देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से नई दिल्ली में मुलाकात की. इस दौरान सीएम धामी ने ने केंद्रीय मंत्री से उत्तराखंड की गौला, शारदा, दाबका और कोसी नदी के लिए वन स्वीकृतियां इस सत्र (31 मई 2023) के अंत तक वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के अंतर्गत शीघ्र विस्तार करने और आगामी 10 सालों तक नवीनीकृत करने के लिए संबंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया. वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सीएम धामी शीघ्र उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.
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मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री @byadavbjp से भेंट कर गौला, शारदा, दाबका एवं कोसी नदी की वन स्वीकृतियों को विस्तारित एवं आगामी दस वर्षों तक नवीनीकृत करने हेतु संबंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया है। pic.twitter.com/X3aEIYnnnU
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">मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री @byadavbjp से भेंट कर गौला, शारदा, दाबका एवं कोसी नदी की वन स्वीकृतियों को विस्तारित एवं आगामी दस वर्षों तक नवीनीकृत करने हेतु संबंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया है। pic.twitter.com/X3aEIYnnnU
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) February 18, 2023मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री @byadavbjp से भेंट कर गौला, शारदा, दाबका एवं कोसी नदी की वन स्वीकृतियों को विस्तारित एवं आगामी दस वर्षों तक नवीनीकृत करने हेतु संबंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया है। pic.twitter.com/X3aEIYnnnU
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा पर्वतीय नदियों में मानसून के दौरान जमा उपखनिज (आरबीएम) को बाढ़ नियंत्रण एवं नदी किनारों पर स्थित वन एवं कृषि भूमि की सुरक्षा करने, आपदा प्रबंधन के निवारणात्मक उद्देश्यों को पूरा करने, नदी तल के ऊपर उठने पर नियंत्रण पाने और आम जनता व विशेष रूप से किसानों के नदी तटीय अधिकारों के संरक्षण करने के लिए हटाया जाना अत्यंत आवश्यक है.
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इन नदियों से आरबीएम की उपलब्धता सिविल निर्माण कार्यों, धार्मिक और सामरिक रूप से आवश्यक सड़क और रेल नेटवर्क का विस्तार जैसे अति महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बहुत जरूरी है. जो लगभग 50000 स्थानीय और प्रवासी श्रमिकों को रोजगार भी प्रदान करता है. वर्तमान में भी वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 4 नदियों की वन स्वीकृति को 28 फरवरी 2023 तक बढ़ाया गया है.
सीएम धामी ने कहा उत्तराखंड की चार प्रमुख नदियां कोसी, गौला, शारदा और दाबका नदी में खनन की अनुमति को एक माह और फरवरी तक बढ़ा दिया गया है. मैंने वन मंत्री से 10 साल के लिए अनुमति बढ़ाने का अनुरोध किया है. बहुत से लोगों की आजीविका नदी खनन पर निर्भर है. यदि बरसात के मौसम में खनन नहीं होता है तो जलस्तर बढ़ जाता है. इससे भविष्य में बाढ़ का खतरा पैदा हो जाता है. नदी और लोगों की आजीविका को बनाए रखने के लिए खनन जारी रहना चाहिए