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World No Tobacco Day: सिगरेट की राख में बर्बाद हो रहे उत्तराखंड के युवा, आंकड़े हैं चौंकाने वाले

31 मई 1987 के दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सदस्य राज्यों ने सबसे पहले विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने की शुरुआत की थी. तभी से हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है.

world no tobacco day 2019
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Published : May 31, 2019, 5:49 AM IST

देहरादून: तंबाकू एक धीमा जहर है! जो वक्त बीतने के साथ ही धीरे-धीरे व्यक्ति को मौत के मुंह में धकेलता चला जाता है. यही कारण है कि हर साल 31 मई को नो टोबैको डे यानि विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. नो टोबैको डे मनाने का उद्देश्य तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को जागरूक करना है.

पढ़ें- कुपोषण पर सरकार की पहल, आंगनबाड़ी में बच्चों को मिलेगा विटामिन युक्त दूध

31 मई 1987 के दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सदस्य राज्यों ने सबसे पहले विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने की शुरुआत की थी. तभी से हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है.

सिगरेट की राख में बर्बाद हो रहे उत्तराखंड के युवा

जीएटीएस (Global Adult Tobacco Survey) की साल 2016-2017 की रिपोर्ट पर गौर करें तो इसमें कई चौंकाने वाले तथ्य उभर कर सामने आए थे. इस रिपोर्ट के तहत उत्तराखंड के 29.8% पुरुष, 6.3 % महिलाएं और 18.1% 18 साल तक के युवा सिगरेट, खैनी और गुटके के रूप में तंबाकू का सेवन कर रहे थे.

जीएटीएस की इस रिपोर्ट पर गौर करने वाली बात ये भी है कि बीते कुछ सालों में आम लोगों ने सिगरेट की जगह खैनी, गुटके या पान मसाले के तौर पर तंबाकू का सेवन ज्यादा शुरू कर दिया है. इसमें 21.4% पुरुष, 3.4% महिलाएं और 12.4 % 18 साल तक के युवा शामिल हैं.

पढ़ें- गर्मी से बचने के लिए गंगनहर में 'मौत की छलांग' लगा रहे नाबालिग

बता दें कि प्रदेश में बीड़ी और खैनी के रूप में सबसे ज्यादा तंबाकू का सेवन किया जा रहा है. इसमें 15.7% युवा बीड़ी पीते हैं और 8.0% लोग खैनी का सेवन करते हैं.

तंबाकू के इस्तेमाल से कैंसर होता है, यह बात तो हम सभी ने सुनी है, लेकिन शायद ही आपको यह पता हो कि यदि आप खुलेआम सिगरेट या बीड़ी का सेवन करते हैं तो इससे आप अपने आस-पास मौजूद अन्य लोगों को भी बीमार कर रहे हैं.

पढ़ें- UK Board 12th Result: आशीष बने चौथे टॉपर, सोशल मीडिया से दूरी बनाकर हासिल किया मुकाम

सिगरेट से होने वाली खतरनाक बीमारियां-

  • कैंसर- सिगरेट के सेवन से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी हो सकती है. सिगरेट का सीधा असर पीने वाले व्यक्ति की फेफड़ों पर पड़ता है. शुरुआती दौर में आप को सांस लेने में दिक्कत होगी, लेकिन धीरे-धीरे आपकी यही दिक्कत कैंसर का रूप ले लेगी.
  • त्वचा रोग- यदि आप सिगरेट का सेवन करते हैं तो इसका असर आपकी त्वचा पर भी पड़ सकता है. दरअसल, धूम्रपान करने से त्वचा पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं. जिससे शरीर में रक्त प्रवाह सही तरह से नहीं हो पाता है.
  • मानसिक प्रभाव- सिगरेट या तंबाकू से बनी किसी भी चीज का सेवन करने से आपके सोचने और समझने की क्षमता कम हो सकती है. क्योंकि जो सिगरेट का धुआं आप अपने अंदर लेते हैं वह सीधे आपके खून में घुलकर दिमाग तक पहुंचता है.
  • अन्य रोग- सिगरेट का सेवन आपके शरीर को कई बीमारियों का घर बना देता है, जहां सिगरेट पीने से कैंसर जैसी जानलेवा रोग के होने का खतरा बढ़ जाता है. वहीं दूसरी तरफ सिगरेट के सेवन की वजह से आपको सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द और टीबी जैसी खतरनाक बीमारी भी हो सकती है.

यदि इस विषय पर समय से नहीं सोचा गया तो इसके परिणाम और खतरनाक हो सकते हैं. हालांकि इस के लिए शासन और प्रशासन को भी ठोस कदम उठाने पडे़ंगे. कम से कम लोग इसका प्रयोग करें इसके लिए कई प्रावधान बनाए गए हैं. नियम के तहत किसी भी शिक्षण संस्था के 100 गज के दायरे में किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पाद को बेचना कानूनी अपराध है. हालांकि इस नियमों का शायद ही कहीं पालन किया जा रहा होगा.

