हरिद्वार: जिला हॉस्पिटल हरिद्वार में भर्ती पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन स्वस्थ होने के बाद भी दोबारा जेल जाने को तैयार नहीं है. आखिर में परेशान होकर डॉक्टरों ने हरिद्वार जिला कारागार प्रशासन को पत्र लिखा है कि वो प्रणव सिंह चैंपियन को हॉस्पिटल से लेकर जाएं.
जिला हॉस्पिटल हरिद्वार की तरफ से वरिष्ठ अधीक्षक जिला कारागार रोशनाबाद हरिद्वार को पत्र लिखा गया है, जिसमें हॉस्पिटल का कहना है कि,
हरिद्वार जेल से कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, चक्कर और शौच में खून आने की शिकायत के बाद 15 फवरवी रात को करीब 10.30 बजे जिला चिकित्सालय हरिद्वार में भर्ती कराया गया था. चैंपियन के भर्ती किये जाने के बाद डॉक्टर मनीष फिजिशियन और डॉक्टर पंकज शर्मा जनरल सर्जन उप जिला मेला चिकित्सालय हरिद्वार की टीम का गठन किया गया. दोनों डॉक्टरों ने सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों से परामर्श लेने के बाद कुछ जांचों और उपचार के लिए उन्हें हायर सेंटर रेफर किया, लेकिन चैंपियन लगातार दो दिनों तक असहमति व्यक्त करते रहे.
जिला हॉस्पिटल हरिद्वार ने अपने पत्र में बताया कि,
चैंपियन ने हायर सेंटर जाने से इंकार किया और उन्होंने अपना इलाज जिला चिकित्सालय में ही करने का निवेदन किया. अब प्रणव सिंह चैंपियन की हालत में सुधार है. मरीज स्वस्थ है. कोई भी असमान्य स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है, जिस कारण उन्हें अब हॉस्पिटल में रखने की कोई आवश्यकता नहीं है.
जेल प्रशासन का जवाब: इस बारे में जब वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज कुमार वारिस से बात की गई तो उन्होंने चैंपियन को लेकर हरिद्वार जिला हॉस्पिटल का पत्र मिलने की बात कही है. वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने कहा कि हरिद्वार जिला हॉस्पिटल का जो निर्णय होगा, वो उन्हें स्वीकार होगा. यदि डॉक्टर बंदी को यहां पर भेजना चाहते हैं तो वो तैयार हैं. हॉस्पिटल में जेल प्रशासन के साथ अन्य पुलिस भी मौजूद है, जो उन्हें यहां पर लेकर आएगी. लेकिन जब तक हॉस्पिटल उन्हें डिस्चार्ज नहीं करेगा तो ये किसी के लिए भी संभव नहीं है.
जानिए क्या है पूरा मामला: बता दें कि प्रणव सिंह चैंपियन पर 26 जनवरी को खानपुर विधायक उमेश कुमार के कार्यालय पर गोलीबारी करने का आरोप है. इस मामले में 27 जनवरी से चैंपियन हरिद्वार जेल में बंद है. बीती 15 फरवरी को जेल में बंद होने के दौरान चैंपियन की तबीयत खराब हो गई थी, जिसके बाद उन्हें जिला हॉस्पिटल हरिद्वार में भर्ती कराया गया था.
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