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सचिवालय में पहली बार अधिकारियों को पढ़ाया गया नैतिकता का पाठ, सीएम ने कहा- छवि सुधारें अफसर - उत्तराखंड मुख्य सचिव उत्पल कुमार

उत्तराखंड अलग राज्य बनने के बाद सचिवालय में पहली बार आईएएस और पीसीएस अधिकारियों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था. जिसका शुभारंभ सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया.

अधिकारियों को पढ़ाया गया नैतिकता का पाठ
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Published : Jul 30, 2019, 5:45 PM IST

Updated : Jul 30, 2019, 6:24 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड सचिवालय में पहली बार अनुभागीय अधिकारियों से लेकर टॉप लेवल के नौकरशाहों को नैतिकता का पाठ पढ़ाया गया. इसके लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें आईएएस और आईपीएस अधिकारी भी मौजूद रहे. कार्यशाला में अधिकारियों को जनसामान्य में अपनी छवि और गुणवत्ता को बेहतर करने के गुर सिखाए गए. कार्यशाला का शुभारंभ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने किया.

इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि सरकार की छवि को सुधारने की जिम्मेदारी सचिवालय में कार्य कर रहे हर व्यक्ति की है. इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि वो किस पद पर काम करता है.

अधिकारियों को पढ़ाया गया नैतिकता का पाठ

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कार्यशाल में सचिवालय के कार्यरत करीब 1200 कर्मचारियों और अधिकारियों में से एक तिहाई यानी करीब 350 कर्मचारियों और अधिकारियों ने ही हिस्सा लिया था. इन अधिकारियों में अनुभागों में काम करने वाले अधिकारियों से लेकर अपर सचिव, संयुक्त सचिव और मुख्य सचिव भी मौजूद थे.

इस दौरान सीएम ने कहा कि राज्य स्थापना के बाद अधिकारियों के लिए नैतिकता को लेकर ये पहली कार्यशाला है. सरकार और राज्य की छवि पूरी तरह से सचिवालय में काम करने वाले अधिकारियों पर निर्भर करती है. सचिवालय में काम को लेकर किसी भी तरह की देरी या लापरवाही नहीं होनी चाहिए. इसे काफी हद तक नियंत्रण भी किया गया, लेकिन अभी इस दिशा में ओर काम करने की जरुरत है.

पढ़ें- देवभूमि के इस मंदिर में यमराज ने की थी महादेव की कठोर तपस्या, सावन में लगा रहता है भक्तों का तांता

सीएम ने कहा कि सचिवालय की कार्यक्षमता और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. ये कार्यशाला भी सचिवालय की कार्यक्षमता को बढ़ाने का एक प्रयास है. सरकार की छवि केवल मुख्यमंत्री, मंत्री और आलाधिकारियों पर निर्भर नहीं करती है, बल्कि सरकार की छवि सचिवालय में काम कर रहे हर एक अधिकारी पर निर्भर करती है.

देहरादून: उत्तराखंड सचिवालय में पहली बार अनुभागीय अधिकारियों से लेकर टॉप लेवल के नौकरशाहों को नैतिकता का पाठ पढ़ाया गया. इसके लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें आईएएस और आईपीएस अधिकारी भी मौजूद रहे. कार्यशाला में अधिकारियों को जनसामान्य में अपनी छवि और गुणवत्ता को बेहतर करने के गुर सिखाए गए. कार्यशाला का शुभारंभ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने किया.

इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि सरकार की छवि को सुधारने की जिम्मेदारी सचिवालय में कार्य कर रहे हर व्यक्ति की है. इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि वो किस पद पर काम करता है.

अधिकारियों को पढ़ाया गया नैतिकता का पाठ

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कार्यशाल में सचिवालय के कार्यरत करीब 1200 कर्मचारियों और अधिकारियों में से एक तिहाई यानी करीब 350 कर्मचारियों और अधिकारियों ने ही हिस्सा लिया था. इन अधिकारियों में अनुभागों में काम करने वाले अधिकारियों से लेकर अपर सचिव, संयुक्त सचिव और मुख्य सचिव भी मौजूद थे.

