रुड़की: कांग्रेस-भाजपा के बीच निर्दलीय के रूप में रुड़की नगर निगम की कुर्सी पर विराजमान हुए वर्तमान मेयर गौरव गोयल ने भाजपा का दामन थाम लिया. लेकिन अभी भी मेयर साहब पार्षदों और नगर विधायक से तालमेल नहीं बैठा पा रहे हैं. कुछ पार्षद बोर्ड बैठक ना होने से खफा हैं, तो वहीं, नगर विधायक भी मानते हैं कि बोर्ड बैठक होनी जरूरी है.
मेयर गौरव गोयल का साफ कहना है कि जब तक पुरानी बोर्ड बैठक में स्वीकृत प्रस्ताव का 75 प्रतिशत कार्य नहीं हो जाता तब तक बोर्ड बैठक करने का कोई औचित्य नहीं है. ऐसे में विचारधारा की लड़ाई और जुबानी बयानबाजी होना तो लाजमी है. आपको बता दें कि रुड़की निगम चुनाव में कांग्रेस-भाजपा को पछाड़ते हुए निर्दलीय प्रत्याशी गौरव गोयल ने जीत हासिल की थी. चुनाव जीतने के बाद पहली बोर्ड बैठक हंगामेदार हुई थी. जिसके बाद अब तक करीब 7 माह बीत जाने पर भी दूसरी बोर्ड बैठक का आयोजन नहीं किया गया. जिस पर कुछ पार्षद खफा दिखाई पड़ रहे हैं और अलग-अलग बैठक कर रणनीति तैयार करने में जुटे हैं.
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पार्षदों का मानना है कि उनके वार्ड में विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं और बोर्ड बैठक ना होने के कारण नए प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल पा रही है. इसके चलते मेयर और कुछ पार्षदों के बीच तालमेल नहीं बैठ पा रहा है. वहीं, नगर विधायक प्रदीप बत्रा का भी यही मानना है. विधायक कहते है कि तालमेल और विकास कार्यो को लेकर बोर्ड बैठक का होना जरूरी है. इसके साथ ही विधायक प्रदीप बत्रा का कहना है जल्द ही बोर्ड बैठक होगी और विकास कार्यों को गति दी जाएगी.
इसके साथ ही मेयर गौरव गोयल का साफतौर पर ये कहना है कि जब तक पिछली बोर्ड बैठक में स्वीकृत हुए कार्यों का 75 प्रतिशत काम नहीं हो जाता तब तक दूसरी बोर्ड बैठक का कोई औचित्य नहीं है. मेयर गौरव गोयल ने साफ लफ्जों में कहा कि निगम में तमाम पार्षद उनके परिवार के सदस्य हैं. परिवार में तमाम तरह की बातें होती हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण विकास कार्यों की गति धीमी हुई थी, जो अब गति पकड़ रही है और जल्द ही 75 प्रतिशत कार्य पूरे होंगे.