हरिद्वारः कांवड़ यात्रा 2023 का समापन हो चुका है. इस बार चार करोड़ से ज्यादा कांवड़िए गंगाजल भरने हरिद्वार आए. इस बार कांवड़ मेले की कई तस्वीरें भी देखने मिली. जिसमें भक्तों की भगवान भोलेनाथ के प्रति आस्था के अलग-अलग रूप देखने को मिले, लेकिन कुछ ऐसी तस्वीरें भी सामने आई. जिसने देख लोग काफी आहत भी हुए. कई लोगों ने इन तस्वीरों को देख अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी. कई लोगों ने कांवड़ मेले को बदनाम करने का साजिश भी बताया.
दरअसल, हरिद्वार में गंगा तटों पर कांवड़िए के नशा करते फोटो और वीडियो वायरल हुए. जिसने आस्था के इस रंग में भंग डालने का काम किया. वीडियो में कई कांवड़िए तो अपने साथ हुक्का लेकर निकलते दिखे. कई सड़कों पर हुक्का फूंकते नजर आए. इतना ही नहीं कई कांवड़ियों पर तो गांजा समेत अन्य नशा करने का आरोप भी लगा.
इसके अलावा शिवभक्त कांवड़िए अपनी जान जोखिम में डालकर ओवर राइडिंग करते दिखे. वहीं, कांवड़ियों के नशा करते वीडियो वायरल होने पर लोगों का कहना था कि भला नशा करने में कौन सी भक्ति है, जिससे भगवान प्रसन्न होते हैं. इससे केवल छवि खराब होती है.
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महंत रविंद्र पुरी बोले, मौज मस्ती के लिए भोलेनाथ को करते बदनामः उधर, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी का कहना था कि कई लोग अपनी मौज मस्ती के लिए भगवान भोलेनाथ को बदनाम करते हैं. भगवान भोलेनाथ गांजा नहीं पिया करते थे. बल्कि, भगवान भोलेनाथ ने विष का सेवन किया था, वो भी सृष्टि को बचाने के लिए. ऐसे में भगवान भोलेनाथ के बारे में पहले सही से ज्ञान होना चाहिए. भगवान भोलेनाथ किसी भी तरह का सेवन नशे का सेवन नहीं किया करते थे, वे सिर्फ और सिर्फ अपने मस्ती में मग्न रहा करते थे.
हरिद्वार के लोग ही मुहैया कराते नशे की सामग्रीः वहीं, कांवड़ियों की ओर से नशे के सेवन पर महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि यह नशा उनको और कोई नहीं धर्मनगरी हरिद्वार के लोग ही उपलब्ध कराते हैं. इसी के साथ कई कांवड़िए अपने साथ नशे की सामग्री लाते लाते हैं. इस नशे पर अगर रोक लानी है तो धरातल से काम करना बेहद जरूरी है.