हरिद्वारः महाकुंभ के मौके पर ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी अविमुक्तेश्वरानंद अपने कैंप में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने न केवल केंद्र सरकार बल्कि, राज्य सरकार को भी खूब खरी-खरी सुनाई. अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि जिन राज्यों में चुनाव हो रहे हैं, वहां पर किसी भी गाइडलाइन का न तो पालन हो रहा है और न ही कोई गाइडलाइन जारी हुई है. लेकिन धर्म के नाम पर इस तरह की पाबंदी ठीक नहीं है.
अविमुक्तेश्वरानंद ने लगे हाथ मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को सलाह भी दे डाली. उन्होंने कहा कि जैसे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनावों के दौरान संक्रमण को रोक रही हैं. किसी के आने जाने की कोई पाबंदी नहीं है. ऐसे ही तीरथ सिंह रावत को उनसे बात करके इस बात पर चर्चा करनी चाहिए कि यह कुंभ में कैसे संभव हो सकता है.
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धर्म के नाम पर सिर्फ होती है राजनीतिः अविमुक्तेश्वरानंद
अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा के केंद्र और राज्य सरकारें अब अपने कार्यकर्ताओं को धर्म व धार्मिक कार्यक्रमों के अंदर प्रवेश करवा रहे हैं. उन्हें ऐसा लगता है कि उनके कार्यकर्ता धर्म के जो पद हैं, उन पर बैठकर भी कार्य कर सकते हैं, लेकिन ऐसा संभव नहीं है. कार्यकर्ता कुछ दिन तक तो धर्म का काम कर सकता है, लेकिन उसके बाद सिर्फ और सिर्फ राजनीति ही होती है.
किसी भी व्यक्ति को अखाड़े में शामिल कर उपाधि देना सही नहींः अविमुक्तेश्वरानंद
वहीं, उन्होंने राम मंदिर से लेकर हरिद्वार के विधायक सुरेश राठौर को दिए जा रहे महामंडलेश्वर पद की उपाधि पर भी सवाल खड़े किए. अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को अखाड़े में शामिल करके उपाधि देना, किसी भी हद तक सही नहीं है. लिहाजा, इस कुंभ में ऐसे सभी लोगों का विरोध किया जाएगा और धर्म संसद में इस बात पर भी चर्चा होगी.