हरिद्वारः पिछले डेढ़ दशक से गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए कार्य करने वाली सामाजिक संस्था मातृ सदन अब एक बार फिर अनशन की राह पर है. इस बार यह अनशन किसी नई मांग को लेकर नहीं, बल्कि मातृ सदन द्वारा पहले से लड़े जा रहे विचाराधीन मामलों को लेकर किया जाएगा. इसी के तहत मातृ सदन के शिष्य आत्मबोधानंद अनशन करेंगे.
अनशन शुरू करने से पहले मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि मातृ सदन के दर्जनों केस ऐसे हैं जिन पर अभी तक सुनवाई भी शुरू नहीं हुई है. इसके लिए मातृ सदन आगामी 10 अगस्त से अनशन शुरू करने जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि मातृ सदन हमेशा से ही अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहा है. इसके तहत स्वामी निगमानंद और स्वामी सानंद जैसे प्रमुख संतों ने अपनी जान भी गंवाई, लेकिन अभी तक मामलों पर कोई सुनवाई नहीं हुई. उन्होंने मांग की है कि उनके सभी मामलों पर एसआईटी गठित की जाए. जिसकी अध्यक्षता हाईकोर्ट के जज द्वारा की जाए. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती, मातृ सदन द्वारा 10 अगस्त से जारी होने वाला अनशन लगातार जारी रहेगा.
क्या होती है एसआईटी
एसआईटी का मतलब होता है Special Investigation Team. इसे आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और केंद्र तथा राज्य सरकारें गठित करती हैं. इसमें अवकाश प्राप्त न्यायाधीश और कुछ विशेषज्ञ रखे जाते हैं. इसे ऐसी विशेष जांच एजेंसी माना जाता है, जो किसी भी दबाव में आए बगैर हाई प्रोफाइल मामलों या लोगों के खिलाफ जांच का काम कर सकती है.