हरिद्वारः जोशीमठ में भू धंसाव की स्थिति भयावह (Joshimath land subsidence) होती जा रही है. जिस पर उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का भी बयान सामने आया है. गणेश जोशी का कहना है कि जोशीमठ में स्थिति वास्तव में चिंताजनक है. मौके पर सभी अधिकारी, वैज्ञानिक और केंद्रीय टीम पहुंच चुकी है. जो इस त्रासदी की वजह को जानने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन यह वास्तविकता है कि जोशीमठ अब रहने लायक नहीं रह गया (Ganesh Joshi said Joshimath is no longer livable) है. वहीं, मिश्रा आयोग की रिपोर्ट पर उन्होंने कहा कि इस पहलू पर कहीं न कहीं चूक हुई है.
उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का कहना (Ganesh Joshi Statement on Joshimath Cracks) है कि वैज्ञानिक और सभी अधिकारी जोशीमठ में हैं. फिलहाल, अभी उन कारणों को खोजा जा रहा है कि जिस वजह से इतनी बड़ी घटना हुई. वहीं, मिश्रा आयोग की रिपोर्ट पर गणेश जोशी का कहना है कि 45 साल पहले ही जोशीमठ को लेकर चेतावनी दे दी गई थी. वास्तव में कहीं न कहीं इस पहलू पर चूक भी है. फिलहाल, कोई टनल तो कोई भूस्खलन को वजह बता रहा है, लेकिन जब तक पूरे फैक्ट सामने न आ जाएं, तब तक इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं है, लेकिन सरकार जोशीमठ के लोगों के साथ खड़ी है.
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वहीं, गणेश जोशी ने कहा कि जोशीमठ हर दृष्टि से महत्वपूर्ण है. क्योंकि, जोशीमठ हमारे तीर्थों का एक द्वार है. यहां पर सेना की यूनिट भी रहती है. ऐसे में सामरिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है. जिसे लेकर सरकार भी चिंता कर रही है. केंद्र की टीम भी जोशीमठ में है. वो भी मौके पर अध्ययन कर रही है. जो भी बेहतर होगा, वहां की स्थिति के लिए वो किया जाएगा. इसके अलावा गणेश जोशी का कहना है कि भविष्य में इस तरह का प्लान बनाया जाएगा. जिससे इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो. उन्होंने कहा कि किसी की जान से ज्यादा कुछ कीमती नहीं हो सकता है. फिलहाल, पर्यटकों को रोका गया है. जैसे-जैसे स्थिति सामान्य होगी, उन्हें जोशीमठ के लिए अनुमति दी जाएगी.
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