रुड़की: लंढोरा क्षेत्र के गाधारोना गांव में संदिग्ध बुखार और डेंगू ने अपने पैर पसार लिए हैं. अभी तक 19 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है. जबकि, 70 से ज्यादा ग्रामीण संदिग्ध बुखार की चपेट में हैं. जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना है.
बता दें कि कोरोना का प्रकोप कम होते ही अब डेंगू का डर लोगों को सता रहा है. रुड़की के गाधारोना गांव में 19 डेंगू के मरीज मिले हैं. गांव में जाकर जब हालत का जायजा लिया गया तो ग्रामीणों ने अपनी पीड़ा बताई. ग्रामीणों का कहना है कि बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके गांव में जांच करने पहुंची थी. 19 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है.
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ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम का अभियान कागजों में चल रहा है. नगर से लेकर देहात में मच्छर जनित और संक्रामक बीमारियां रोकने के लिए ठोस इंतजाम नहीं हैं. उनका आरोप है कि कीटनाशकों का छिड़काव तक नहीं हो रहा है. कोरोना काल को छोड़कर क्षेत्र में बरसात के बाद डेंगू और मलेरिया के साथ ही संदिग्ध बुखार कहर बरपा रहा है.
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उनका कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में आकर लोगों की जांच करेगी तो डेंगू के मरीज निकलेंगे. वहीं, स्वास्थ्य केंद्र लंढौरा के प्रभारी अमित डाबरा का कहना है कि गांव में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं. आशा वर्करों गांव में लार्वा को पनपने से रोकने के लिए छिड़काव कर रही हैं. लोगों को डेंगू को लेकर जागरूक किया जा रहा है.
डेंगू फैलने से ऐसे रोकेंः बरसात के दौरान घरों में पानी जमा न होने दें. कूलर से समय-समय पर पानी निकालते रहें. गमलों में पानी इकट्ठा न होने दें. टायर में पानी जमा न होने दें. साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें. पूरे बाजू वाले कपड़े पहनें. सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.
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डेंगू के लक्षणः बता दें कि डेंगू और मलेरिया दोनों ही मादा मच्छर के काटने से होते हैं. डेंगू एक तरह का वायरस है, जो एडीस नाम के मादा मच्छर के काटने से शरीर में फैलता है. यदि किसी व्यक्ति को डेंगू हो जाए तो उसे तेज बुखार आने के साथ ही उल्टी, शरीर में दर्द और अकड़न की शिकायत होती है. इसके साथ ही डेंगू के शिकार व्यक्ति के खून में मौजूद प्लेटलेट्स भी तेजी से कम होने लगते हैं.