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प्रदेश में लगभग 17 हजार बच्चे कुपोषण के शिकार, जागरूकता के लिए चलाया जा रहा अभियान

राज्य में 17,000 बच्चे कुपोषण का शिकार हैं, जिसे खत्म करने के लिए हरिद्वार में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें उत्तराखंड की राज्यपाल माननीय बेबी रानी मौर्य ने शिरकत और महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने शिरकत की.

कुपोषण के लिए चलाया जागरुकता अभियान.
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Published : Sep 24, 2019, 5:08 PM IST

Updated : Sep 24, 2019, 6:30 PM IST

हरिद्वार: सरकार द्वारा कुपोषण के खिलाफ अभियान की शुरुआत 2018 में की गई थी. लेकिन आज भी बड़ी संख्या में उत्तराखंड राज्य में बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय अब एक बार फिर कुपोषण मुक्त प्रदेश के लिए प्रयास तेज करता दिख रहा है. जिसके चलते आज हरिद्वार में कुपोषण से जागरुकता अभियान का आयोजन किया गया.

कुपोषण के लिए चलाया जागरुकता अभियान.

कुपोषण के खिलाफ सरकार के लाख दावों के बाद भी बच्चों में कुपोषण दूर नहीं हो रहा है. उत्तराखंड में लगभग 17 हजार बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. जिनमें 1700 बच्चे अति कुपोषण का शिकार हैं. हरिद्वार में भी कई बच्चे और गर्भवती महिलाएं कुपोषण का शिकार पाई गई हैं.

पढे़ं- नामांकन रैली में जा रही मैक्स खाई में गिरी, 3 लोगों की मौत, 6 घायल

जिसे खत्म करने के लिए आज मंगलवार हरिद्वार में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में जहां संतुलित आहार पुस्तिका का विमोचन किया गया, वहीं राज्य एवं आंगनबाड़ी पोषण निगरानी पोर्टल की भी शुरुआत भी की गई.

कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि हरिद्वार में बच्चे अधिक कुपोषण का शिकार हैं. इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, महिला और बाल विकास मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि प्रदेश में लगभग 17 हजार बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. जिसे दूर करने के लिए जनप्रतिनिधियों को भी इसे एक अभियान बनाने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य 2021 तक राज्य को कुपोषण मुक्त करना है. इस कार्यक्रम में कई महिलाओं और बच्चों को पोषण युक्त खाद्य पदार्थ भी बांटे गए.

हरिद्वार: सरकार द्वारा कुपोषण के खिलाफ अभियान की शुरुआत 2018 में की गई थी. लेकिन आज भी बड़ी संख्या में उत्तराखंड राज्य में बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय अब एक बार फिर कुपोषण मुक्त प्रदेश के लिए प्रयास तेज करता दिख रहा है. जिसके चलते आज हरिद्वार में कुपोषण से जागरुकता अभियान का आयोजन किया गया.

कुपोषण के लिए चलाया जागरुकता अभियान.

कुपोषण के खिलाफ सरकार के लाख दावों के बाद भी बच्चों में कुपोषण दूर नहीं हो रहा है. उत्तराखंड में लगभग 17 हजार बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. जिनमें 1700 बच्चे अति कुपोषण का शिकार हैं. हरिद्वार में भी कई बच्चे और गर्भवती महिलाएं कुपोषण का शिकार पाई गई हैं.

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जिसे खत्म करने के लिए आज मंगलवार हरिद्वार में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में जहां संतुलित आहार पुस्तिका का विमोचन किया गया, वहीं राज्य एवं आंगनबाड़ी पोषण निगरानी पोर्टल की भी शुरुआत भी की गई.

कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि हरिद्वार में बच्चे अधिक कुपोषण का शिकार हैं. इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, महिला और बाल विकास मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि प्रदेश में लगभग 17 हजार बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. जिसे दूर करने के लिए जनप्रतिनिधियों को भी इसे एक अभियान बनाने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य 2021 तक राज्य को कुपोषण मुक्त करना है. इस कार्यक्रम में कई महिलाओं और बच्चों को पोषण युक्त खाद्य पदार्थ भी बांटे गए.

Intro:कुपोषण को उत्तराखंड राज्य में खत्म करने के लिए इसके खिलाफ अभियान की शुरुआत तो सरकार द्वारा 2018 में कर दी गई थी मगर आज भी अगर हम राज्य की बात करें तो राज्य में 17000 बच्चे कुपोषण का शिकार हैं इस कुपोषण को खत्म करने के लिए और देश को सशक्त बनाने के लिए व देश के बच्चों व गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से स्वस्थ बनाने के लिए हरिद्वार में भी एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें उत्तराखंड की राज्यपाल माननीय बेबी रानी मौर्य ने शिरकत की यही नहीं इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने भी शिरकत कर हरिद्वार के लोगों को कुपोषण को खत्म करने के लिए उचित जानकारी दी
Body:सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी बच्चों में कुपोषण की कमी दूर नहीं हो रही है आपको बता दे कि उत्तराखंड प्रदेश में लगभग 17 हज़ार बच्चे कुपोषण के शिकार हैं इनमे से 1700 बच्चे अति कुपोषण का शिकार है हरिद्वार में भी कई बच्चे और गर्भवती महिलाएं कुपोषण का शिकार हैं और इसको खत्म करने के लिए आज हरिद्वार में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया इस कार्यक्रम में जहां संतुलित आहार पुस्तिका का विमोचन किया गया तो वही राज्य एवं आंगनवाड़ी पोषण निगरानी पोर्टल की शुरुआत भी की गई

इस कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने इस दौरान महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया राज्यपाल ने कहा कि हरिद्वार में बच्चे अधिक कुपोषण का शिकार हैं इस कार्यक्रम और प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है

बाइट--बेबी रानी मौर्य----राज्यपाल----उत्तराखंड

वहीं महिला और बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि प्रदेश में लगभग 17 हज़ार बच्चे कुपोषित हैं कुपोषण को दूर करने के लिए जनप्रतिनिधियों को भी इसे एक अभियान बनाने की जरूरत है सरकार का लक्ष्य है कि 2021 तक राज्य को कुपोषण मुक्त किया जाए कार्यक्रम में कई महिलाओं और बच्चों को पोषण युक्त खाद्य पदार्थ वितरित किए गए और उन्हें महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए सचेत भी किया गया

बाइट--रेखा आर्य----महिला एवं बाल विकास मंत्री----उत्तराखंड सरकार
Conclusion:सरकार द्वारा कुपोषण के खिलाफ अभियान की शुरुआत तो 2018 में कर दी गई थी मगर आज भी बड़ी संख्या में उत्तराखंड राज्य में बच्चे कुपोषण का शिकार है यही नहीं अति कुपोषण का आंकड़ा भी चौंकाने वाला है हरिद्वार में भी कई बच्चे ऐसे हैं जो कुपोषण का शिकार है महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक बार फिर कुपोषण को हराने की शुरुआत की है अब देखना होगा कि उत्तराखंड राज्य कब तक कुपोषण से मुक्त हो पाता है
Last Updated : Sep 24, 2019, 6:30 PM IST
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