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हैवानियतः बेटियां पैदा हुईं तो हैवान बना मित्र पुलिस का जवान, पत्नी की जान का बना दुश्मन

उत्तराखंड पुलिस के एक जवान का हैवानियत भरा चेहरा उसकी पत्नी के जरिए सामने आया है. पहले दहेज और फिर बेटियों को पैदा करने की सजा भुगत रही प्रियंका आज अपने दो मासूम बच्चियों को लेकर न्याय के लिए दरबदर भटक रही है. पीड़ित प्रियंका का आरोप है कि अब उसका पति अपनी दो बेटियों की जान का भी दुश्मन बन हुआ है. पीड़िता का पति अल्मोड़ा जिले में बतौर सिपाही तैनात है.

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Published : Aug 1, 2019, 7:32 AM IST

दर्द बयां करती पीड़िता

देहरादून: मित्रता, सेवा और सुरक्षा यह संकल्प उत्तराखंड पुलिस के हैं, लेकिन एक वर्दीधारी इन्हीं संकल्पों की धज्जियां उड़ा रहा है, लेकिन विभाग ना देख रहा है, ना सुन रहा है और ना ही कुछ बोल रहा है. लेकिन जो बोल रही है, वह एक पीड़िता है. जिसकी आंखें नम और कंठ जुल्मों की आपबीती से भरा हुआ है. यह पीड़िता और कोई नहीं बल्कि उत्तराखंड पुलिस में तैनात जवान की धर्मपत्नी है.

अपनी आपबीती सुनाती पीड़िता.

मामला उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले का है. जहां 7 साल पहले 2012 में प्रियंका की शादी पुलिस में तैनात अखिलेश आगरी से हुई. लेकिन शादी के बाद से ही पति की हैवानियत शुरू हो गई थी. पीड़िता का आरोप है कि पहले दहेज के लिए उसे परेशान किया गया. इसके बाद फिर जब उनकी बेटियां हुई तो जैसे पूरा परिवार उसकी जान का ही दुश्मन बन गया.

पहले दहेज और फिर बेटियों को पैदा करने की सजा भुगत रही प्रियंका आज अपने दो मासूम बच्चियों को लेकर न्याय के लिए दरदर भटक रही है. पीड़ित प्रियंका का आरोप है कि अब उसका पति अपनी दो बेटियों की जान का भी दुश्मन बन चुका है. पीड़िता का पति अल्मोड़ा जिले में बतौर सिपाही तैनात है.

पढ़ें- मुख्यमंत्री की विभागीय समीक्षा बैठक में तय होगी मंत्रियों की परफॉर्मेंस, हो सकता है मंत्रिमंडल में बदलाव

पीड़िता का आरोप है कि उसके पति ने मां, भाई और पिता के साथ मिलकर गर्भावस्था के दौरान जिंदा जलाने का भी प्रयास किया. लेकिन पति के पुलिस विभाग में होने के कारण आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाई.

प्रियंका का आरोप है कि कई बार वह मरते-मरते बची. उसने बताया कि दूसरी बच्ची पैदा होने के बाद उसके पति और ससुरालवालों ने उसके प्राइवेट पार्ट को चोट पहुंचाकर उसे तड़पा-तड़पा कर मारने की कोशिश की. जिसके बाद वह कुछ दिन पहले जान बचाकर अपने भाई और मां के पास पहुंची है.

पीड़िता ने बताया कि उसके शरीर के सभी अंगों पर जख्म हो चुके हैं. उसके देवर ने उसका हाथ तोड़ दिया है. पति द्वारा मासूम बच्चियों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है. उसने बताया कि वह अल्मोड़ा पुलिस थाना, चौकी, अधिकारियों से लेकर पुलिस मुख्यालय तक अपने सिपाही पति की शिकायत कर चुकी है. लेकिन कहीं से भी उसे न्याय नहीं मिला.

प्रियंका की मां का कहना है कि बहन की 2012 में शादी होने के बाद लगातार उसका सिपाही पति दहेज के कारण उनकी बेटी को प्रताड़ित करता था. बेटियां पैदा होने के बाद यह हिंसा और बढ़ गई. पीड़ित परिवार ने ईटीवी भारत के माध्यम से अपनी दो मासूम बेटियों की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री मोदी और उत्तराखंड मुख्यमंत्री से लगाई न्याय की गुहार लगाई है.

