देहरादून: उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल के कार्यकाल को दो साल का वक्त पूरा हो गया है. इन दो सालों में महिला आयोग की ओर से तमाम काम किए गए हैं. जिसमें महिला नीति भी एक है. महिला नीति तैयार होने के दो महीने बाद भी अभी तक महिला नीति लागू नहीं हो पाई है. जबकि पिछले साल राज्य स्थापना दिवस पर सीएम धामी ने जल्द ही महिला नीति को लागू करने की बात कही थी. महिला आयोग की ओर से महिला नीति का ड्राफ्ट शासन को सौंपा जा चुका है.
राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा इन 2 साल के कार्यकाल के दौरान चमोली और रुद्रप्रयाग में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित कार्यशाला का आयोजन किया गया. राष्ट्रीय महिला आयोग के वित्तीय सहयोग से प्रदेश में संचालित महिला थाना को प्रभावित सेल बनाया गया. इसके लिए सेमिनार और खेल सेमिनार का आयोजन भी किया गया. महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के साथ मिलकर सितंबर महीने में पोषण माह का कार्यक्रम आयोजित कराया गया. इसके साथ ही आयोग को महिलाओं से संबंधित प्राप्त तमाम शिकायतों का निस्तारण भी किया गया.
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आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा साल 2022-23 में 1947 शिकायतें दर्ज हुई. जिसके सापेक्ष 1810 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है. 137 शिकायतों पर कार्रवाई की जा रही है. इसी तरह से वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान अभी तक 1361 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. जिसके सापेक्ष 626 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है. 735 शिकायतों पर कार्रवाई चल रही है.
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महिला नीति के सवाल पर अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा महिला नीति पूरी तरह से तैयार है. राज्य स्थापना दिवस पर सीएम धामी ने जल्द महिला नीति लागू करने की घोषणा भी की थी, जिससे महिला नीति में प्रदेश की महिलाओं से जुड़े हर विषय को शामिल किये जा सके. जिसमें आर्थिक, सामाजिक, शिक्षा, राजनीतिक, स्वास्थ्य समेत अन्य बिंदु शामिल हैं. ऐसे में महिला नीति जल्द ही राज्य में लागू होगी. उन्होंने कहा सरकार ने एकल महिला नीति तैयार की है. जिसमें एकल महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए तमाम प्रावधान किए गए हैं.