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WORLD HEART DAY: इन चीजों से खुद को रखें दूर, दिल रहेगा दुरुस्त - DEHRADUN NEWS

आजकल लोगों का रहन सहन, खान-पान तेजी से बदल रही है. चिंता ये है कि इस बदलाव के साथ कई ऐसे खतरे भी आ रहे हैं, ऐसा ही एक बड़ा खतरा आपके दिल से जुड़ा है.

WORLD HEART DAY
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Published : Sep 28, 2019, 6:18 PM IST

देहरादून: क्या आप अपने दिल की सुनते हैं, यदि नहीं तो सावधान हो जाइए, हो सकता है आपका दिल किसी खतरे का सिग्नल दे रहा हो. 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस है. इस मौके पर हम आपको दिल की उस भाषा को बता रहे हैं, जो स्वस्थ हृदय से जुड़ी है. देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट...

इन चीजों से खुद को रखें दूर, दिल रहेगा दुरुस्त.


आजकल लोगों का रहन सहन, खान-पान या कहें कि पूरी जीवन शैली ही बेहद तेजी से बदल रही है. चिंता ये है कि इस बदलाव के साथ कई ऐसे खतरे भी आ रहे हैं, जो लोगों की जिंदगियों को खत्म कर रहे हैं. ऐसा ही एक बड़ा खतरा आपके दिल से जुड़ा है.

दरअसल, दुनियाभर में भारत ऐसा देश है, जहां दिल के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. एक आंकलन के अनुसार देश में करीब 4.5 करोड़ लोग दिल की बीमारी से पीड़ित है. जबकि इससे मरने वालों की संख्या में 34 फ़ीसदी तक की बढ़ोतरी भी आंकी गई है. अब सवाल ये है कि ऐसा क्यों हो रहा है. तो इसका जवाब वरिष्ठ कार्डियोलोजिस्ट डॉ. अमर उपाध्याय देते हैं. डॉ. अमर उपाध्याय बताते हैं कि आज लोगों की जीवनशैली बदल गयी है. खान-पान से लेकर रहन-सहन और इच्छा शक्ति तक में बदलाव आया है. नतीजतन शारिरिक तौर पर सक्रियता कम हुई है. खान-पान में फास्ट फूड, ऑयल का ज्यादा उपयोग जैसी चीजें शामिल है. जीवन में तनाव बढ़ा है और नशीले पदार्थों का उपयोग भी बढ़ा. है. रही सही कसर पर्यावरण प्रदूषण ने पूरी कर दी. इसके अलावा शुगर और हाई कोलेस्ट्रोल भी दिल के लिए मुसीबत बना है. जिससे भारतीयों के दिल बीमारियों की चपेट में आते गए.

पढ़ेंः इको टूरिज्म बदल रहा है पहाड़ की तस्वीर, युवाओं को रोजगार मिलने के साथ गांव हो रहे आबाद

हृदय रोग से जुड़ी सबसे बड़ी चिंता अब ये है कि युवा वर्ग भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहा है. जबकि पहले हार्ट अटैक एक उम्र के बाद ही आने की बात मानी जाती थी. अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों के लिहाज से डॉक्टर अमर उपाध्याय बताते हैं कि प्रत्येक 100 मरीजों में 25 मरीज 40 साल से कम उम्र के आ रहे हैं. देश में हर मिनट 4 लोगों की मौत हार्ट अटैक से होती है. इसमें हर दिन 900 लोग 30 साल से कम उम्र के होते हैं.

डॉक्टर अमर उपाध्याय कहते हैं कि युवाओं की जीवनशैली में सबसे ज्यादा बदलाव आया है. इसका नतीजा ये है कि युवाओं की संख्या भी अब हृदय रोगियों में बड़ी है. डॉ. उपाध्याय हार्ट अटैक को लेकर बताते हैं कि मुख्य रुप से हार्ट अटैक उन्हीं लोगों को आता है, जिन्हें हार्ट की बीमारी नहीं होती है या उन्हें इस बीमारी के बारे में नहीं पता होता है.

