हरिद्वार: कार्तिक पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण पर करीब 16 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने हरिद्वार में मां गंगा में डुबकी लगाई. इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के हरिद्वार आने से जहां पुलिस प्रशासन को भारी व्यवस्था करनी पड़ी. वही हर की पैड़ी सहित अन्य घाटों पर कचरे का ढेर लगा गया. हर तरफ कूड़े और खासकर पॉलिथीन का अंबार लगा हुआ दिखा. इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों द्वारा पॉलीथिन छोड़ा जाना, जिला प्रशासन और नगर निगम पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है. क्योंकि खुलेआम पॉलिथीन और प्लास्टिक की केन बेचे जाते देखा गया.
बता दें कि हरिद्वार में पॉलिथीन और प्लास्टिक बेचने पर प्रतिबंध है, लेकिन कल हुए गंगा स्नान ने जिला प्रशासन की और नगर निगम की पोल खोल कर रख दी. नगर निगम ने भी माना है कि स्नान के बाद घाटों से लगभग 350 मीट्रिक टन कूड़ा उठाया गया है. आज भी नगर निगम रोड़ी बेलवाला क्षेत्र में सफाई अभियान चलाने की बात कह रहा है.
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वहीं, इतने बड़े पैमाने पर पॉलिथीन की बिक्री और उपयोग किए जाने पर नगर निगम का कहना है कि उसने तीन टीमें बना रखी है, अब पॉलिथिन और प्लास्टिक केन की बिक्री रोकने को 20 सदस्यीय टीम का गठन किया जा रहा है. इनके होल सेलर की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती ने कहा कॉर्डिनेशन के साथ हमने प्लान बनाया था. क्योंकि सोमवार की शाम से से ही काफी श्रद्धालु आने शुरू हो गए थे. उससे पहले हम लोगों ने घाटों और आसपास के जितने भी क्षेत्र हैं, सब की सफाई की थी. फिर कल शाम को सफाई अभियान चलाया गया. रात करीब 10 बजे से लेकर पूरी रात हमारे आदमी कार्य करते रहे. करीब 300 से 350 मीट्रिक टन कूड़ा घाटों से एकत्र हुआ. सभी घाट लगभग क्लीन कर दिए गए हैं.
उत्तराखंड स्थापना दिवस पर आज नगर निगम के सभी रोड़ी बेलवाला क्षेत्र में सफाई अभियान चलाएंगे. पॉलीथिन की बिक्री रोकने के लिए तीन टीमें गठित की गई हैं, हरिद्वार में बहुत अधिक मात्रा में बाहर से लोग आकर पॉलीथीन बेच रहे हैं. अब हमारा प्लान है कि 20 सदस्य टीम गठित करके हर घाटों पर निगरानी रखें.