मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में बुधवार को विंटर लाइन कार्निवल- 2019 का रंगारंग आगाज हो गया. परेड के दौरान सांस्कृतिक झांकियों में लघु भारत की छटा बिखरी दिखी. इस दौरान कलाकारों के साथ पर्यटक भी जमकर थिरके. उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने ध्वजारोहण और गुब्बारे उड़ाकर कार्निवल का शुभारंभ किया. इससे पूर्व मसूरी विधायक गणेश जोशी और जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कृषि मंत्री का शॉल और गुलदस्ता देकर स्वागत किया.
कार्निवल परेड को सर्वे मैदान से विधायक गणेश जोशी, देहरादून जिलाधिकारी सी. रविशकर और नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने झंडी दिखाकर रवाना किया. सांस्कृतिक परेड लंढोर बाजार से शुरू होकर घंटाघर, अपार माल रोड, पिक्चर पैलेस, कुलड़ी बाजार, शहीद स्थल होते हुए गांधी चौक पहुंची.
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सांस्कृतिक झांकियां में जहां विभिन्न संस्कृतियों की झलक देखने को मिली तो वहीं उत्तराखंड का ग्रामीण परिवेश भी प्रस्तुत किया गया, जो सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बना. कार्निवल परेड में हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के साथ उत्तराखंड के पौड़ी, पिथौरागढ़, टिहरी गढ़वाल, जौनसार बावर, देहरादून और मसूरी की सांस्कृतिक टीमों ने प्रतिभाग किया.
इस मौके पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि विंटर लाइन कार्निवल से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. प्रदेश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी. उन्होंने कहा कि पर्यटन प्रदेश उत्तराखंड में रोजाना लाखों की संख्या में देश-विदेश के पर्यटक आते हैं, उनको बेहतर सुविधा देने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है. मसूरी उत्तराखंड का सिरमौर है, जहां पर रोज हजारों की तादाद पर पर्यटक आते हैं, ऐसे में उनको बेहतर सुविधा देने के लिए स्थानीय पालिका प्रशासन और जिला प्रशासन को मिलकर काम करना चाहिए.
वहीं, मसूरी की यातायात व्यवस्था को खराब बताते हुये कृषि मंत्री ने नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि यही वो कारण है जिससे यहां आने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मसूरी में वन-वे ट्रैफिक को लेकर काम करने की जरूरत है. देहरादून और मसूरी में लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए सरकार मसूरी पुरुकुल रोपवे का निर्माण करवा रही है. इससे आने वाले समय में पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को काफी फायदा मिलेगा. इसके साथ ही पर्यटन की दृष्टि से भी मसूरी मजबूत होगा.
क्या होता है विंटर लाइन?
विंटर लाइन के बारे में बताया जाता है कि यह रेखा धूल के कणों से बनती है, जो शाम के समय धूल के कण अधिक ऊपर उठने के कारण इस पर पड़ने वाली सूरज की किरणों से चमक उठती है. धूल के कण जितने अधिक होते हैं विंटर लाइन उतनी ही अधिक गहरी बनती है. यह रेखा अक्टूबर माह से दिसंबर तक मसूरी से दून घाटी के ऊपर दिखाई देती है. इस अद्भुत नजारे को पर्यटकों तक पहुंचाने के लिए सरकार हर साल दिसंबर में विंटर लाइन कार्निवल का आयोजन करती है, क्योंकि इन्हीं दिनों यह रेखा स्पष्ट दिखाई देती है.
दुनिया में विंटर लाइन का नजारा दुनिया में सिर्फ भारत के मसूरी, दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन और स्विट्जरलैंड में ही दिखाई देता है. अक्टूबर महीने के दूसरे सप्ताह से लेकर नवंबर आखिरी तक मसूरी मॉल रोड पर नजारा दिखाई देता है. मसूरी को विंटर लाइन रोशनी की तर्ज पर ही सजाया जाता है.