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हर बार हरिद्वार आकर शांतिकुंज और हरिहर आश्रम क्यों जाते हैं अमित शाह? ये है वजह

गृह मंत्री अमित शाह जब भी हरिद्वार दौरे पर आते हैं, तो शांतिकुंज और हरिहर आश्रम जरूर जाते हैं. इसके पीछे की मुख्य वजह है कि बीजेपी की हमेशा से हिन्दु वोटरों पर नजर रही है. हरिद्वार को साधु-संतो की नगरी भी कहा जाता है. ऐसे में अखाड़ा और आश्रमों के लाखों भक्त बीजेपी को सत्ता दिलाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. यही वजह है कि भाजपा के बड़े और कद्दावर नेता यहां हाजिरी लगाना नहीं भूलते.

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शांतिकुंज और हरिहर आश्रम क्यों जाते हैं शाह?
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Published : Oct 30, 2021, 4:09 PM IST

Updated : Oct 30, 2021, 4:25 PM IST

देहरादून: साल 2014 का लोकसभा चुनाव हो या फिर 2017 का उत्तराखंड विधानसभा चुनाव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या फिर पार्टी अध्यक्ष रहते हुए अमित शाह, मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा हों या फिर बीजेपी का कोई भी बड़ा नेता, अगर कोई भी उत्तराखंड आता है तो कोशिश यही करता है कि हरिद्वार जरूर जाए.

शांतिकुंज और हरिहर आश्रम जाएंगे शाह: इसमें खासकर देखें तो चुनावों के दौरान अमित शाह ने उत्तराखंड पहुंचकर हरिद्वार का कार्यक्रम जरूर बनाया है, जिसमें वो शांतिकुंज जाते हैं और उसके बाद कनखल स्थित हरिहर आश्रम में समय बिताते हैं. इस बार भी ठीक वैसा ही हो रहा है. दरअसल, इसके पीछे की बड़ी वजह है.

3 करोड़ वोटरों पर नजर: धर्मनगरी हरिद्वार स्थित शांतिकुंज या कहें अखिल भारतीय गायत्री परिवार का यह मुख्यालय भी है, जिसके संस्थापक पंडित श्री राम आचार्य हैं. पूरे विश्व में शांतिकुंज की लगभग 60 हजार शाखाएं हैं और शांतिकुंज के भक्तों की संख्या देशभर में लगभग तीन करोड़ से अधिक बताई जाती है. अमित शाह जानते हैं कि हरिद्वार में इन दो प्रमुख हस्तियों के पास आकर उन्हें न केवल धार्मिक आशीर्वाद मिलेगा बल्कि राजनीतिक आशीर्वाद भी मिलेगा.

शांतिकुंज के भक्तों से उम्मीद: दरअसल, हर चुनाव से पहले शांतिकुंज प्रमुख अपने लाखों-करोड़ों भक्तों को इशारों में ये जरूर ये संदेश दे देते हैं कि उनके पास आने वाला जो भक्त है, हमें उनका ध्यान रखना है. इससे पहले शांतिकुंज प्रमुख डॉ प्रणव पंड्या को बीजेपी ने राज्यसभा जाने का न्योता भी दिया था, लेकिन उस वक्त उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया था.

ये भी पढ़ें: शाह संबोधन: हरीश रावत को खुली चुनौती- किसी भी चौराहे पर करें चर्चा, अपना स्टिंग ऑपरेशन देखें

अखाड़ों के सहारे सत्ता की नैय्या: देशभर में ऐसा ही रुतबा जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि का भी है. अपने कथा प्रवचन, भागवत से लाखों-करोड़ों भक्तों को मंत्रमुग्ध करने वाले अवधेशानंद गिरि से भी अमित शाह से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा से लेकर तमाम बीजेपी के बड़े नेता मिलकर आशीर्वाद ले चुके हैं.

अवधेशानंद के भक्त बीजेपी नेता: बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कुंभ को सीमित रखने की बात कही थी तब भी पीएम ने अवधेशानंद गिरि से ही बातचीत की थी, जिसके बाद अखाड़ों ने भी इस फैसले का स्वागत किया था. अवधेशानंद गिरि के भी करोड़ों भक्त हैं और उन भक्तों की कृपा सीधे तौर पर बीजेपी पर हो सके, इसलिए भी तमाम बीजेपी नेता हरिद्वार में अवधेशानंद गिरि से मुलाकात करते रहते हैं.

