देहरादून: केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का मुख्य उद्देश्य देश के युवाओं को उद्योगों से जुड़ी ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है. लेकिन, प्रदेश में इस योजना के तहत प्रशिक्षण लेकर नौकरी प्राप्त करने वाले युवाओं की संख्या बेहद कम है. ऐसे में इस योजना का युवाओं तक पूरी तरह लाभ नहीं पहुंच पा रहा है.
बता दें कि, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 2.2 के तहत प्रदेश में 35,590 युवा प्रशिक्षण ले चुके हैं लेकिन, इन 35,590 प्रशिक्षित युवाओं में से केवल 25,913 युवाओं को ही प्रशिक्षण का सर्टिफिकेट मिल पाया है. वहीं, महज 10,700 युवा ही ऐसे हैं जिनका किसी कंपनी में प्लेसमेंट हुआ है. इस योजना के तहत प्रदेश में 25 अलग-अलग सेक्टर्स में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं. इसमें सबसे अधिक युवा इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, हेल्थ केयर ब्यूटी एंड वैलनेस, लॉजिस्टिक्स, टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी और आईटी क्षेत्र में प्रशिक्षण ले रहे हैं.
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प्रदेश के सभी 13 जनपदों की बात की जाए तो प्रदेश में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 2.2 के तहत सबसे अधिक युवा उधम सिंह नगर जनपद (11,998) और देहरादून जनपद (10,122) में प्रशिक्षण ले रहे हैं. प्रदेश के पहाड़ी जनपदों की बात करें तो प्रदेश के पहाड़ी जनपदों में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 2.2 के तहत नैनीताल, अल्मोड़ा, टिहरी और पौड़ी जनपद में सबसे अधिक युवा प्रशिक्षण ले रहे हैं लेकिन, प्रशिक्षण लेने के बाद सर्टिफिकेट प्राप्त कर किसी कंपनी में प्लेसड हुए युवाओं की संख्या बेहद ही कम है.
जिला | सेंटर्स | रजिस्टर्ड | प्रशिक्षित | सर्टिफाइड | प्लेसड |
अल्मोड़ा | 06 | 3329 | 2620 | 2043 | 640 |
बागेश्वर | 03 | 939 | 499 | 117 | 00 |
चमोली | 01 | 299 | 239 | 84 | 00 |
चम्पावत | 02 | 1108 | 538 | 385 | 107 |
देहरादून | 19 | 10122 | 7993 | 5893 | 2433 |
हरिद्वार | 14 | 6395 | 4720 | 3561 | 1406 |
नैनीताल | 12 | 6685 | 5485 | 3866 | 1432 |
पौड़ी | 08 | 1921 | 1921 | 1600 | 545 |
पिथौरागढ़ | 02 | 1227 | 720 | 525 | 138 |
टिहरी | 04 | 2211 | 1822 | 1451 | 695 |
यू.एस नगर | 22 | 11998 | 7964 | 5598 | 3067 |
उत्तरकाशी | 02 | 1349 | 1069 | 790 | 237 |
कुल | 95 | 48389 | 35590 | 25913 | 10700 |
बहरहाल, कुल मिलाकर देखा जाए तो रोजगार की तलाश में घूम रहे युवा 'प्रधानमंत्री कौशल विकास' योजना के तहत प्रशिक्षण तो जरूर ले रहे हैं लेकिन, इसके बावजूद प्रदेश में अब तक महज 41% युवाओं को ही नौकरी मिल पाई है. ऐसे में सरकार को इन प्रशिक्षित युवाओं के लिए रोजगार के बेहतर अवसर निकालने चाहिए जिससे युवाओं द्वारा लिया गया प्रशिक्षण व्यर्थ न जाए.