देहरादून: मित्रता, सेवा और सुरक्षा यह संकल्प उत्तराखंड पुलिस के हैं, लेकिन एक वर्दीधारी इन्हीं संकल्पों की धज्जियां उड़ा रहा है, लेकिन विभाग ना देख रहा है, ना सुन रहा है और ना ही कुछ बोल रहा है. लेकिन जो बोल रही है, वह एक पीड़िता है. जिसकी आंखें नम और कंठ जुल्मों की आपबीती से भरा हुआ है. यह पीड़िता और कोई नहीं बल्कि उत्तराखंड पुलिस में तैनात जवान की धर्मपत्नी है.

अपनी आपबीती सुनाती पीड़िता.

मामला उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले का है. जहां 7 साल पहले 2012 में प्रियंका की शादी पुलिस में तैनात अखिलेश आगरी से हुई. लेकिन शादी के बाद से ही पति की हैवानियत शुरू हो गई थी. पीड़िता का आरोप है कि पहले दहेज के लिए उसे परेशान किया गया. इसके बाद फिर जब उनकी बेटियां हुई तो जैसे पूरा परिवार उसकी जान का ही दुश्मन बन गया.

पहले दहेज और फिर बेटियों को पैदा करने की सजा भुगत रही प्रियंका आज अपने दो मासूम बच्चियों को लेकर न्याय के लिए दरदर भटक रही है. पीड़ित प्रियंका का आरोप है कि अब उसका पति अपनी दो बेटियों की जान का भी दुश्मन बन चुका है. पीड़िता का पति अल्मोड़ा जिले में बतौर सिपाही तैनात है.

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पीड़िता का आरोप है कि उसके पति ने मां, भाई और पिता के साथ मिलकर गर्भावस्था के दौरान जिंदा जलाने का भी प्रयास किया. लेकिन पति के पुलिस विभाग में होने के कारण आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाई.

प्रियंका का आरोप है कि कई बार वह मरते-मरते बची. उसने बताया कि दूसरी बच्ची पैदा होने के बाद उसके पति और ससुरालवालों ने उसके प्राइवेट पार्ट को चोट पहुंचाकर उसे तड़पा-तड़पा कर मारने की कोशिश की. जिसके बाद वह कुछ दिन पहले जान बचाकर अपने भाई और मां के पास पहुंची है.

पीड़िता ने बताया कि उसके शरीर के सभी अंगों पर जख्म हो चुके हैं. उसके देवर ने उसका हाथ तोड़ दिया है. पति द्वारा मासूम बच्चियों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है. उसने बताया कि वह अल्मोड़ा पुलिस थाना, चौकी, अधिकारियों से लेकर पुलिस मुख्यालय तक अपने सिपाही पति की शिकायत कर चुकी है. लेकिन कहीं से भी उसे न्याय नहीं मिला.

प्रियंका की मां का कहना है कि बहन की 2012 में शादी होने के बाद लगातार उसका सिपाही पति दहेज के कारण उनकी बेटी को प्रताड़ित करता था. बेटियां पैदा होने के बाद यह हिंसा और बढ़ गई. पीड़ित परिवार ने ईटीवी भारत के माध्यम से अपनी दो मासूम बेटियों की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री मोदी और उत्तराखंड मुख्यमंत्री से लगाई न्याय की गुहार लगाई है.

Intro:pls नोट डेस्क- ईटीवी भारत की एक्सक्लूसिव स्टोरी है इस स्टोरी की feed live u 08 से भेजी गई हैं.. feed ID-"Daughters punishment"


summary_उत्तराखंड पुलिस का सिपाही दे रहा हैं बेटियां पैदा करने पर पत्नी दर्दनाक सज़ा, 7 वर्षों से हैवान बनकर पत्नी पर जुल्म का कहर, मासूम बच्चियों और परिवार के साथ न्याय के लिए दरबदर भटकती पत्नी।

दो बेटियां पैदा करने पर पुलिस सिपाही दे रहा है पत्नी

देहरादून- जहां एक तरफ देश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा बुलंद किया जा रहा है.. वहीं कुछ ऐसे भी परिवार हैं जहां बेटियों को पैदा करने की सजा महिलाओं को इस कदर दी जा रही कि वह अपने पैदा होने पर भी आज अफ़सोस कर रही हैं। ऐसा एक ताजा मामला उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले का हैं जहां यूपी रामपुर से 7 साल पहले 2012 में शादी होकर आई एक युवती को दो बेटियां पैदा करने पर उसके पुलिस पति द्वारा ऐसी हैवानियत भरी की सजा दी जा रही हैं जिसके चलते वह आज तन और मन से पूरी तरह टूट चुकी हैं। पहले दहेज़ और फिर बेटियों को पैदा करने की सजा भुगत रही प्रियंका आज अपने दो मासूम बच्चियों को लेकर परिवार के साथ न्याय की गुहार लगाते हुए सड़कों पर दरबदर भटक रही हैं। इतना ही नहीं पीड़ित प्रियंका का आरोप है कि अब उसके पुलिस सिपाही पति अपने अपने दो बेटियों की जान के दुश्मन भी हो चुके हैं....उधर पीड़ित प्रियंका अपने साथ हो रहे जुल्मों सितम की दास्तां लेकर बुधवार अपने माँ-भाई और बच्चों के साथ ईटीवी भारत के कार्यालय देहरादून फरियाद लेकर पहुंची।


