रुड़की: मंगलौर कोतवाली क्षेत्र में मंडावली गांव स्थित ओनिडा फैक्ट्री में फायर सिलेंडर फट गया, जिसे आसपास के क्षेत्र में हड़कंप मच गया. धमाका इतना जबरदस्त था कि उसकी आवाज करीब एक किमी दूर तक सुनाई दी.
वहीं, हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को मंगलौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. दमकल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सिलेंडर में धमाका लापरवाही से हुआ है या फिर हादसा है, इसकी जांच की जाएगी. जानकारी के मुताबिक मंगलौर क्षेत्र के मंडावली गांव में वॉशिंग मशीन बनाने वाली ओनिडा कंपनी है. बुधवार शाम करीब चार बजे कंपनी के अंदर करीब 30 कर्मचारियों को अग्निशमन उपकरणों को संचालित करने की ट्रेनिंग दी जा रही थी.
कंपनी के एचआर हेड केपी सिंह कर्मचारियों को दूर खड़े होकर अग्निशमन सिलेंडर संचालित करने की जानकारी दे रहे थे कि अचानक सिलेंडर में जोरदार धमाका हो गया. धमाके के साथ ही सिलेंडर के परखच्चे उड़ गए. सिलेंडर में लगी आग से परिसर के घास में भी आग लग गई. वहीं, धमाके से मौके पर अफरा-तफरी मच गई. धमाका इतना जबरदस्त था कि एक कर्मचारी के कपड़े तक फट गए. हादसे में सोनू निवासी मुंडलाना मंगलौर, मुकुल निवासी नगला सलारू व हर्ष निवासी मोहम्मदपुर जट गंभीर रुप से घायल हो गए. हादसे में करीब तीन कर्मचारी मामूली रुप से चोटिल भी हुए हैं.
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धमाके की आवाज सुनकर अन्य कर्मचारी मौके पर पहुंचे, जिसके बाद आनन-फानन में घायलों को मंगलौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. पुलिस ने घायलों से भी पूछताछ की है, इस मामले में पुलिस को अभी तक तहरीर नहीं मिली है. फायर स्टेशन अधिकारी रुड़की देवेंद्र नेगी ने बताया कि हादसा किस वजह से हुआ है, इसकी जांच की जाएगी. वहीं इस मामले में मंगलौर कोतवाली प्रभारी राजीव रौथान का कहना है कि आग बुझाने के प्रशिक्षण के दौरान सिलेंडर फटा है, हादसे में तीन कर्मचारी घायल हुए हैं.
पहले भी हो चुकी इस फैक्ट्री में 18 मौतें: बता दें कि साल 2012 में इस फैक्ट्री में एक बड़ा हादसा हुआ था, जिससे पूरा गांव सहम गया था. वेल्डिंग के दौरान निकली एक चिंगारी से पूरी फैक्ट्री में आग लगी थी. इस हादसे में करीब 18 लोगों की मौत हो गई थी.