बीजेपी का गढ़ हरिद्वार: हरिद्वार को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. इस बहाने हरिद्वार में 20 साल से बीजेपी के विधायक और आसपास की सीटों पर भी बीजेपी का ही कब्जा है. ऐसे में हरिद्वार में धार्मिक आशीर्वाद लेने के बहाने बीजेपी हिंदू वोटों को साधने का भी पूरा कार्यक्रम तैयार करके आती है.

देहरादून: साल 2014 का लोकसभा चुनाव हो या फिर 2017 का उत्तराखंड विधानसभा चुनाव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या फिर पार्टी अध्यक्ष रहते हुए अमित शाह, मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा हों या फिर बीजेपी का कोई भी बड़ा नेता, अगर कोई भी उत्तराखंड आता है तो कोशिश यही करता है कि हरिद्वार जरूर जाए.

शांतिकुंज और हरिहर आश्रम जाएंगे शाह: इसमें खासकर देखें तो चुनावों के दौरान अमित शाह ने उत्तराखंड पहुंचकर हरिद्वार का कार्यक्रम जरूर बनाया है, जिसमें वो शांतिकुंज जाते हैं और उसके बाद कनखल स्थित हरिहर आश्रम में समय बिताते हैं. इस बार भी ठीक वैसा ही हो रहा है. दरअसल, इसके पीछे की बड़ी वजह है.

3 करोड़ वोटरों पर नजर: धर्मनगरी हरिद्वार स्थित शांतिकुंज या कहें अखिल भारतीय गायत्री परिवार का यह मुख्यालय भी है, जिसके संस्थापक पंडित श्री राम आचार्य हैं. पूरे विश्व में शांतिकुंज की लगभग 60 हजार शाखाएं हैं और शांतिकुंज के भक्तों की संख्या देशभर में लगभग तीन करोड़ से अधिक बताई जाती है. अमित शाह जानते हैं कि हरिद्वार में इन दो प्रमुख हस्तियों के पास आकर उन्हें न केवल धार्मिक आशीर्वाद मिलेगा बल्कि राजनीतिक आशीर्वाद भी मिलेगा.

शांतिकुंज के भक्तों से उम्मीद: दरअसल, हर चुनाव से पहले शांतिकुंज प्रमुख अपने लाखों-करोड़ों भक्तों को इशारों में ये जरूर ये संदेश दे देते हैं कि उनके पास आने वाला जो भक्त है, हमें उनका ध्यान रखना है. इससे पहले शांतिकुंज प्रमुख डॉ प्रणव पंड्या को बीजेपी ने राज्यसभा जाने का न्योता भी दिया था, लेकिन उस वक्त उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया था.

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अखाड़ों के सहारे सत्ता की नैय्या: देशभर में ऐसा ही रुतबा जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि का भी है. अपने कथा प्रवचन, भागवत से लाखों-करोड़ों भक्तों को मंत्रमुग्ध करने वाले अवधेशानंद गिरि से भी अमित शाह से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा से लेकर तमाम बीजेपी के बड़े नेता मिलकर आशीर्वाद ले चुके हैं.

अवधेशानंद के भक्त बीजेपी नेता: बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कुंभ को सीमित रखने की बात कही थी तब भी पीएम ने अवधेशानंद गिरि से ही बातचीत की थी, जिसके बाद अखाड़ों ने भी इस फैसले का स्वागत किया था. अवधेशानंद गिरि के भी करोड़ों भक्त हैं और उन भक्तों की कृपा सीधे तौर पर बीजेपी पर हो सके, इसलिए भी तमाम बीजेपी नेता हरिद्वार में अवधेशानंद गिरि से मुलाकात करते रहते हैं.

बीजेपी का गढ़ हरिद्वार: हरिद्वार को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. इस बहाने हरिद्वार में 20 साल से बीजेपी के विधायक और आसपास की सीटों पर भी बीजेपी का ही कब्जा है. ऐसे में हरिद्वार में धार्मिक आशीर्वाद लेने के बहाने बीजेपी हिंदू वोटों को साधने का भी पूरा कार्यक्रम तैयार करके आती है.

Last Updated : Oct 30, 2021, 4:25 PM IST
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