हरिद्वार: सरकार द्वारा कुपोषण के खिलाफ अभियान की शुरुआत 2018 में की गई थी. लेकिन आज भी बड़ी संख्या में उत्तराखंड राज्य में बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय अब एक बार फिर कुपोषण मुक्त प्रदेश के लिए प्रयास तेज करता दिख रहा है. जिसके चलते आज हरिद्वार में कुपोषण से जागरुकता अभियान का आयोजन किया गया.
कुपोषण के खिलाफ सरकार के लाख दावों के बाद भी बच्चों में कुपोषण दूर नहीं हो रहा है. उत्तराखंड में लगभग 17 हजार बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. जिनमें 1700 बच्चे अति कुपोषण का शिकार हैं. हरिद्वार में भी कई बच्चे और गर्भवती महिलाएं कुपोषण का शिकार पाई गई हैं.
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जिसे खत्म करने के लिए आज मंगलवार हरिद्वार में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में जहां संतुलित आहार पुस्तिका का विमोचन किया गया, वहीं राज्य एवं आंगनबाड़ी पोषण निगरानी पोर्टल की भी शुरुआत भी की गई.
कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि हरिद्वार में बच्चे अधिक कुपोषण का शिकार हैं. इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, महिला और बाल विकास मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि प्रदेश में लगभग 17 हजार बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. जिसे दूर करने के लिए जनप्रतिनिधियों को भी इसे एक अभियान बनाने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य 2021 तक राज्य को कुपोषण मुक्त करना है. इस कार्यक्रम में कई महिलाओं और बच्चों को पोषण युक्त खाद्य पदार्थ भी बांटे गए.