Body:गर्भावस्था में जिंदा जलाने का प्रयास

पहले दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा का शिकार होने वाली प्रियंका ने जब दो मासूम बेटियों को जन्म दिया तो उसके ऊपर जुल्मों सितम का पहाड़ टूट गया प्रियंका का आरोप है कि उत्तराखंड पुलिस में बतौर सिपाही के तौर अल्मोड़ा जिले में तैनात उसका पति अपने परिवार के साथ शादी होने के कुछ महीने बाद ही लगातार उसे मारपीट कर प्रताड़ित करते रहे ...इतना ही नहीं दहेज और बेटी पैदा करने के सजा में सिपाही पति ने अपने मां भाई पिता के साथ मिलकर दूसरी बेटी पैदा होने से पहले गर्भावस्था हालत में जिंदा जलाने का प्रयास किया। इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी पुलिस विभाग में होने के कारण आरोपियों के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो सकी जबकि यह मामला घटना के समय मीडिया में काफी चर्चा में रहा।


प्राइवेट पार्ट को क्षति पहुंचाकर मारने का प्रयास भी किया गया

दो बेटियों को पैदा करने की सजा भुगत रही प्रियंका का आरोप है कि कई बार जुल्मों सितम की इंतहा इतनी ज्यादा हो गई कि वह मरते-मरते कई बार बची ऐसा ही वाक्य दूसरी बच्ची पैदा होने के बाद तब हुआ जब उसके पति और ससुराल वालों ने उसके प्राइवेट पार्ट में क्षति पहुंचाकर उसे तड़पा कर मारने की साजिश रची। प्रियंका का आरोप है कि हाल ही में कुछ दिन पहले वह किसी तरह से ससुराल से जान बचाकर अपने भाई और मां के पास पहुंची है उसके शरीर के सभी अंग पर इतने जख्म है जिन्हें वह आज दिखा नहीं सकती हाथ देवर द्वारा तोड़ दिया गया है पति द्वारा मासूम बच्चों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है ऐसे में वह अल्मोड़ा पुलिस थाना चौकी अधिकारियों से लेकर पुलिस मुख्यालय तक अपने सिपाही पति की शिकायत लगा चुकी है लेकिन कहीं से भी उसको न्याय मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है।



Conclusion:उधर प्रियंका के भाई सुनील का कहना है कि बहन की 2012 में शादी होने के बाद लगातार उसके पुलिस सिपाही पति द्वारा दहेज और बेटियों को पैदा करने इस सजा हैवानियत भरे तरीके से वर्षों तक प्रताड़ित करता रहा। घर में कैद कोई ऐसी सजा नहीं दी गई जिसके चलते उसकी रोनक आप गई हो। सुनील के मुताबिक उउसकी बहन प्रियंका के पति की हैवानियत भरी करतूत कई बार इतनी हदे पार कर गई कि, उसके पड़ोसी द्वारा उन तक फोन बहन को ससुराल से बचा कर ले जाने की बात कही गई।

पीड़ित परिवार ने ईटीवी भारत के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी और उत्तराखंड मुख्यमंत्री से लगाई न्याय की गुहार

पीड़ित प्रियंका के भाई सुनील कहना है कि जहां आज प्रधानमंत्री मोदी और देश ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारे को बुलंद किया जा रहा है वही दूसरी पुलिस की वर्दी में कानून की रक्षा करने वाले लोग उसकी बहन और मासूम बेटियों को खत्म करने की फिराक में। पीड़ित भाई सुनील ने ईटीवी भारत के दफ्तर में पहुंचकर अपनी बहन और दो मासूम बेटियों की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाते हुए बेटियों को सरक्षण देने की मांग की है।
उधर पीड़ित प्रियंका अपने दो भाई और मां मासूम बच्चों के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाने बुद्धवार देहरादून पहुंची लेकिन मुख्यमंत्री से समय ना मिलने के कारण वह मायूस होकर ईटीवी भारत कार्यालय पहुँचकर अपने मासूम बच्चियों की जिंदगी बचाने की गुहार लगाती नजर आई।

one to one
पीड़ित परिवार

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