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रुड़की: कृषि बिल के विरोध में भारतीय किसान यूनियन ने किया प्रदर्शन, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

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Published : Sep 21, 2020, 6:38 PM IST

कृषि और किसानों से जुड़े बिलों को लेकर किसानों के विरोध की गूंज संसद से सड़क तक सुनाई दे रही है. रुड़की में भी भारतीय किसान यूनियन ने बिल के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.

Bharatiya Kisan Union
रुड़की किसान

रुड़की: कृषि बिल के विरोध में भारतीय किसान यूनियन के सैकड़ों किसानों ने रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा. ज्ञापन में किसानों ने 5 जून को लागू किए गए 3 अध्यादेशों को वापस लेने और किसानों की आय दोगुनी करने व जमीनों को अधिग्रहण करने के दौरान उचित मुआवजा व सरकारी नौकरी देने की मांग की.

कृषि बिल के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन ने किया धरना-प्रदर्शन.

प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि डबल इंजन की सरकार किसान विरोधी नीतियों पर काम कर रही है. किसान विरोधी अध्यादेश लाकर किसानों की मुश्किलें बढ़ाने का काम किया जा रहा है, जिसे किसान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे. इस दौरान किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष विजय कुमार शास्त्री ने सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 5 जून को लागू किए गए आध्यादेशों को तुरंत वापस लिया जाए, नहीं तो सरकार के खिलाफ किसान लामबंद होकर धरना-प्रदर्शन और चक्का जाम करेंगे.

Bharatiya Kisan Union
किसानों ने पीएम और सीएम को संबोधित ज्ञापन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को सौंपा.

इस दौरान किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसानों की मांगों को नहीं माना गया तो बड़ा आंदोलन करने को विवश होंगे. साथ ही बताया कि किसान 25 सितंबर को आध्यादेशों के खिलाफ सहारनपुर कलेक्टर भवन पर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

पढ़ें- अब AIIMS ऋषिकेश में होगा HIV संक्रमितों का उपचार, मिली 'एआरटी' सेंटर खोलने की अनुमति

इसके साथ किसान नेता संजय चौधरी ने कहा सरकार मंत्री और विधायकों की आय को दोगुना कर रही है. जबकि किसान आत्महत्या करने को मजबूर है. उन्होंने कहा जिन स्थानों पर सरकारी प्रोजेक्ट के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहण की जा रही है, उनको उचित मुआवजा दिए बगैर ही खड़ी फसलों को नष्ट किया जाता है. जबतक किसानों को जमीन का उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी नहीं दी जाती, सरकार न जमीन का अधिग्रहण और न ही फसलों को नष्ट करें.

रुड़की: कृषि बिल के विरोध में भारतीय किसान यूनियन के सैकड़ों किसानों ने रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा. ज्ञापन में किसानों ने 5 जून को लागू किए गए 3 अध्यादेशों को वापस लेने और किसानों की आय दोगुनी करने व जमीनों को अधिग्रहण करने के दौरान उचित मुआवजा व सरकारी नौकरी देने की मांग की.

कृषि बिल के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन ने किया धरना-प्रदर्शन.

प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि डबल इंजन की सरकार किसान विरोधी नीतियों पर काम कर रही है. किसान विरोधी अध्यादेश लाकर किसानों की मुश्किलें बढ़ाने का काम किया जा रहा है, जिसे किसान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे. इस दौरान किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष विजय कुमार शास्त्री ने सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 5 जून को लागू किए गए आध्यादेशों को तुरंत वापस लिया जाए, नहीं तो सरकार के खिलाफ किसान लामबंद होकर धरना-प्रदर्शन और चक्का जाम करेंगे.

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किसानों ने पीएम और सीएम को संबोधित ज्ञापन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को सौंपा.

इस दौरान किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसानों की मांगों को नहीं माना गया तो बड़ा आंदोलन करने को विवश होंगे. साथ ही बताया कि किसान 25 सितंबर को आध्यादेशों के खिलाफ सहारनपुर कलेक्टर भवन पर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

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इसके साथ किसान नेता संजय चौधरी ने कहा सरकार मंत्री और विधायकों की आय को दोगुना कर रही है. जबकि किसान आत्महत्या करने को मजबूर है. उन्होंने कहा जिन स्थानों पर सरकारी प्रोजेक्ट के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहण की जा रही है, उनको उचित मुआवजा दिए बगैर ही खड़ी फसलों को नष्ट किया जाता है. जबतक किसानों को जमीन का उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी नहीं दी जाती, सरकार न जमीन का अधिग्रहण और न ही फसलों को नष्ट करें.

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