विकासनगर: कालसी के किमोटा गांव के ग्रामीणों ने सड़क की मांग को लेकर लोक निर्माण विभाग कार्यालय साहिया पर प्रदर्शन कर धरना दिया. सहायक अभियंता राधिका शर्मा के आश्वासन पर ग्रामीणों ने धरना समाप्त किया. जौनसार बावर में वैसे तो कई गांव हैं, जो आजादी के बाद से ही उपेक्षित है. कई सरकारें आई और चली गई. लेकिन इन गांव मजरों में आज तक कई मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं.
इन्हीं में से कालसी ब्लॉक के ग्राम पंचायत का कनबुआ का कीमोटा गांव है, जहां 13 परिवार स्थाई रूप से निवास करते हैं. जिन्हें कई किलोमीटर पैदल चलकर रोजमर्रा की वस्तुओं को खरीदने के लिए खड़ी चढ़ाई करते हुए बाजार तक पहुंचना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी तो तब होती है जब महिलाएं या बुजुर्ग बीमार हो जाते हैं तो डंडी-कंडी के सहारे अस्पताल ले जाने के लिए मुख्य मार्ग तक पहुंचाना पड़ता है.
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वहीं ग्रामीणों का कहना है कि कई सरकारें आईं और गईं. लेकिन, सड़क आज तक नहीं बन पाई है. किसी तरह सड़क निर्माण को लेकर प्रक्रिया 2006 में स्वीकृत हुई थी. लेकिन एक दशक बीत जाने के बाद भी कीमोटा गांव के 13 परिवार अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. ऐसे में हम सरकार से आग्रह करते हैं कि शीघ्र ही ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए सड़क निर्माण का काम शुरू किया जाएगा.
इस मामले में लोक निर्माण विभाग की सहायक अभियंता राधिका शर्मा ने कहा कि वर्ष 2006 में प्रथम चरण की स्वीकृति करीब 5 किलोमीटर की मिली है. उसके बाद विभाग द्वारा सर्वे किया गया था एवं ग्रामीणों द्वारा सहमति भी दी गई थी. लेकिन बीच में ही कुछ अड़चनें आने के कारण योजना आगे नहीं बढ़ पाई है. फिलहाल बीते 25 फरवरी को वन विभाग को पत्र भेजा गया है, जिसमें संयुक्त निरीक्षण किया जाएगा और उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.