देहरादून: कुंभ 2021 को लेकर राज्य सरकार की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. लेकिन कुंभ की भव्यता और इसकी व्यवस्था किस तरह की होगी इस पर फाइनल निर्णय केंद्र द्वारा तय की जाने वाली SOP से स्पष्ट होगा.
हरिद्वार में होने वाले 2021 महाकुंभ को लेकर राज्य सरकार की तैयारियां तकरीबन अपने आखिरी चरण की ओर हैं. शुक्रवार को कैबिनेट बैठक के बाद मदन कौशिक ने बताया कि राज्य सरकार अपनी तरफ से पूरी तैयारियां कर रही है, लेकिन कुंभ का स्वरूप कैसा होगा इसको लेकर केंद्र सरकार SOP जारी करेगी. उसको लेकर राज्य ने अपनी सारी स्थितियों से केंद्र को अवगत करा दिया है.
शुक्रवार को ही कैबिनेट बैठक में कुंभ के दृष्टिगत कैबिनेट द्वारा फैसला लिया गया कि इसके कार्यों में गति को तीव्र करने के लिये मेला अधिकारी को 2 करोड़ और आयुक्त को 5 करोड़ तक के कार्य कराने की स्वीकृति दी गयी. मेला अधिकारी स्वीकृत कार्यों को 50 प्रतिशत तक बढ़ा सकते हैं. इसके अतिरिक्त टेंडर की अवधि 7 दिन करने की अनुमति तथा कार्य को दो भाग में विभाजित करने की अनुमति दी गयी.
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लंबे समय से साधु-संतों की भू समाधि को लेकर चली आ रही मांग को भी शुक्रवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. हरिद्वार में ध्यान कुंज के पास सिंचाई विभाग की 4.38 हेक्टेयर जमीन को साधु-संतों और महात्माओं की भू समाधि के लिए आवंटित किया गया. आपको बता दें कि पौराणिक काल से साधु-संत और महात्माओं को देह त्यागने के बाद जल समाधि दी जाती थी. एनजीटी और तमाम नियमों के बाद जल समाधि पर रोक लगाई गई. साधु-संतों द्वारा भू समाधि के लिए भूमि की मांग की जाने लगी जिस पर सरकार ने फैसला ले लिया है.