पढ़ेंः को-ऑपरेटिव सोसाइटी में हो रहे भ्रष्टाचार का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, राज्य सरकार से मांगा जवाब

हार्ट अटैक के क्या लक्षण होते हैं, जानिए
हार्ट अटैक के समय सीने में तेज दर्द या अकड़न के साथ उल्टी आती है. इसके अलावा व्यक्ति को बेहद ज्यादा पसीना आता है. ऐसी स्थिति में डॉक्टर सुझाव देते हैं कि मरीज को फौरन सामान्य से ज्यादा मात्रा में खून पतला करने की दवा देनी चाहिए और इसके बाद बिना देरी किए नजदीकी अस्पताल में डॉक्टर को दिखाना चाहिए.

पढ़ेंः विश्व पर्यटन दिवस: नैनीताल में जल्द बनेगी उत्तराखंड की पहली फिल्म सिटी

कैसे आता है हार्ट अटैक
शरीर के बाकी हिस्सों की तरह ही हृदय को भी काम करने के लिए ब्लड की जरूरत होती है. हृदय में खून सप्लाई करने के लिए तीन नसें होती है. जिसमें दो नस हृदय के बाई तरफ होती है, जबकि एक नस हृदय के दाईं तरफ होती है. हार्ट अटैक के दौरान अचानक नसों में कोई ब्लॉक हो जाता है. इसमें नस फटने से खून का थक्का में जम जाता है और खून की सप्लाई बंद हो जाती है. अचानक खून की सप्लाई बंद होने से करीब 1 घंटे में हार्ट का निचला हिस्सा मर जाता है और इलाज न मिलने पर अगले 5 से 6 घंटे में पूरा हार्ट ही मर जाता है. ऐसे में सबसे पहली जरूरत हार्ट अटैक के मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने की होती है.

देहरादून: क्या आप अपने दिल की सुनते हैं, यदि नहीं तो सावधान हो जाइए, हो सकता है आपका दिल किसी खतरे का सिग्नल दे रहा हो. 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस है. इस मौके पर हम आपको दिल की उस भाषा को बता रहे हैं, जो स्वस्थ हृदय से जुड़ी है. देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट...

इन चीजों से खुद को रखें दूर, दिल रहेगा दुरुस्त.


आजकल लोगों का रहन सहन, खान-पान या कहें कि पूरी जीवन शैली ही बेहद तेजी से बदल रही है. चिंता ये है कि इस बदलाव के साथ कई ऐसे खतरे भी आ रहे हैं, जो लोगों की जिंदगियों को खत्म कर रहे हैं. ऐसा ही एक बड़ा खतरा आपके दिल से जुड़ा है.

दरअसल, दुनियाभर में भारत ऐसा देश है, जहां दिल के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. एक आंकलन के अनुसार देश में करीब 4.5 करोड़ लोग दिल की बीमारी से पीड़ित है. जबकि इससे मरने वालों की संख्या में 34 फ़ीसदी तक की बढ़ोतरी भी आंकी गई है. अब सवाल ये है कि ऐसा क्यों हो रहा है. तो इसका जवाब वरिष्ठ कार्डियोलोजिस्ट डॉ. अमर उपाध्याय देते हैं. डॉ. अमर उपाध्याय बताते हैं कि आज लोगों की जीवनशैली बदल गयी है. खान-पान से लेकर रहन-सहन और इच्छा शक्ति तक में बदलाव आया है. नतीजतन शारिरिक तौर पर सक्रियता कम हुई है. खान-पान में फास्ट फूड, ऑयल का ज्यादा उपयोग जैसी चीजें शामिल है. जीवन में तनाव बढ़ा है और नशीले पदार्थों का उपयोग भी बढ़ा. है. रही सही कसर पर्यावरण प्रदूषण ने पूरी कर दी. इसके अलावा शुगर और हाई कोलेस्ट्रोल भी दिल के लिए मुसीबत बना है. जिससे भारतीयों के दिल बीमारियों की चपेट में आते गए.

