हरिद्वारः वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के चलते सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं. हालांकि, अभी केंद्र सरकार ने शैक्षणिक संस्थान खोलने को लेकर निर्णय नहीं लिया है, लेकिन परिजन अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं. अभिभावक की मानें तो कोरोना काल में बच्चों को स्कूल भेजना ठीक नहीं है. ऐसे में लापरवाही भारी पड़ सकती है. जिसे लेकर वो परहेज कर रहे हैं. वहीं, मामले में बाबा रामदेव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
योग गुरु बाबा रामदेव का कहना है कि एक स्कूल में 500 से लेकर 1000 तक बच्चे पढ़ते हैं. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करना काफी मुश्किल भरा काम है. लिहाजा, एक तिहाई छात्रों के साथ ही केंद्र सरकार को स्कूल खोलने का विचार करना चाहिए. क्योंकि, बच्चे और अभिभावक दोनों ही लापरवाही बरतते हैं तो एक छात्र या अभिभावक की लापरवाही पूरे स्कूल पर भारी पड़ सकती है. ऐसे में कुछ छात्रों के साथ ही स्कूल को खोलने की परमिशन देनी चाहिए.
ये भी पढ़ेंः ETV BHARAT से बोले बाबा रामदेव, चीनी प्रोडक्ट का बहिष्कार कर सेना का दें साथ
बाबा रामदेव ने कहा कि अगर स्कूल खुलते भी हैं तो अभिभावकों को चाहिए कि वो अपने बच्चों से नियमित योग कराएं और आयुर्वेदिक दवाइयों का इस्तेमाल करें. जिससे किसी बच्चे में कोरोना के कोई लक्षण पाए भी जाते हैं तो उसकी इम्यून पावर मजबूत रहे और कोरोना को बेअसर कर सके. वहीं, बाबा रामदेव ने भीषण गर्मी से बचने के उपाय रसोई में ही मौजूद होने की बात कही. साथ ही कहा कि छोटे-मोटे रोगों का इलाज भी घर की रसोई में ही मौजूद है.