देहरादून: उत्तराखंड सचिवालय में पहली बार अनुभागीय अधिकारियों से लेकर टॉप लेवल के नौकरशाहों को नैतिकता का पाठ पढ़ाया गया. इसके लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें आईएएस और आईपीएस अधिकारी भी मौजूद रहे. कार्यशाला में अधिकारियों को जनसामान्य में अपनी छवि और गुणवत्ता को बेहतर करने के गुर सिखाए गए. कार्यशाला का शुभारंभ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने किया.
इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि सरकार की छवि को सुधारने की जिम्मेदारी सचिवालय में कार्य कर रहे हर व्यक्ति की है. इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि वो किस पद पर काम करता है.
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कार्यशाल में सचिवालय के कार्यरत करीब 1200 कर्मचारियों और अधिकारियों में से एक तिहाई यानी करीब 350 कर्मचारियों और अधिकारियों ने ही हिस्सा लिया था. इन अधिकारियों में अनुभागों में काम करने वाले अधिकारियों से लेकर अपर सचिव, संयुक्त सचिव और मुख्य सचिव भी मौजूद थे.
इस दौरान सीएम ने कहा कि राज्य स्थापना के बाद अधिकारियों के लिए नैतिकता को लेकर ये पहली कार्यशाला है. सरकार और राज्य की छवि पूरी तरह से सचिवालय में काम करने वाले अधिकारियों पर निर्भर करती है. सचिवालय में काम को लेकर किसी भी तरह की देरी या लापरवाही नहीं होनी चाहिए. इसे काफी हद तक नियंत्रण भी किया गया, लेकिन अभी इस दिशा में ओर काम करने की जरुरत है.
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सीएम ने कहा कि सचिवालय की कार्यक्षमता और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. ये कार्यशाला भी सचिवालय की कार्यक्षमता को बढ़ाने का एक प्रयास है. सरकार की छवि केवल मुख्यमंत्री, मंत्री और आलाधिकारियों पर निर्भर नहीं करती है, बल्कि सरकार की छवि सचिवालय में काम कर रहे हर एक अधिकारी पर निर्भर करती है.