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अखाड़ा परिषद की बढ़ सकती हैं मुसीबतें, बाबा हठयोगी ने लगाए गंभीर आरोप

कुंभ मेले के आयोजन से पहले अखाड़ा परिषद की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने अखाड़े के लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

baba hathyogi
बाबा हठयोगी ने लगाए आरोप.
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Published : Dec 14, 2019, 6:07 PM IST

हरिद्वार: कुंभ मेले से पहले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. परिषद के पूर्व प्रवक्ता और अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने सरकार से हरिद्वार प्रेस क्लब में कुंभ मेले में संचालन समिति का गठन करने की मांग की है. बाबा हठयोगी ने अखाड़ा परिषद में ब्लैकमेलिंग के धंधे का आरोप लगाते हुए कहा कि अखाड़ों ने सरकार द्वारा दी गई जमीन पर फ्लैट बनाकर बेच दिए हैं.

बाबा हठयोगी ने लगाए आरोप.

बाबा हठयोगी ने बताया कि परिषद के अध्यक्ष और महामंत्री सरकार के करोड़ों रुपए ठिकाने लगाने के लिए खुद ही पदासीन हो गए हैं. कुंभ मेले में सभी अखाड़ों और संत संप्रदायों को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता तो सरकार को कुंभ मेला संपन्न कराने के लिए एक संचालन समिति का गठन कर देना चाहिए. बाबा हठयोगी ने अखाड़ों द्वारा 5 एकड़ जमीन की मांग को भी गलत बताते हुए कहा कि अखाड़ों ने अपनी छावनियों में फ्लैट बनाकर बेच दिए हैं, इसके बाद सरकार से और जमीनों की मांग की जा रही है.

ये भी पढ़ें: बर्फ से लकदक हुई देवभूमि की हसीन वादियां, ऐसा रहेगा मौसम का मिजाज

स्वामी प्रबोधानंद के अनुसार, पिछले कई कुंभों को देखने के बाद देश के साधु-संतों को आज महसूस हो रहा है कि अखाड़ा परिषद अब सिर्फ ब्लैकमेल का धंधा करने वाली ही संस्था रह गई है. अब अखाड़ा परिषद केवल सरकार से धन ऐंठने का कार्य करती है. ऐसी संस्था की ओर शासन और प्रशासन को अब ध्यान देना चाहिए और 2021 कुंभ के लिए एक समिति गठन करना चाहिए, जिसमें धार्मिक और सामाजिक लोगों को जोड़ा जाए, जिससे अखाड़ा परिषद अपनी मोनोपोली न चला सके.

हरिद्वार: कुंभ मेले से पहले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. परिषद के पूर्व प्रवक्ता और अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने सरकार से हरिद्वार प्रेस क्लब में कुंभ मेले में संचालन समिति का गठन करने की मांग की है. बाबा हठयोगी ने अखाड़ा परिषद में ब्लैकमेलिंग के धंधे का आरोप लगाते हुए कहा कि अखाड़ों ने सरकार द्वारा दी गई जमीन पर फ्लैट बनाकर बेच दिए हैं.

बाबा हठयोगी ने लगाए आरोप.

बाबा हठयोगी ने बताया कि परिषद के अध्यक्ष और महामंत्री सरकार के करोड़ों रुपए ठिकाने लगाने के लिए खुद ही पदासीन हो गए हैं. कुंभ मेले में सभी अखाड़ों और संत संप्रदायों को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता तो सरकार को कुंभ मेला संपन्न कराने के लिए एक संचालन समिति का गठन कर देना चाहिए. बाबा हठयोगी ने अखाड़ों द्वारा 5 एकड़ जमीन की मांग को भी गलत बताते हुए कहा कि अखाड़ों ने अपनी छावनियों में फ्लैट बनाकर बेच दिए हैं, इसके बाद सरकार से और जमीनों की मांग की जा रही है.

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स्वामी प्रबोधानंद के अनुसार, पिछले कई कुंभों को देखने के बाद देश के साधु-संतों को आज महसूस हो रहा है कि अखाड़ा परिषद अब सिर्फ ब्लैकमेल का धंधा करने वाली ही संस्था रह गई है. अब अखाड़ा परिषद केवल सरकार से धन ऐंठने का कार्य करती है. ऐसी संस्था की ओर शासन और प्रशासन को अब ध्यान देना चाहिए और 2021 कुंभ के लिए एक समिति गठन करना चाहिए, जिसमें धार्मिक और सामाजिक लोगों को जोड़ा जाए, जिससे अखाड़ा परिषद अपनी मोनोपोली न चला सके.

Intro:Anchor - कुंभ मेले से पहले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। परिषद के पूर्व प्रवक्ता और अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्र प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने हरिद्वार प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता करके कुंभ मेले में संचालन समिति का गठन करने की मांग सरकार से की है। अन्य संतों और समाजसेवियों के साथ पत्रकार वार्ता करने पहुंचे बाबा हठयोगी ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी को स्वयंभू अध्यक्ष बताया।Body:vo 1  -बाबा हठयोगी ने कहा कि परिषद के अध्यक्ष और महामंत्री सरकार के करोड़ों रुपए ठिकाने लगाने के लिए खुद ही पदासीन हो गए हैं। कुंभ मेले में सभी अखाड़ों और संत संप्रदायों को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता तो सरकार को कुंभ मेला संपन्न कराने के लिए एक संचालन समिति का गठन कर देना चाहिए। बाबा हठयोगी ने अखाड़ों द्वारा 5 एकड़ जमीन की मांग को भी गलत बताते हुए  कहा की अखाड़ों ने अपनी छावनियों में फ्लैट बनाकर बेच दिए हैं जबकि सरकार से और जमीनों की मांग की जा रही है। 
VO -2  स्वामी प्रबोधानंद के अनुशार   पिछले कई कुंभो का लगातार अनुभव देखने के बाद देश के  साधु-संतों को आज महसूस हो रहा है कि अखाड़ा परिषद अब सिर्फ ब्लैकमेल का धंधा करने वाली ही  संस्था रह  गई है।  अब अखाड़ा परिषद केवल सरकार से धन ऐंठने का कार्य करती है ऐसी संस्था की और  शासन और प्रशासन को अब  ध्यान नहीं देना चाहिए और 2021 कुंभ के लिए एक समिति गठन करना  चाहिए जिसमें धार्मिक और सामाजिक लोगों जोड़े जाये  जिससे अखाड़ा परिषद अपनी मोनोपोली ना चला सके और समान्य  साधु को सरकार द्वारा की गई  कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं का लाभ मिल सके.Conclusion:बाइट - बाबा हठयोगी, पूर्व प्रवक्ता,  अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद
बाइट - महामंडलेश्वर प्रबोधानंद, अध्यक्ष, हिंदू रक्षा सेना
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