार श्रद्धालुओं को हरिद्वार में वार्षिक गंगा बंदी के दौरान मायूस लौटना पड़ता है
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