देहरादून: तंबाकू एक धीमा जहर है! जो वक्त बीतने के साथ ही धीरे-धीरे व्यक्ति को मौत के मुंह में धकेलता चला जाता है. यही कारण है कि हर साल 31 मई को नो टोबैको डे यानि विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. नो टोबैको डे मनाने का उद्देश्य तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को जागरूक करना है.

पढ़ें- कुपोषण पर सरकार की पहल, आंगनबाड़ी में बच्चों को मिलेगा विटामिन युक्त दूध

31 मई 1987 के दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सदस्य राज्यों ने सबसे पहले विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने की शुरुआत की थी. तभी से हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है.

सिगरेट की राख में बर्बाद हो रहे उत्तराखंड के युवा

जीएटीएस (Global Adult Tobacco Survey) की साल 2016-2017 की रिपोर्ट पर गौर करें तो इसमें कई चौंकाने वाले तथ्य उभर कर सामने आए थे. इस रिपोर्ट के तहत उत्तराखंड के 29.8% पुरुष, 6.3 % महिलाएं और 18.1% 18 साल तक के युवा सिगरेट, खैनी और गुटके के रूप में तंबाकू का सेवन कर रहे थे.

जीएटीएस की इस रिपोर्ट पर गौर करने वाली बात ये भी है कि बीते कुछ सालों में आम लोगों ने सिगरेट की जगह खैनी, गुटके या पान मसाले के तौर पर तंबाकू का सेवन ज्यादा शुरू कर दिया है. इसमें 21.4% पुरुष, 3.4% महिलाएं और 12.4 % 18 साल तक के युवा शामिल हैं.

पढ़ें- गर्मी से बचने के लिए गंगनहर में 'मौत की छलांग' लगा रहे नाबालिग

बता दें कि प्रदेश में बीड़ी और खैनी के रूप में सबसे ज्यादा तंबाकू का सेवन किया जा रहा है. इसमें 15.7% युवा बीड़ी पीते हैं और 8.0% लोग खैनी का सेवन करते हैं.

तंबाकू के इस्तेमाल से कैंसर होता है, यह बात तो हम सभी ने सुनी है, लेकिन शायद ही आपको यह पता हो कि यदि आप खुलेआम सिगरेट या बीड़ी का सेवन करते हैं तो इससे आप अपने आस-पास मौजूद अन्य लोगों को भी बीमार कर रहे हैं.

पढ़ें- UK Board 12th Result: आशीष बने चौथे टॉपर, सोशल मीडिया से दूरी बनाकर हासिल किया मुकाम

सिगरेट से होने वाली खतरनाक बीमारियां-

  • कैंसर- सिगरेट के सेवन से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी हो सकती है. सिगरेट का सीधा असर पीने वाले व्यक्ति की फेफड़ों पर पड़ता है. शुरुआती दौर में आप को सांस लेने में दिक्कत होगी, लेकिन धीरे-धीरे आपकी यही दिक्कत कैंसर का रूप ले लेगी.
  • त्वचा रोग- यदि आप सिगरेट का सेवन करते हैं तो इसका असर आपकी त्वचा पर भी पड़ सकता है. दरअसल, धूम्रपान करने से त्वचा पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं. जिससे शरीर में रक्त प्रवाह सही तरह से नहीं हो पाता है.
  • मानसिक प्रभाव- सिगरेट या तंबाकू से बनी किसी भी चीज का सेवन करने से आपके सोचने और समझने की क्षमता कम हो सकती है. क्योंकि जो सिगरेट का धुआं आप अपने अंदर लेते हैं वह सीधे आपके खून में घुलकर दिमाग तक पहुंचता है.
  • अन्य रोग- सिगरेट का सेवन आपके शरीर को कई बीमारियों का घर बना देता है, जहां सिगरेट पीने से कैंसर जैसी जानलेवा रोग के होने का खतरा बढ़ जाता है. वहीं दूसरी तरफ सिगरेट के सेवन की वजह से आपको सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द और टीबी जैसी खतरनाक बीमारी भी हो सकती है.

यदि इस विषय पर समय से नहीं सोचा गया तो इसके परिणाम और खतरनाक हो सकते हैं. हालांकि इस के लिए शासन और प्रशासन को भी ठोस कदम उठाने पडे़ंगे. कम से कम लोग इसका प्रयोग करें इसके लिए कई प्रावधान बनाए गए हैं. नियम के तहत किसी भी शिक्षण संस्था के 100 गज के दायरे में किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पाद को बेचना कानूनी अपराध है. हालांकि इस नियमों का शायद ही कहीं पालन किया जा रहा होगा.