इस दौरान सीएम ने कहा कि राज्य स्थापना के बाद अधिकारियों के लिए नैतिकता को लेकर ये पहली कार्यशाला है. सरकार और राज्य की छवि पूरी तरह से सचिवालय में काम करने वाले अधिकारियों पर निर्भर करती है. सचिवालय में काम को लेकर किसी भी तरह की देरी या लापरवाही नहीं होनी चाहिए. इसे काफी हद तक नियंत्रण भी किया गया, लेकिन अभी इस दिशा में ओर काम करने की जरुरत है.

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सीएम ने कहा कि सचिवालय की कार्यक्षमता और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. ये कार्यशाला भी सचिवालय की कार्यक्षमता को बढ़ाने का एक प्रयास है. सरकार की छवि केवल मुख्यमंत्री, मंत्री और आलाधिकारियों पर निर्भर नहीं करती है, बल्कि सरकार की छवि सचिवालय में काम कर रहे हर एक अधिकारी पर निर्भर करती है.

Intro:summary- अधिकारियों को नैतिकता का पाठ, सीएम बोले- सचिवालय में काम कर रहे हर अधिकारी पर निर्भर है सरकार की छवि।

एंकर- उत्तराखंड राज्य स्थापना के बाद आज पहली बार सचिवालय में अनुभाग अधिकारियों से लेकर टॉप मोस्ट नोकरशाहों तक को नैतिकता का पथ पढ़ाया गया। नैतिकता की इस एक दिवसीय कार्यशाला में सचिवालय के तकरीबन एक तिहाई अधिकारी ias pcs अधिकारी मौजूद रहे जहां अधिकारियों को जनसामान्य में अपनी छवि और गुणवत्ता को बेहतर करने के गुर सिखाए गए। कार्यशाला का शुभारंभ करने पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि सरकार की छवि को सुधारने की जिम्मेदारी सचिवालय में कार्य कर रहे व्यक्ति की जिम्मेदारी होती है और इस बात से फर्क नही पड़ता है कि वो किस स्तर के पद पर काम करता है।


Body:वीओ- मंगलवार को सचिवालय में के विश्वकर्मा भवन में स्थित वीर चंद्र गढ़वाली सभागार में अधिकारियों के लिए नैतिक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का शुभारंभ मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने किया। बैठक में सचिवालय में काम करने वाले तकरीबन 1200 अधिकारी कर्मचारियों में से 350 से ज्यादा अधिकारी मोजूद रहे। इन अधिकारियों में अनुभागों में काम करने वाले अधिकारियों से लेकर अपर सचिव, संयुक्त सचिव, से लेकर एसीएस, से सबसे शीर्ष में स्थित मुख्य सचिव तक सभी नोकरशाह मोजूद रहे।

कार्यशाला का शुभारंभ करने पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने भी कार्यशाला में सरकारी तंत्र में नैतिकता की भूमिका प्रापने विचार रखे तो वहीं सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य स्थापना के बाद अधिकारियों के लिए नैतिकता को लेकर ये पहली कार्यशाला है और सरकार की छवि और राज्य की छवि पूरी तरह से सचिवालय में काम करने वाले अधिकारियों पर निर्भर करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय में काम को लेकर किसी भी तरह की देरी या लापरवाही नही होनी चाहिए और इसे काफी हद तक नियंत्रण भी किया गया लेकिन अभी इस पर और काम करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि सचिवालय की कार्यक्षमता और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है और इसी तरह से ये कार्यशाला भी सचिवालय की कार्यक्षमता बढ़ाने का एक प्रयास है। उन्हीने कहा कि सरकार की छवि केवल मुख्यमंत्री, मंत्री और अला अधिकारियों पर निर्भर नही करती है बल्कि सरकार की छवि सचिवालय में काम कर रहे हर एक अधिकारी पर निर्भर करती है।

बाइट- त्रिवेन्द्र रावत, मुख्यमंत्री


Conclusion:
Last Updated : Jul 30, 2019, 6:24 PM IST
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