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हृदय रोग से जुड़ी सबसे बड़ी चिंता अब ये है कि युवा वर्ग भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहा है. जबकि पहले हार्ट अटैक एक उम्र के बाद ही आने की बात मानी जाती थी. अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों के लिहाज से डॉक्टर अमर उपाध्याय बताते हैं कि प्रत्येक 100 मरीजों में 25 मरीज 40 साल से कम उम्र के आ रहे हैं. देश में हर मिनट 4 लोगों की मौत हार्ट अटैक से होती है. इसमें हर दिन 900 लोग 30 साल से कम उम्र के होते हैं.

डॉक्टर अमर उपाध्याय कहते हैं कि युवाओं की जीवनशैली में सबसे ज्यादा बदलाव आया है. इसका नतीजा ये है कि युवाओं की संख्या भी अब हृदय रोगियों में बड़ी है. डॉ. उपाध्याय हार्ट अटैक को लेकर बताते हैं कि मुख्य रुप से हार्ट अटैक उन्हीं लोगों को आता है, जिन्हें हार्ट की बीमारी नहीं होती है या उन्हें इस बीमारी के बारे में नहीं पता होता है.

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हार्ट अटैक के क्या लक्षण होते हैं, जानिए
हार्ट अटैक के समय सीने में तेज दर्द या अकड़न के साथ उल्टी आती है. इसके अलावा व्यक्ति को बेहद ज्यादा पसीना आता है. ऐसी स्थिति में डॉक्टर सुझाव देते हैं कि मरीज को फौरन सामान्य से ज्यादा मात्रा में खून पतला करने की दवा देनी चाहिए और इसके बाद बिना देरी किए नजदीकी अस्पताल में डॉक्टर को दिखाना चाहिए.

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कैसे आता है हार्ट अटैक
शरीर के बाकी हिस्सों की तरह ही हृदय को भी काम करने के लिए ब्लड की जरूरत होती है. हृदय में खून सप्लाई करने के लिए तीन नसें होती है. जिसमें दो नस हृदय के बाई तरफ होती है, जबकि एक नस हृदय के दाईं तरफ होती है. हार्ट अटैक के दौरान अचानक नसों में कोई ब्लॉक हो जाता है. इसमें नस फटने से खून का थक्का में जम जाता है और खून की सप्लाई बंद हो जाती है. अचानक खून की सप्लाई बंद होने से करीब 1 घंटे में हार्ट का निचला हिस्सा मर जाता है और इलाज न मिलने पर अगले 5 से 6 घंटे में पूरा हार्ट ही मर जाता है. ऐसे में सबसे पहली जरूरत हार्ट अटैक के मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने की होती है.

Intro:फीड एफ़टीपी पर भेजी गई है....


स्पेशल रिपोर्ट...

summary-क्या आप अपने दिल की सुनते हैं... यदि नहीं तो सावधान हो जाइए... हो सकता है आपका दिल किसी खतरे का सिग्नल दे रहा हो... विश्व हृदय दिवस पर आज हम आपको दिल की उस भाषा की बात कर रहे हैं, जो स्वस्थ हृदय से जुड़ी है... देखिए ईटीवी भारत की जानकारियां देती ये स्पेशल रिपोर्ट...