Intro:देहरादून- तंबाकू एक धीमा जहर है ! जो वक्त बीतने के साथ ही धीरे- धीरे एक व्यक्ति को मौत के मुंह में धकेलता चला जाता है । यही कारण है कि हर साल विश्व भर में 31 मई के दिन विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है । इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य युवाओं को तंबाकू के सेवन के नकारात्मक प्रभावों के प्रति जागरूक करना है। 31 मई 1987 के दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सदस्य राज्यों ने सबसे पहले विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने की शुरुआत की थी । जिसके बाद से ही हर साल 31 मई का दिन विश्व तंबाकू निषेध दिवस के तौर पर देश और दुनिया में मनाया जाता आ रहा है ।




Body:बता दें कि GATS ( GLOBAL ADULT TOBACCO SURVEY) के साल 2016-2017 की रिपोर्ट पर गौर करें तो इसमें कई चौकाने वाले तथ्य उभर कर सामने आए है । इस रिपोर्ट के तहत प्रदेश के 29.8% पुरुष, 6.3 % महिलाएं और 18.1% 18 साल तक के युवा प्रदेश में सिगरेट , खैनी या गुटके के रूप में तंबाकू का सेवन कर रहे हैं ।

वहीं GATS की इस रिपोर्ट में गौर करने वाली बात ये भी है कि बीते कुछ सालों में आम लोगो ने सिगरेट की जगह खैनी, गुटके या पान मसाले के तौर पर तंबाकू का सेवन ज्यादा शुरू कर दिया है । इसमें 21.4% पुरुष, 3.4% महिलाएं , और 12.4 % 18 साल तक के युवा शामिल है ।

बता दें कि प्रदेश मैं बीड़ी और खैनी के रूप में सबसे ज्यादा तंबाकू का सेवन किया जा रहा है । इसमें 15.7% युवा बीड़ी पीते हैं और 8.0% लोग खैनी का सेवन करते हैं।



बाइट- अर्चना उनियाल




Conclusion:'तंबाकू के इस्तेमाल से कैंसर होता है 'यह बात तो हम सभी ने सुनी है। लेकिन शायद ही आपको यह पता हो कि यदि आप खुलेआम सिगरेट या बीड़ी का सेवन करते हैं तो इससे आप आपने आस-पास मौजूद अन्य लोगों को भी बीमार कर रहे हैं । मतलब यह हुआ कि यदि आप अपने परिवार के सदस्यों के बीच या अपने दोस्तों के बीच सिगरेट पीते हैं तो आप अपने परिवार , अपने दोस्तों सभी की जिंदगियों को खतरे में डाल रहे हैं ।

सिगरेट से होने वाली खतरनाक बीमारियां-

1 . कैंसर- सिगरेट के सेवन से हमें कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी हो सकती है जिसका कारण यह है कि सिगरेट पीने से इसका सीधा असर हमारे फेफड़ों पर पड़ता है । शुरुआती दौर में आप को सांस लेने में दिक्कत होगी लेकिन धीरे-धीरे आपकी यही दिक्कत कैंसर का रूप ले लेगी।

2. त्वचा रोग- यदि आप सिगरेट का सेवन करते हैं तो इसका असर आपकी त्वचा पर भी पढ़ रहा है दरअसल धूम धूम्रपान करने से त्वचा पर झुर्रियां पड़ने लगती है जिसका एक बड़ा कारण हमारे शरीर मे रक्त प्रवाह सही तरह से न हो पाना है ।

3. मानसिक प्रभाव- सिगरेट या तंबाकू से बनी किसी भी चीज का सेवन करने से आपके सोचने और समझने की क्षमता कम हो सकती है क्योंकि जो सिगरेट का धुआं आप अपने अंदर लेते हैं वह सीधे आपके खून में घुलकर दिमाग तक पहुंचता है।

4. अन्य रोग- सिगरेट का सेवन आपके शरीर को कई बीमारियों का घर बना सकता है जहां सिगरेट पीने से कैंसर जैसी जानलेवा रोग के होने का खतरा बढ़ जाता है वहीं दूसरी तरफ सिगरेट के सेवन की वजह से आपको सांस लेने में दिक्कत सीने में दर्द और टीबी जैसी खतरनाक बीमारी भी हो सकती है।


बहरहाल GATS की रिपोर्ट में प्रदेश के युवाओं से जुड़े जो आंकड़े सामने आए है वह काफी हैरान करने वाले है । लेकिन क्या इसके लिए सिर्फ प्रदेश का युवा ही जिम्मेदार हैं। शायद नहीं अगर बात जिम्मेदारी की करें तो इसके लिए शासन प्रशासन भी उतना ही जिम्मेदार हैं जितना कि युवा । क्योंकि तंबाकू का प्रयोग बंद हो इस बात को ध्यान में रखते हुए कई प्रावधान बनाए गए हैं जिसके तहत किसी भी शिक्षण संस्था के 100 गज के दायरे में किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पाद को बेचना कानूनी अपराध है। लेकिन क्या राजधानी देहरादून या प्रदेश के अन्य शहरों में इस नियम का पालन कराया जा रहा है ? यदि सिगरेट तंबाकू जैसी जानलेवा वस्तु खुलेआम हर गली मोहल्ले में बिक रही हो तो क्या इससे युवा इन चीजों का आदि नहीं होता चला जाएगा यह एक सोचने का विषय है !




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