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कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना, कहा-काम की नहीं, नाम की हो रही सियासत - उत्तराखंड सरकार

रुड़की के गणेशपुर पुल पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के शिलापट्ट में नाम अंकित करने को लेकर विवाद हो गया. जिसको लेकर कांग्रेसी विधायक हाजी फुरकान अहमद का कहना है कि रुड़की नगर निगम क्षेत्र में बीजेपी काम की नहीं, बल्कि नाम की राजनीति कर रही है.

rock board of Chhatrapati Shivaji Maharaj
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Published : Sep 9, 2021, 10:13 AM IST

रुड़की: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव-2022 (Uttarakhand Assembly Election-2022) को लेकर भाजपा ने तैयारियां शुरू कर दी है. वहीं, रुड़की में भाजपा की अंतर्कलह इन दिनों पूरे चरम पर है. जिसको लेकर कांग्रेस लगातार भाजपा पर निशाना साध रही है. रुड़की में गणेशपुर पुल पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के शिलापट्ट को लेकर चला आ रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिसको लेकर कांग्रेसी विधायक हाजी फुरकान अहमद का कहना है कि रुड़की नगर निगम क्षेत्र में बीजेपी काम की नहीं, बल्कि नाम की राजनीति कर रही है.

दरअसल, इन दिनों राजनीतिक गलियारों में रुड़की नगर निगम खूब चर्चाओं में है. नाम को लेकर शुरू हुआ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. भाजपा की अंतर्कलह को लेकर कांग्रेस भी ताना मारने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. बता दें कि, रुड़की नगर निगम क्षेत्र चार विधानसभाओं से जुड़ा हुआ है. जिसमें रुड़की, कलियर, झबरेड़ा और खानपुर शामिल है. निगम की राजनीति में चारों विधानसभाओं के जनप्रतिनिधियों की दखलंदाजी रहती है.

कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना.

हाल ही में रुड़की की गंगनहर कोतवाली के समीप छत्रपति शिवाजी राव की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में फिर सब भाजपाइयों में विवाद शुरू हो गया. इस बार विवाद का कारण मूर्ति स्थल पर लगे शिलापट्ट पर नाम लिखे जाने को लेकर हुआ. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखंड सरकार के गन्ना मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद पहुंचे थे. मंच पर मंत्री, विधायक समेत मेयर भी मौजूद थे. इसी बीच झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के प्रतिनिधि व नामित पार्षद सतीश शर्मा मंच पर आए और मेयर से उलझ पड़े. सतीश शर्मा का आरोप था कि शिलापट्ट पर विधायक देशराज का नाम लिखा गया था, लेकिन मेयर ने उसे हटवाकर अपना नाम लिखवाया है. इस दौरान विधायक और मेयर समर्थकों के बीच खूब नोकझोंक भी हुई. लेकिन उसके बाद उनका नाम शिलापट्ट पर लिख दिया गया है. अब शिलापट्ट पर क्षेत्रीय सांसद, मंत्री, विधायकों का नाम लिखा गया है.

पढ़ें: रुड़की: 2022 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को अंतर्कलह पड़ सकती है भारी

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना कि शिलापट्ट पर विधायक फुरकान अहमद का नाम भी होना चहिए था, क्योंकि उनकी विधानसभा का भी कुछ हिस्सा नगर निगम में आता है.

वहीं गणेशपुर पुल के पास बने छत्रपति शिवाजी वाले शिलापट्ट को दो बार बदल दिया है. जिसमे अब सांसद और भाजपा के तीन विधायकों का नाम लिखा गया है. इसलिए कांग्रेस में नाराजगी दिखाई दे रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी नाम के लिए ओछी राजनीतिक कर रही है.

रुड़की: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव-2022 (Uttarakhand Assembly Election-2022) को लेकर भाजपा ने तैयारियां शुरू कर दी है. वहीं, रुड़की में भाजपा की अंतर्कलह इन दिनों पूरे चरम पर है. जिसको लेकर कांग्रेस लगातार भाजपा पर निशाना साध रही है. रुड़की में गणेशपुर पुल पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के शिलापट्ट को लेकर चला आ रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिसको लेकर कांग्रेसी विधायक हाजी फुरकान अहमद का कहना है कि रुड़की नगर निगम क्षेत्र में बीजेपी काम की नहीं, बल्कि नाम की राजनीति कर रही है.

दरअसल, इन दिनों राजनीतिक गलियारों में रुड़की नगर निगम खूब चर्चाओं में है. नाम को लेकर शुरू हुआ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. भाजपा की अंतर्कलह को लेकर कांग्रेस भी ताना मारने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. बता दें कि, रुड़की नगर निगम क्षेत्र चार विधानसभाओं से जुड़ा हुआ है. जिसमें रुड़की, कलियर, झबरेड़ा और खानपुर शामिल है. निगम की राजनीति में चारों विधानसभाओं के जनप्रतिनिधियों की दखलंदाजी रहती है.

कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना.

हाल ही में रुड़की की गंगनहर कोतवाली के समीप छत्रपति शिवाजी राव की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में फिर सब भाजपाइयों में विवाद शुरू हो गया. इस बार विवाद का कारण मूर्ति स्थल पर लगे शिलापट्ट पर नाम लिखे जाने को लेकर हुआ. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखंड सरकार के गन्ना मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद पहुंचे थे. मंच पर मंत्री, विधायक समेत मेयर भी मौजूद थे. इसी बीच झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के प्रतिनिधि व नामित पार्षद सतीश शर्मा मंच पर आए और मेयर से उलझ पड़े. सतीश शर्मा का आरोप था कि शिलापट्ट पर विधायक देशराज का नाम लिखा गया था, लेकिन मेयर ने उसे हटवाकर अपना नाम लिखवाया है. इस दौरान विधायक और मेयर समर्थकों के बीच खूब नोकझोंक भी हुई. लेकिन उसके बाद उनका नाम शिलापट्ट पर लिख दिया गया है. अब शिलापट्ट पर क्षेत्रीय सांसद, मंत्री, विधायकों का नाम लिखा गया है.

पढ़ें: रुड़की: 2022 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को अंतर्कलह पड़ सकती है भारी

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना कि शिलापट्ट पर विधायक फुरकान अहमद का नाम भी होना चहिए था, क्योंकि उनकी विधानसभा का भी कुछ हिस्सा नगर निगम में आता है.

वहीं गणेशपुर पुल के पास बने छत्रपति शिवाजी वाले शिलापट्ट को दो बार बदल दिया है. जिसमे अब सांसद और भाजपा के तीन विधायकों का नाम लिखा गया है. इसलिए कांग्रेस में नाराजगी दिखाई दे रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी नाम के लिए ओछी राजनीतिक कर रही है.

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