Body:देश में लोगों का रहन सहन, खान-पान या कहें कि पूरी जीवन शैली ही बेहद तेजी से बदल रही है...चिंता यह है कि इस बदलाव के साथ कई ऐसे खतरे भी आ रहे हैं, जो लोगों की जिंदगियों को खत्म कर रहे हैं... ऐसा ही एक बड़ा खतरा आपके दिल से जुड़ा है...दरअसल दुनियाभर में भारत ऐसा देश है जहां दिल के मरीजों की संख्या बेहद तेजी से बढ़ रही है... एक आकलन के अनुसार देश में करीब 4.5 करोड़ लोग दिल की बीमारी से पीड़ित है... जबकि इससे मरने वालों की संख्या में 34 फ़ीसदी तक की बढ़ोतरी भी आंकी गई है... अब सवाल यह कि ऐसा क्यों हो रहा है...तो इसका जवाब वरिष्ठ कार्डियोलोजिस्ट डॉ अमर उपाध्याय देते हुए बताते हैं कि आज लोगों की जीवनशैली बेहद ज्यादा बदल गयी है...खान-पान से लेकर रहन सहन और इच्छा शक्ति तक मे बदलाव आया है...नतीजतन शारारिक तौर पर सक्रियता कम हुई, खान-पान में फास्ट फूड, ऑयल का ज्यादा उपयोग जैसी चीजें शामिल हुई...जीवन मे तनाव बढ़ा और नशीले पदार्थों का उपयोग भी बढ़ा...रही सही कसर पर्यावरण प्रदूषण ने पूरी कर दी...इसके अलावा शुगर और हाइकोलेस्ट्रोल भी दिल के लिए मुसीबत बने हैं... जिससे भारतीयों के दिल बीमारियों की चपेट में आते गए...

वाइट डॉक्टर अमर उपाध्याय, वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट

ह्रदय रोग से जुड़ी सबसे बड़ी चिंता अब यह है कि युवा वर्ग भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहा है... जबकि पहले हार्ट अटैक एक उम्र के बाद ही आने की बात मानी जाती थी....अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों के लिहाज से डॉक्टर अमर उपाध्याय बताते हैं कि प्रत्येक 100 मरीजों में 25 मरीज 40 साल से कम उम्र के आ रहे हैं.. देश में हर मिनट 4 लोगों की मौत हार्ट अटैक से होती है... इसमें हर दिन 900 लोग 30 साल से कम उम्र के होते हैं... डॉक्टर अमर उपाध्याय बताते हैं कि युवाओं की जीवनशैली मैं सबसे ज्यादा बदलाव आया है... और इसका नतीजा है कि युवाओं की संख्या भी अब ह्रदय रोगियों में बड़ी है... डॉ उपाध्याय हार्ट अटैक को लेकर बताते हैं कि मुख्य थे हार्ट अटैक उन्हीं लोगों को आता है जिन्हें हार्ट की बीमारी नहीं होती है या उन्हें इस बीमारी के बारे में नहीं पता होता है...हार्ट अटैक के क्या लक्षण होते हैं ये भी जानना जरूरी है...हार्ट अटैक के समय सीने में तेज दर्द या अकड़न के साथ उल्टी आती है, इसके अलावा व्यक्ति को बेहद ज्यादा पसीना आता है... ऐसी स्थिति में डॉक्टर सुझाव देते हैं कि मरीज को फौरन सामान्य से ज्यादा मात्रा में खून पतला करने की दवा देनी चाहिए... और इसके बाद फौरन नजदीकी अस्पताल में डॉक्टर को दिखाना चाहिए....

बाइट डॉक्टर अमर उपाध्याय वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट

आखिरकार कैसे आता है हार्ट अटैक

शरीर के बाकी हिस्सों की तरह ही ह्रदय को भी काम करने के लिए ब्लड की जरूरत होती है... हृदय में खून सप्लाई करने के लिए तीन नसें होती है जिसमें दो नस ह्रदय के बाई तरफ होती है जबकि एक नस ह्रदय के दाईं तरफ होती है... हार्ट अटैक के दौरान अचानक नसों में कोई ब्लॉक हो जाता है... इसमें नस फटने से खून का थक्का में जम जाता है... और खून की सप्लाई बंद हो जाती है... अचानक खून की सप्लाई बंद होने से करीब 1 घंटे में हार्ट का निचला हिस्सा मर जाता है... और इलाज ना मिलने पर अगले 5 से 6 घंटे में पूरा हार्ट ही मर जाता है... ऐसे में सबसे पहली जरूरत हार्ट अटैक के मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने की होती है...

डॉक्टर अमर उपाध्याय वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट





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