देहरादूनः भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर भारत सरकार ने चीन के 59 एप्स पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है. जिसमें बेहद लोकप्रिय टिक टॉक, यूसी ब्राउजर, शेयरइट, पबजी समेत कई एप शामिल हैं. ऐसे में सरकार के इस फैसले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने दून के युवाओं से उनकी राय जानी.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान देहरादून के युवाओं ने खुलकर अपनी राय रखी और इसे सरकार का एक सराहनीय कदम करार दिया. स्थानीय युवाओं ने बताया कि जिस तरह से सरकार ने चायनीज एप पर बैन लगाया है. विशेषकर टिक टॉक की बात करें तो इस पर बैन करना भारत के युवाओं के हित में है. देश के युवा टिक टॉक जैसे एप में अपना कीमती समय बर्बाद कर रहे थे. ऐसे में अब इस तरह का कोई एप न होने पर युवा बेहतर तरीके से अपने समय का सदुपयोग कर पाएंगे.
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वहीं, दूसरी ओर युवाओं का कहना है कि विभिन्न चायनीज एप के जरिए भारतीयों के कई निजी डेटा लिक होने का खतरा भी सामने आया करता था. ऐसे में अब इन एप पर बैन लग गया है तो इस तरह का खतरा भी कम हो गया है. उधर, कुछ युवाओं का मानना है कि चायनीज एप पर बैन लग जाने के बाद अब भारतीय एप को लोकप्रिय होने का मौका मिलेगा. इससे भारत के उन युवाओं को प्रोत्साहन मिलेगा, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म में नए एप तैयार करने में जुटे हुए हैं.
गौर हो कि केंद्र सरकार ने सोमवार को अलग-अलग तरीके के 59 मोबाइल एप को देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पूर्वाग्रह रखने वाला बताते हुए उन पर प्रतिबंध लगा दिया था. आईटी मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि उन्हें विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें एंड्रॉएड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल एप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्ट शामिल हैं. इन रिपोर्ट में कहा गया है कि ये एप 'उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराकर, उन्हें भारत के बाहर स्थित सर्वर को अनधिकृत तरीके से भेजते हैं.