ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में आयुष विभाग के तत्वावधाान में माइंड बॉडी मेडिसिन विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस मौके पर एम्स के निदेशक रवि कांत ने योग, ध्यान,आध्यात्मिकता व पुरातन चिकित्सा पद्धति पर वैज्ञानिक अनुसंधान पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए संस्थान माइंड बॉडी मेडिसिन सेंटर की स्थापना करेगा.
बता दें कि सोमवार को एम्स में दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ निदेशक रवि कांत के द्वारा किया. जिसमें निदेशक रवि कांत ने बताया कि वर्तमान आपाधापी वाली जीवनशैली में चिकित्सकों को अपने मन को स्वस्थ व शांत रखना नितांत आवश्यक है. जिसके लिए हमें अपने योग, ध्यान व आध्यात्मिकता के सिस्टम को वैज्ञानिक दृष्टि से प्रमाणित करना होगा. जिससे कि हम दुनिया को इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं से अवगत करा सकें.
साथ ही इस अवसर पर संस्थान के डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने कार्यशाला में शिरकत करने वाले विशेषज्ञों को एम्स की ओर से अभिनंदन किया, साथ ही उन्होंने आधुनिक चिकित्सा को पुरातन चिकित्सा से जोड़ते हुए माइंड बॉडी कार्यशाला के उद्देश्य पर लोगों को जानकारी दी.
वहीं, माइंड बॉडी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुमार जिवासु ने मानव की मुख्य समस्याओं पर बताया कि किस तरह से इसमें हमारे मस्तिष्क की मुख्य भूमिका रहती है और हमारा मन किस तरह से कार्य करता है. उन्होंने बताया कि जीवन में स्वस्थ रहने के लिए हमें मस्तिष्क को नियंत्रित रखना होगा. इसके साथ ही उन्होंने प्रतिभागियों को प्रकृति के नियमों से अवगत कराया और उनका पालन सुनिश्चित करने पर जोर दिया.
ये भी पढ़ें: छात्रवृत्ति घोटाला: रुड़की के तीन कॉलेजों पर FIR, 5 करोड़ से ज्यादा का किया है गबन
इसके साथ ही कार्यशाला में उपस्थित आयुष विभागाध्यक्ष प्रो. वर्तिका सक्सेना ने कहा कि आयुष विभाग एम्स संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत के दिशा निर्देशन में जन जागरुकता के लिए सतत रूप से इस तरह की कार्यशालाओं के आयोजन के साथ-साथ निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहेगा.