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तीर्थनगरी में कच्ची शराब के खिलाफ महिलाओं ने खोला मोर्चा, वन विभाग और पुलिस पर लगाया मिलीभगत का आरोप - ऋषिकेश में महिलाओं का प्रदर्शन

ग्रामीणों का कहना है कि शराब बेचने वालों के खिलाफ अगर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता है तो ग्रामीण खुद ही अपने स्तर पर कच्ची शराब बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाही करेंगे.

महिलाओं ने खोला मोर्चा
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Published : Nov 5, 2019, 11:07 PM IST

Updated : Nov 5, 2019, 11:33 PM IST

ऋषिकेश: तीर्थनगरी ऋषिकेश में नशा प्रतिबंधित होने के बावजूद इसका अवैध व्यापार खुले आम बड़े स्तर पर किया जा रहा है. बाजवूद पुलिस-प्रशासन और आबकारी विभाग आंखे मूंदे बैठा हुआ है. यही कारण है कि अब ग्रामीणों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कच्ची शराब के इस अवैध कारोबार पर लगाम लगाने के लिए गुमानिवाला की महिलाएं मगंलवार को उपजिलाधिकारी से मिली और शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

ऋषिकेश के जंगलों में पिछले कई सालों से लगातार कच्ची शराब बनाने का काम चल रह है. कच्ची शराब बनाने वालों के खिलाफ कई बार स्थानीय पुलिस और वन विभाग से भी शिकायत कर चुकी हैं, लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया.

कच्ची शराब के खिलाफ महिलाओं ने खोला मोर्चा

पढ़ें- रुड़की नगर निगम चुनाव: भाजपा की मुश्किलें नहीं हुई कम, 'बागी' गोयल के तेवर अब भी गर्म

महिलाओं का कहना है कि वन विभाग की मिलीभगत से जंगलों के भीतर शराब की भठ्ठी लगाई गई है. कई बार इसका विरोध किया तो वन विभाग के कर्मचारियों ने उनके साथ बदसलूकी की. लेकिन इस बार महिलाओं ने शराब के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन छेड़ दिया है.

ग्रामीणों का कहना है कि शराब बेचने वालों के खिलाफ अगर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता है तो ग्रामीण खुद ही अपने स्तर पर कच्ची शराब बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाही करेंगे.

ऋषिकेश: तीर्थनगरी ऋषिकेश में नशा प्रतिबंधित होने के बावजूद इसका अवैध व्यापार खुले आम बड़े स्तर पर किया जा रहा है. बाजवूद पुलिस-प्रशासन और आबकारी विभाग आंखे मूंदे बैठा हुआ है. यही कारण है कि अब ग्रामीणों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कच्ची शराब के इस अवैध कारोबार पर लगाम लगाने के लिए गुमानिवाला की महिलाएं मगंलवार को उपजिलाधिकारी से मिली और शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

ऋषिकेश के जंगलों में पिछले कई सालों से लगातार कच्ची शराब बनाने का काम चल रह है. कच्ची शराब बनाने वालों के खिलाफ कई बार स्थानीय पुलिस और वन विभाग से भी शिकायत कर चुकी हैं, लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया.

कच्ची शराब के खिलाफ महिलाओं ने खोला मोर्चा

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महिलाओं का कहना है कि वन विभाग की मिलीभगत से जंगलों के भीतर शराब की भठ्ठी लगाई गई है. कई बार इसका विरोध किया तो वन विभाग के कर्मचारियों ने उनके साथ बदसलूकी की. लेकिन इस बार महिलाओं ने शराब के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन छेड़ दिया है.

ग्रामीणों का कहना है कि शराब बेचने वालों के खिलाफ अगर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता है तो ग्रामीण खुद ही अपने स्तर पर कच्ची शराब बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाही करेंगे.

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Folder name--Nashe ke khilaf

ऋषिकेश--तीर्थनगरी ऋषिकेश में नशा प्रतिबंधित होने के बावजूद नशे का व्यापार  बहुत बड़े स्तर में फल-फूल रहा है,ऋषिकेश के जंगलों में कच्ची शराब धड़ल्ले से बनाई जा रही है,वन विभाग और पुलिस इस पर कोई कार्यवाही नही कर रही है,यही कारण है ग्रामीण कच्ची शराब बेचने वालों से तंग आकर राजेन्द्र गैरोला के नेतृत्व में गुमानिवाला की महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है जिसको लेकर आज उपजिलाधिकारी के समक्ष एक ज्ञापन दिया गया जिसमें सख्त कार्रवाई करने की अपील की गई । यदि नशे की रोकथाम के लिए प्रशासन द्वारा कोई सख्त कदम नहीं उठाया जाता तो ग्रामीण उग्र आंदोलन भी करेंगे ।


Body:वी/ओ-- ऋषिकेश के जंगलों में पिछले कई वर्षों से लगातार कच्ची शराब की भट्टिया लगाकर शराब बनाई जा रही है कच्ची शराब बनाने वालों के खिलाफ कई बार ग्रामीणों ने कार्रवाई करने की मांग की है लेकिन ना तो पुलिस ने और ना ही वन विभाग में शराब बनाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई की यही कारण है कि कच्ची शराब बनाने वालों के हौसले बुलंद हैं और धड़ल्ले से शराब बना रहे हैं ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि वन विभाग की मिलीभगत से जंगलों के भीतर शराब की भठ्ठी लगाई गई हैं कई बार इसका विरोध किया तो वन विभाग के कर्मचारी उनके साथ बदसलूकी भी करते हैं, लेकिन इस बार ग्रामीण महिलाओं ने शराब के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन छेड़ दिया है ग्रामीणों का कहना है कि शराब बेचने वालों के खिलाफ अगर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता है तो ग्रामीण खुद ही अपने स्तर पर कच्ची शराब बनाने वालों के खिलाफ कार्यवाही करेंगे और इस मामले में अगर कोई भी वर्दीधारी आया तो उसकी भी खैर नहीं।


Conclusion:वी/ओ--कुछ माह पहले कच्ची शराब पीने का मामला हरिद्वार में सामने आया जिससे कई लोगों की मौत हो गई थी, बावजूद ऋषिकेश में पुलिस और वन विभाग जरा सी भी कार्यवाही की जहमत नहीं उठा रहा है, शायद ऋषिकेश में प्रसाशन व पुलिस को इंतजार है कि यहां भी कोई ऐसा मामला हो ।

बाईट--ग्रामीण महिला
बाईट--राजेन्द्र गैरोला(ग्रामीण)
Last Updated : Nov 5, 2019, 11:33 PM IST
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